ग्वालियर  प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर संगठन की नसीहत ग्वालियर में गायब है। यहां वरिष्ठ नेतृत्व तक के आदेश की अनसुनी की जा रही है। ग्वालियर में विभिन्न पद प्राधिकरण-समितियों में नियुक्तियों के इंतजार में भाजपा की कोर कमेटी के अते-पते ही नहीं हैं। हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भोपाल में कोर कमेटी की अहमियत भी बताई थी।

यहां नियुक्तियों को लेकर चल रहे इंतजार में कोर कमेटी की बैठक का इंतजार है, लेकिन पहले ही जो वरिष्ठ पार्षदों के नाम गुपचुप भोपाल भेज दिए गए थे वह अब निरस्त कर दिए गए हैं। अब दोबारा नए नामों की सूची तैयार की जाएगी। पहले नाम भेजने से पहले किसी को न बताया गया न ही पूछा गया था। संगठन में गुटबाजी भी जमकर है, जिसका यह नतीजा है। यह हाल तब है जब सिर पर विधानसभा चुनाव आ रहे हैं। यहां बता दें कि 13 मार्च को नईदुनिया ने च्कोर कमेटी दरकिनार और नियुक्तियों का इंतजारज् शीर्षक से इस मामले को सामने रखा था। इसमें बताया था कि भाजपा ग्वालियर में गुटबाजी के चलते गुपचुप नाम भेजे गए और स्थानीय नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं में आक्रोश है।

ये होनी है नियुक्तियां

– 12 वरिष्ठ पार्षद

– जीडीए, साडा व हाउसिंग बोर्ड के संचालक

– जिला दीनदयाल अंत्योदय समिति

– नगर निगम अंत्योदय समित

– जिला स्वास्थ्य समिति

– जिला सड़क सुरक्षा समिति द्यजिला योजना समिति

– विद्युत मंडल की निगरानी समितियां

– जेल संदर्शक

यह है कोर कमेटी, जिसकी बैठक का है इंतजार

द्यकोर कमेटी में ग्वालियर के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सांसद विवेक शेजवलकर, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अरूण चतुर्वेदी, कमल माखीजानी व तीनों महामंत्री शामिल होते हैं। यह कमेटी जो नाम प्रस्तावित कर भोपाल भेजती है उन पर ही विचार किए जाने का नियम है।