इंदौर। इंदौर में भूखंड बेचने के सालों बाद भी विकास कार्य पूरे नहीं कराने पर अब सख्ती की जाने लगी है। कालोनाइजरों की धोखाधड़ी पर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। लिंबोदी की पीस पाइंट कालोनी में विकास कार्य नहीं कराने पर कलेक्टर इलैया राजा टी ने कालोनी के डायरेक्टर बिजेंदर सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं, असरावद खुर्द और मिर्जापुर में सैटेलाइट वैली फेज-वन और फेज-टू में कालोनाइजर अतुल सुराणा और अरुण डागरिया की ओर से बंधक प्लाट बेचने की जांच के निर्देश दिए गए हैं।

मंगलवार को प्रदीप ममतानी, मोहित यादव, रोहित मीणा, हरीश मंडलोई, गगन कालरा सहित कई पीड़ितों ने कलेक्टर कार्यालय की जनसुनवाई में पीस पाइंट कालोनी के बारे में शिकायत की। पीड़ितों ने कलेक्टर को बताया कि उन्होंने वर्ष 2018 में पीस पाइंट कालोनी में प्लाट खरीदे थे। प्लाट खरीदते समय कालोनाइजर ने वादा किया था कि कालोनी का विकास एक साल में वर्ष 2019 तक कर दिया जाएगा, लेकिन चार साल बाद भी कालोनी का विकास नहीं कराया गया है। इस वजह से उनको भूखंडों पर निर्माण की अनुमति नहीं मिल पा रही है।
बंधक रखे 128 प्लाट भी बेच दिए

शिकायतकर्ताओं ने कलेक्टर से कहा कि उन जैसे भूखंडधारकों से लिए गए पैसे से ही कालोनाइजर लिंबोदी में खुद का भव्य बंगला बना रहा है, लेकिन कालोनी में विकास कार्य नहीं कर रहा। दूसरी तरफ, सैटेलाइट वैली में भूखंड खरीदने वाले बाबू कुशवाह, संजय ठाकुर, सरोज मित्तल आदि ने कलेक्टर से शिकायत की कि कालोनाइजर ने बंधक रखे गए 128 प्लाट अवैध तरीके से विक्रय कर दिए हैं, जबकि कालोनी का विकास कार्य पूरा नहीं कराया है।

गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चे को तत्काल एक लाख की सहायता

जनसुनवाई में रामानंद नगर निवासी राकेश सेन और रमा सेन अपने 13 वर्षीय बेटे नैतिक को लेकर पहुंचे। नैतिक के पिता ने बताया कि बेटे के बोनमैरो में दिक्कत है। इससे बार-बार प्लेटलेट्स चढ़ाना पड़ता है। डाक्टरों ने जांच करके बताया कि चार महीने इसका उपचार चलेगा, लेकिन यह इलाज बहुत महंगा है। दवाई से ठीक नहीं हुआ तो बोनमैरो ट्रांसप्लांट कराना पड़ सकता है। राकेश ने कहा कि वह फोटोग्राफी करके परिवार चलाते हैं। इतना पैसा नहीं है कि महंगा इलाज करा सकूं। इस कलेक्टर इलैया राजा ने उपचार के लिए रेडक्रास सोसायटी से तत्काल एक लाख रुपये का चेक उपलब्ध कराया। यह भी आश्वस्त किया कि यदि बोनमैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ी तो उसमें भी मदद की जाएगी।

तीन साल पहले जारी हुए रुपये, अब तक नहीं मिले

मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम में ड्राइवर की नौकरी करने वाले बुजुर्ग शांतिलाल सोलंकी ने अपर कलेक्टर सपना लोवंशी को शिकायत की। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग ने एक लाख 54 हजार 847 रुपये का भुगतान कराने के लिए तीन साल पहले आरआरसी जारी की थी, लेकिन आज तक उन्हें यह राशि नहीं मिल पाई है। अपर कलेक्टर ने यह मामला एसडीएम अंशुल खरे को सौंपा है। जनसुनवाई में अपर कलेक्टर अभय बेडेकर, अजयदेव शर्मा ने भी शिकायतें और समस्याएं सुनीं।