ग्वालियर – हॉलमार्क HUID के साथ ही मिलेगा अब ’24 कैरेट गोल्ड’, पुराने गहने अब नहीं बेच पाएंगे

अभी तक 14, 18, 20 और 22 कैरेट पर ही लागू था नियम, बीआइएस ने किया लागू…

ग्वालियर। अब 24 कैरेट गोल्ड भी खरीदार को हॉलमार्क एचयूआइडी के साथ ही मिलेगा। अभी तक 14, 18, 20 और 22 कैरेट सोने के आभूषण पर ही ये नियम लागू था। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) ने अब इसमें 24 कैरेट गोल्ड को भी शामिल कर लिया है। हालांकि असली सोना 24 कैरेट का ही होता है, लेकिन इसके आभूषण नहीं बनते, क्योंकि वो बेहद मुलायम होता है। आभूषणों के लिए 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें 91.66 फीसदी सोना होता है। मध्यप्रदेश में 24 कैरेट में सिक्के, चूडिय़ां आदि ही बनाए जाते हैं। 24 कैरेट गोल्ड को भी हॉलमार्क एचयूआइडी के साथ शामिल कर लिए जाने से खरीदार ठगी का शिकार होने से बच जाएंगे। अभी तक कई ज्वैलर्स 18 कैरेट की ज्वैलरी को ही 22 और 23 कैरेट का बताकर बेच दिया करते थे जो अब नहीं हो सकेगा।

ज्वैलरी का आधार नंबर है एचयूआइडी

हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता की गारंटी है। अधिकतर आभूषण पर एचयूआइडी नंबर लिखा होता है। नंबर को लेंस से देख कर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) के पोर्टल और बीआइएस केयर ऐप पर सत्यापित किया जा सकता है। आभूषण कहां बना? कहां जांच हुई? कितनी मिलावट? कितने कैरेट का है? इसका पता चल जाता है। यही नहीं, ऐप में अगर ज्वैलरी का हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (एचयूआइडी) हॉलमार्क नंबर गलत मिले तो उपभोक्ता ऐप पर ही इसकी शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं। केंद्र सरकार ने जुलाई 2021 में एचयूआइडी नंबर जारी किया था। हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (एचयूआइडी) नंबर एक तरह से ज्वैलरी का आधार नंबर जैसा है और ये दिल्ली से बनकर आता है।

चार और पांच डिजिट के गहनों का नि:शुल्क एचयूआइडी कराए सरकार

केंद्र सरकार ने सोना और ज्वैलरी खरीदने-बेचने के नियमों में बदलाव कर दिया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक 31 मार्च 2023 के बाद बिना हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन डिजिट (एचयूआइडी) वाले सोने के गहने और कलाकृतियों को नहीं बेचा जा सकेगा। हालांकि सरकार की ओर से करीब 2 साल का समय भी इस ज्वैलरी को बेचने के लिए दिया गया था, जो नाकाफी रहा। ज्वैलर्स का कहना है कि पुरानी व्यवस्था के अनुसार 4 व 5 डिजिट के गहनों का स्टॉक अमान्य करना न्याय संगत नहीं है। मध्यप्रदेश सराफा ऐसोसिएशन संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजा सराफ ने कहा कि पहले 5 डिजिट, उसके बाद 4 डिजिट में हॉलमार्क होता था। 2 साल पहले इसे बदलकर 6 डिजिट कर दिया गया और अब 4, 5 डिजिट के गहनों की वैधता 31 मार्च 2023 कर दी गई है।

इसके बाद यदि किसी सराफा कारोबारी के पास 4 या 5 डिजिट वाला आभूषण होगा, तो उसे 6 डिजिट में बदलना होगा। इसके लिए एक पीस पर 53 रुपए फीस लगेगी। जिससे हॉलमार्क सेंटर को 40.50 रुपए, बीआइएस को 4.50 रुपए रॉयल्टी और सरकार को 8.10 रुपए जीएसटी की कमाई होगी। हमारी मांग है कि 4 और 5 डिजिट के गहनों को नि:शुल्क एचयूआइडी कराया जाए।

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