ग्वालियर नगर निगम जर्जर सड़कें मोहल्लों में अंधेरा और आवारा जानवर बने मुसीबत …!

जर्जर सड़कें, ओवरफ्लो सीवर, आए दिन फूटती पानी की लाइन, मोहल्लों में अंधेरा और आवारा जानवर बने मुसीबत

नगर निगम के अधिकारियों द्वारा अपने कर्तव्य का निर्वहन ठीक ढंग से नहीं किए जाने के कारण शहर के लोगों को सड़क, सीवर, पानी, अतिक्रमण, स्ट्रीट लाइट और आवारा जानवरों…

जर्जर सड़कें, ओवरफ्लो सीवर, आए दिन फूटती पानी की लाइन, मोहल्लों में अंधेरा और आवारा जानवर बने मुसीबत
ग्वालियर. नगर निगम के अधिकारियों द्वारा अपने कर्तव्य का निर्वहन ठीक ढंग से नहीं किए जाने के कारण शहर के लोगों को सड़क, सीवर, पानी, अतिक्रमण, स्ट्रीट लाइट और आवारा जानवरों की समस्या से जूझना पड़ रहा है। शहर की अधिकांश सड़कें बदहाल स्थिति में हैं, जिनसे गुजरते वक्त लोगों को डर बना रहता है कि कब कहां गड्ढा आ आए और वाहन लडखड़़ा जाए। वहीं अमृत योजना के तहत डाली गई पानी की लाइन आए दिन फूट जाती हैं, जिससे लोग परेशान रहते हैं। कई वार्डों में स्ट्रीट लाइट नहीं जलने से अंधेरा रहता है, तो कई जगह सीवर की गंदगी सड़क पर बह रही है। हर गली मोहल्ले में आवारा जानवर भी परेशानी का सबब बने हुए हैं। 100 से अधिक लोगों को रोजाना कुत्ते काट रहे हैं। परिषद की हर बैठक में पार्षद इन समस्याओं पर हंगामा करते रहे हैं, और सभापति मनोज तोमर आयुक्त व अन्य अधिकारियों से तत्काल इन समस्याओं का समाधान करने की बात कहते रहे हैं, लेकिन होता कुछ नहीं है। वर्तमान में चल रहे विकास कार्यों की लिस्ट पार्षदों को देने के लिए कहा गया है। लेकिन कोई भी लिस्ट पार्षदों को नहीं दी गई है। पूर्व में अमृत योजना में गड़बड़ी को लेकर विरोध होने पर पार्षदों को आधी-अधूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई। इन समस्याओं को लेकर आमजन में महापौर, एमआइसी सदस्य, सभापति, नेता प्रतिपक्ष, पार्षद व अधिकारियों के प्रति खासा आक्रोश है। वहीं पार्षद वार्ड में कार्य नहीं होने से निगम के अधिकारियों, महापौर व सभापति से नाराज हैं।
यह समस्याएं बनीं शहरवासियों की परेशानी
सीवर : सीवर पर 381 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं है। कई स्थानों पर सड़क पर सीवर की गंदगी फैल रही है। सीवर के नोडल राजेंद्र भदौरिया अधिकारियों व कर्मचारियों पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं। इस पर आयुक्त भी कई बार नाराजगी जता चुके हैं। लेकिन एक मंत्री के खास होने से आयुक्त भी उन पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं।
सड़क : नगर निगम सीमा क्षेत्र में लगभग सभी सड़कें जर्जर स्थिति में हैं। परिषद के निर्देश के बाद आयुक्त की ओर से तमाम बार अधिकारियों से सड़कों की स्थिति सुधारने के लिए कहा गया है। लेकिन अधीक्षण यंत्री कीर्तिवर्धन मिश्रा, सुशील कटारे, सुरेश अहिरवार, एपीएस जादौन व रोहित तिवारी सहित कोई भी अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहा है। इसका खामियाजा शहर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
एलईडी लाइट : शहर में स्ट्रीट लाइट की समस्या बढ़ रही है। दो साल बाद भी एलईडी लाइट का कार्य पूरा नहीं हुआ है। इसको लेकर नगर निगम व स्मार्ट सिटी के जिम्मेदार आपस में झगड़ रहे हैं। इससे शहरवासियों को नुकसान हो रहा है। हर दिन पार्षद विद्युत विभाग व स्मार्ट सिटी कार्यालय पर पहुंच रहे हैं। स्मार्ट सिटी व विद्युत व्यवस्था के प्रभारी देवी ङ्क्षसह राठौर द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने से शहर में कई वार्डों में अंधेरा पसरा है।
पानी : अमृत योजना के कार्यों में कार्यपालन यंत्री, उपयंत्री व कर्मचारी मनमर्जी से कार्य कर रहे हैं। योजना के नोडल बनाए गए जागेश श्रीवास्तव व ठेका कंपनी के प्रभारी पीयूष शर्मा न तो शहर में हर दिन पाइप लाइन फूटने पर रोक लगा पा रहे हैं, ना ही शहरवासियों को गंदे पानी की सप्लाई से निजात दिला पा रहे हैं। शहर में कई जगह लोग खरीदकर पानी पी रहे हैं।
आवारा मवेशी व डॉग बाइट : शहर में आवारा जानवरों के आतंक से शहरवासी परेशान हैं। हर दिन आवारा जानवरों की 10 से अधिक शिकायतें निगम के हेल्पलाइन नंबर व सीएम हेल्पलाइन पर पहुंच रही हैं। वहीं प्रतिदिन 100 से अधिक लोग कुत्तों के शिकार होकर जेएएच, सिविल अस्पताल हजीरा व जिला अस्पताल मुरार में इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं। आवारा मवेशियों की जिम्मेदारी उपायुक्त सतपाल ङ्क्षसह चौहान को दी गई है, लेकिन उनकी टीम कहां कार्रवाई कर रही है किसी को पता ही नहीं चलता है।
अवैध कॉलोनी व अतिक्रमण : नगर निगम सीमा क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध कॉलोनी काटी जा रही हैं और जमकर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन पर रोक लगाने की जिम्मेदारी सिटी प्लानर पवन ङ्क्षसघल व उनकी टीम की है, लेकिन वह कार्रवाई करने से बच रहे हैं। कार्रवाई न करने का मुख्य कारण जनप्रतिनिधियों का दबाव बताया जा रहा है। कलेक्टर व निगम आयुक्त की जनसुनवाई में हर बार 50 से अधिक शिकायतें अवैध कॉलोनी व अतिक्रमण की आती हैं।
स्वच्छता : स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 के लिए टीम अगले महीने आने वाली है, लेकिन आज भी शहर के हर गली-मोहल्ले में जगह-जगह गंदगी है। आयुक्त किशोर कान्याल, उपायुक्त अमरसत्य गुप्ता, सतपाल ङ्क्षसह चौहान, अतिबल ङ्क्षसह यादव व मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वैभव श्रीवास्तव को हर दिन निरीक्षण में गंदगी मिल रही है। काफी संख्या में सफाईकर्मी अनुपस्थित मिल रहे हैं।
परिषद में विरोध करेंगे
शहर में एलईडी लाइट, सड़क, सीवर व पानी की काफी समस्या है। हम परिषद की आगामी बैठक में इन समस्याओं को लेकर विरोध करेंगे। हमें आज तक किसी भी चीज की लिस्ट निगम अमले ने उपलब्ध नहीं कराई है।
हरीपाल ङ्क्षसह, नेता प्रतिपक्ष

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