भिंड … कहीं खदान के पानी में बुझ न जाए ‘चिराग’ …!
भिंड में 150 फीट गहरी खदानों के गड्ढों में नहाने के लिए उतर रहे मासूम …
डांग पंचायत, बंजारे का पुरा और दिलीप सिंह का पुरा के आस पास के एरिया में खदानों की दहशत बनी हुई है। इन गांव के नजदीक तक पत्थर माफिया खुदाई करते हुए आ चुकें है। इन गांववालों को सुरक्षित किए जाने के लिए ग्राम पंचायत से लेकर प्रशासनिक अफसरों द्वारा सुध नहीं ली जा रही है। इधर माइनिंग विभाग के अफसर भी दूरियां बनाए हैं।
……. टीम खदानों में होने वाले ब्लास्ट से दहलने वाले गांव की हकीकत जानने पहुंची। जब टीम के सदस्य गोहद कस्बे से कुछ ही दूरी पर हाईवे से होते हुए खदानों की तरफ गई तक 150 से 200 फीट गहरी खदानें नजर आईं। इन खदानों में सबसे खास बात ये देखने को मिली कि यहां सुरक्षा संबंधी उपाए ताक पर रखे गए है। यहां माइनिंग सेफ्टी जैसे रूल्स दूर-दूर तक नहीं है। खदानों के अंदर से लोग सीधे तौर पर पत्थरों की खदाई कर रहे है। इन खदानों के अंदर से डंपर जब पत्थर का बोझ लेकर डेढ़ सौ फीट की ऊंचाई पर चढ़ते है तो उनकी भी सांसें फूल जाती हैं। ये पत्थरों से भरे डंपर का चालक कई बार रास्ते में डंपर को रोकते है फिर पीछे बड़ा सा पत्थर टायर के पीछे लगाते है जैसे तैसे ऊपर पहुंच पाते हैं।
खदानों के पानी में डुबकी लगा रहे गांव के बच्चे
डेढ़ सौ फीट से अधिक गहरी खदानों में जमीन के अंदर से पानी आने लगा है। ये खदानें तालाब के रूप में बदल चुकी है। इन खदानों में भरे पानी में जानवर गिरकर मर हरे है। वहीं एक खदानें में करीब पांच से छह बालक-बालिकाएं नहाते हुए नजर आईं। ये बालक बालिकाएं पानी में डुबकी लगाते दिखी। जब दैनिक भास्कर की टीम पहुंची तो बच्चे वहां से भाग खड़े हुए।
हर घर को नुकसान
इन खदानों के खनन के कारण हर दूसरा घर को नुकसान हुआ है। इस मामले में ग्राम पंचायत का हस्ताक्षेप जानना चाहा तो गांव के सरपंच से लेकर सचिव सभी से बातचीत की गई तो वे बगलें झांकने को मजबूर हो गए। सभी स्वयं को पाक साफ घोषित करने में जुटे रहे हैं। उनके द्वारा दिए गए बयानों से एक बात साफ होती नजर आई कि पूरे कुएं में भांग घुल चुकी है।
शिकायत की थी, सुनवाई नहीं हुई
डांग पंचायत की सरपंच प्रेमा गुर्जर है। जब असुरक्षित खदानों को लेकर गांव के सरपंच से बातचीत करनी चाही फोन सरपंच के पति ने रिसीव किया। उनसे जब बातचीत की गई तो उनका जवाब निराशा जनक था। उनका कहना हैकि इन खदानों को प्रशासनिक अफसर चलवा रहे है। इन खदानों की वजह से गांव के लाेगों को खतरा है। पहले कई बार लिखित शिकायत की गई। परंतु कोई सुनवाई नहीं की गई।
सरकार ही चलवा रही खदानें
जब इस मामले में गांव के सचिव हरज्ञान राजौरिया से बातचीत की गई। गांव के जिन लोगों के मकानों में दरारें है वे स्वयं शिकायत करें। ग्राम पंचायत इस में क्या कर सकती है।
जब सचिव से पूछा गया कि खदानों में होने वाले ब्लास्टिंग से गांव में खतरा बना हुआ है इस बात की रिपोर्ट कभी पंचायत की ओर से दी गई?
इस सवाल का जवाब सीधे तौर पर ना रहा। उनका कहना था कि जब बड़े अधिकारी ही खदानों को मंजूरी देते है तो मैं इसमें क्या कर सकता हूं।
जितना चाहते उतना खोद सकते
जब इस मामले में जिला माइनिंग अफसर दिनेश डुडवे से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि खदान को 12 मीटर तक की गहराई तक खोदा जाता है। परंतु पत्थर होने पर गहराई बढ़ाई जा सकती है। खदानों को यद्पि सुरक्षित तरीके से पत्थर माफिया नहीं कर रहे है। ऐसे में पूर्व में नोटिस दिए भी गए थे।
माइनिंग टीम भेजकर निरीक्षण कराया जाएगा
डांग पंचायत की खदानों को लेकर माइनिंग अफसर से बात करूंगा। सभी खदानों के निरीक्षण किए जाने, आस पास के गांव में लोगों के घरों में पत्थर पहुंचने, दीवारों में दरार होने की रिपोर्ट मांगी जाएगी। साथ ही जो खदानें असुरक्षित है। माइनिंगसेफ्टी रूल्स का पालन नहीं कराया जा रहा है। ऐसे खदानों की रिपोर्ट तलब करूंगा। गोहदचौराहा पुलिस का भी इस ओर ध्यान आकर्षित कराया जाएगा। गलत पाए जाने पर सख्ती बरती जाएगी।
- एसडीएम, गोहद अनुविभाग, भिंड