क्या फांसी के बजाय सजा का कम दर्दनाक तरीका है …!
क्या फांसी के बजाय सजा का कम दर्दनाक तरीका है
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कोर्ट ने यह बातें मौत की सजा के तरीकों पर केंद्रित याचिका की सुनवाई के दौरान कहीं। याचिका में शूटिंग, लीथल इंजेक्शन और करंट के जरिए मौत की सजा देने का सुझाव दिया गया है। लॉ कमीशन की रिपोर्ट को पढ़कर सुनाते हुए एडवोकेट ऋषि मल्होत्रा ने कहा कि फांसी की सजा देना बहुत क्रूर प्रोसेस है। इस मामले में अगली सुनवाई 2 मई को होगी।
CJI बोले- हमें डेटा की जरूरत
मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डॉ. चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें एनएलयू, एम्स समेत कुछ बड़े अस्पतालों के साइंटिफिक डेटा की जरूरत है। फांसी लगने के बाद मौत होने में कितना समय लगता है। फांसी से कितना दर्द होता है, फांसी के लिए किस तरह के संसाधनों की जरूरत होती है।
कोर्ट ने पूछा कि क्या यह अभी भी सबसे अच्छा तरीका है? साइंस और टेक्नोलॉजी के आज के ज्ञान के आधार पर और क्या बेहतर मानवीय तरीके हो सकते हैं। यदि कोई अच्छा तरीका मिलता है तो हम उसे मौत की सजा देने के लिए अपना लेंगे।
जस्टिस नरसिम्हा ने कहा- फांसी सही तरीका
जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने कहा कि मृत्यु में गरिमा होनी चाहिए। इसमें कम दर्द देने वाली प्रतियोगिता नहीं होनी चाहिए। फांसी की सजा दोनों ही कंडीशन में सही है। उन्होंने पूछा कि क्या लीथल इंजेक्शन वाला सुझाव सही है। अमेरिका में यह पाया गया था कि लीथल इंजेक्शन से तुरंत मौत नहीं होती है। यह दर्दनाक भी है। शूटिंग की बात करें तो यह मानवाधिकारों का उल्लंघन और आर्मी का पसंदीदा टाइम-पास होगा।