शुल्क वापसी के लिए लगानी पड़ सकती हैं गुहार …!

15% फीस वापसी न होने पर नियामक समिति से करनी होगी शिकायत …

कोरोना प्रभावित सत्र 2020-21 में स्कूलों द्वारा वसूले गए शुल्क की 15% धनराशि के एडजस्टमेंट या वापसी को लेकर हाईकोर्ट और शासन के निर्देश के बाद सोमवार को लखनऊ डीएम ने भी आदेश जारी कर दिया।

जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि यदि निर्देश का अनुपालन नही किया जाता हैं तो कोई भी छात्र,संरक्षक या अभिभावक जिला शुल्क नियामक समिति से शिकायत कर सकते हैं। और यहां भी सुनवाई न होने पर मंडलीय प्राधिकरण को भी शिकायत भेजी जा सकती हैं।

सोमवार को जारी किया गया आदेश
सोमवार को जारी किया गया आदेश

हाईकोर्ट के आदेश के बाद जारी हुआ था शासनादेश

डीएम सूर्यपाल गंगवार ने आदेश जारी करके कहा हैं कि 16 फरवरी, 2023 को जारी शासनादेश के तहत के उच्च न्यायालय इलाहाबाद में PIL संख्या-576/2020 में जारी आदेश के लागू किया जाना हैं। इसके तहत सभी स्टूडेंट्स की फीस का 15% धनराशि वर्तमान सत्र में एडजस्ट की जाए या फिर वापस कर दी जाए।

यदि किसी स्टूडेंट या अभिभावक को इसका लाभ नही मिलता हैं तो शुल्क विनियमन अधिनियम, 2018 के तहत गठित जिला शुल्क नियामक समिति को शिकायत की जा सकती हैं। जिस पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जनपदीय समिति निर्णय लेगी।

इसके बाद यदि कोई स्कूल या कोई व्यक्ति जो जिला शुल्क नियामक समिति के निर्णय विरुद्ध अपील करना चाहता हैं तो मण्डलीय अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष दायर कर सकता हैं।

डीएम ने सभी स्कूलों के प्रबन्धक और प्रधानाचार्यों को उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जारी किए गए शासनादेश के पालन करने निर्देश दिए हैं।

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