ग्वालियर.  वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2022-23 की समाप्ति नजदीक है। ऐसे में राजस्व वसूली का आंकड़ा बढ़ाने के लिए नगर निगम के अमले ने संपत्तिकर और जलकर वसूली का अभियान शुरू किया है। इसमें बड़े बकाएदारों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। जीवाजी यूनिवर्सिटी पर संपत्तिकर के रूप में सात करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान बकाया है। नगर निगम द्वारा मप्र नगर पालिक निगम अधिनियम की धारा 173 एवं 174 के तहत पूर्व में नोटिस दिए गए थे। इसके अतिरिक्त लोक अदालत द्वारा विगत दो वर्षों में सात बार नोटिस देने के उपरांत भी जीवाजी यूनिवर्सिटी द्वारा संपत्तिकर का भुगतान नहीं किया जा रहा है।

उपायुक्त संपत्तिकर एपीएस भदौरिया ने बताया कि गत वर्ष आयुक्त ग्वालियर संभाग द्वारा जीवाजी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की मीटिंग में जीवाजी यूनिवर्सिटी को बकाया संपत्तिकर के भुगतान के निर्देश दिए गए थे। उसके उपरांत भी जीवाजी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों द्वारा संपत्तिकर का भुगतान नहीं किया गया। आयुक्त नगर निगम द्वारा इस संबंध में स्वयं जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलपति से चर्चा कर संपत्तिकर जमा करने की अपील की थी। इसके बाद निगम के अधिकारी कई बार जीवाजी विश्वविद्यालय पहुंचे एवं मध्य प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव शहरी विकास एवं प्रमुख सचिव वित्त के आदेश दिनाक 23 मार्च.2022 को भी प्रस्तुत किया गया। इस आदेश के अनुसार समस्त केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के विभाग एवं संस्थाओं को सेवा प्रभार शुल्क का भुगतान किया जाना अनिवार्य है। इसके बावजूद जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा शासन के सभी आदेशों की अनदेखी की गई। हालांकि नगर निगम के अधिकारियों ने गत शनिवार को जीवाजी यूनिवर्सिटी में पेयजल आपूर्ति करने वाली लाइन को काट दिया। अब नगर निगम के अधिकारी फिर से इस संबंध में जीवाजी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से चर्चा कर संपत्तिकर की राशि जमा कराने की कार्रवाई की जाएगी। ऐसा न करने पर निगम द्वारा विधिक कार्रवाई की जाएगी।