UP RERA ने 208 प्रोजेक्ट्स का किया ऑडिट, 6 बड़े बिल्डर्स के खिलाफ हुई कार्रवाई

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश रेरा (UP RERA) ने प्रदेश के 208 प्रोजेक्ट्स का ऑडिट किया और 6 बड़े बिल्डर्स के प्रोजेक्ट को डी-रजिस्टर कर दिया गया है. जिन प्रोजेक्ट्स को डी-रजिस्टर किया गया है वे हैं, रोहतास प्रेसिडेंशियल टॉवर, रोहतास प्लूमेरिया होम्स, रोहतास प्लैटिना, द अरण्य फेज 3,4 और 5. RERA की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बाबत जानकारी दी गई. प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि पिछले एक साल में अभी तक 10 हजार से ज्यादा विवादों का निस्तारण यूपी रेरा द्वारा किया गया है. यूपी के मुकाबले में महाराष्ट्र में 10 गुना ज्यादा रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट्स रजिस्टर्ड है, लेकिन वहां अभी तक 5 हजार मामलों का निस्तारण किया गया है. यूपी रेरा के कॉन्सिलिएशन फॉरम के जरिए 85 फीसदी शिकायतें आपसी सहमति से हल की जा चुकी हैं.

यूपी रेरा ने पिछले एक साल में 250 प्रोजेक्ट्स का ऑडिट कराया है, जिसमें 25 फीसदी प्रोजेक्ट्स में कोई परेशानी नहीं है. 50 फीसदी प्रोजेक्ट्स को आगे डेवलप किया जा सकता है. 20 फीसदी प्रोजेक्ट्स में पैसे का डायवर्जन है या प्रमोटर किसी वजह से उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. 846 मामलों में 300 करोड़ धनराशि की रिकवरी के आदेश यूपी रेरा की ओर से दिए गए हैं, जिसमें 30 करोड़ की रिकवरी विभिन्न जिलाधिकारियों के माध्यम से की जा चुकी है.

गुणवत्ता के लिहाज से सभी प्रोजेक्ट्स और डेवलपर की ग्रेडिंग कराई जाएगी. अंब्रेला सॉफ्टवेयर के जरिए सभी तरह के क्लीयरेंस सिंगल विंडो सिस्टम के तहत दिए जाएंगे. यूपी रेरा की कार्य प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए इसे पूरी तरह डिजिटल किया जाएगा और लखनऊ के अलावा ग्रेटर नोएडा में भी ई-कोड्स की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. कम्प्लेन रजिस्टर कराने से लेकर उसके डिस्पोजल तक पूरी प्रक्रिया डिजिटल रहेगी.

2650 प्रोजेक्ट्स यूपी रेरा में रजिस्टर्ड हैं
लखनऊ में 262 प्रोजेक्ट्स जिला परिषद और एलडीए की 10 किलोमीटर सीमा में बनाई जानी है, लेकिन इन सभी में जिला परिषद से नक्शा पास नहीं है. हमारी तरफ से जिला परिषद से नक्शा पास कराने के लिए कहा गया है.

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