थम गया कर्नाटक के रणक्षेत्र में प्रचार का शोर ..?

थम गया कर्नाटक के रणक्षेत्र में प्रचार का शोर, अब सबकी नजरें 10 मई को मतदान पर…अंतिम दिन भी जम कर पार्टियों ने किया प्रचार
 कर्नाटक चुनाव के रणक्षेत्र में गर्जना भरने के लिए सभी पार्टियों के लिए सोमवार 7 मई अंतिम दिन था. आज शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम गया.
 कर्नाटक चुनाव के रणक्षेत्र में गर्जना भरने के लिए सभी पार्टियों के लिए सोमवार 7 मई अंतिम दिन था. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार आज शाम पांच बजे थम गया. इस बार प्रचार के दौरान मुस्लिम आरक्षण, बजरंग बली, महंगाई, भ्रष्टाचार समेत कई मुद्दे छाए रहे. क्या सत्ता पक्ष और क्या विपक्ष, सबके बीच सिर्फ जुबानी जंग नहीं दिखी बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर ही जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला.

अब आदर्श आचार संहिता के मुताबिक सोमवार को चुनाव प्रचार अंतिम दिन था. अब 10 को जनता तय करेगी कि राज्य में फिर से भगवा का परचम लहराएगा कि इस बार तमाम सर्वे में जो बातें सामने आई हैं उसके मुताबिक कांग्रेस सरकार बनाएगी.

भाजपा ने बजरंग दल से बजरंग बली तक पहुंचाई राजनीति

कांग्रेस कर्नाटक में रणक्षेत्र में शुरु से आगे चल रही थी. लेकिन उसने जैसे ही अपने चुनावी घोषणा पत्र का जिक्र किया तो मानों बीजेपी ने उसे चौतरफा घेर लिया. कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने की घोषणा की. इसके बारे में जैसे ही सभी को मालूम हुआ कि मानों एकाएक कर्नाटक में नाटक का स्तर अपने चरम पर पहुंच गया. बीजेपी ने मौका देख कर न सिर्फ लपका बल्कि इसे भुनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रैलियों में जमकर कांग्रेस पर बरसे और बजरंग दल की तुलना बजरंग बली से करते हुए कांग्रेस को खूब लताड़ा. चूंकि कर्नाटक में 80 % मतदाता हिंदू हैं और कांग्रेस चूंकि शुरु से मंहंगाई, भ्रष्टाचार और मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा को घेर रही थी तो उससे भाजपा भी थोड़ा असहज महसूस कर रही थी लेकिन बजरंग दल को बैन करने वाली घोषणा ने बीजेपी को एक जबरदस्त मौका दे दिया. मजबूरन  कांग्रेस के लोगों को यह तक कहना पड़ गया कि जब वह पार्टी सत्ता में आएगी तो राज्य में बजरंग बली की ढे़र सारे मंदिर बनवाएगी.

आरक्षण पर घिरी कांग्रेस

13 मई को अगर राज्य में कांग्रेस की वापसी होगी तो वह मुस्लिमों को आरक्षण देने पर विचार करेगी. इसे लेकर उसने अपने घोषणा पत्र में भी बात कही है.चूंकि चुनाव से ऐन पहले भाजपा ने लिंगायत और वोक्कालिगा को 2-2 प्रतिशत आरक्षण दिया है और ये कुल चार प्रतिशत काटे गए वोट मुस्लिम आरक्षण का हिस्सा था. इस पर भी जमकर राजनीति हुई. भाजपा ने कांग्रेस को इस मुद्दे पर घेरा कि कांग्रेस संविधान से परे जाकर धर्म के आधार पर आरक्षण देने की बात करती है तो कांग्रेस ने भी कहा कि अगर भाजपा लिंगायत और वोक्कालिगा के लिए इतनी ही चिंतित थी तो चुनाव से ठीक पहले ही ये कदम क्यों उठाया. चार साल से सत्ता में थी तब से क्यों नहीं किया.

10 मई को होगी वोटिंग 

सभी पार्टियों ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन अपनी पूरी ताकत झोंक दी. भाजपा के स्टॉलवार्ट नेता व राज्य के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने शिवमोगा में रोड-शो किया. यहां से उनके बेटे बीवाई विजयेंद्र चुनाव मैदान में हैं. शिरलकोप्पा में पार्टी के उम्मीदवार और उनके बेटे भी साथ दिखे. वहीं, कांग्रेस ने भी भाजपा की वापसी न हो इसके लिए पूरी कोशिश की है. जाते-जाते भाजपा के एक नेता पर जिन्होंने कि चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के परिवार को मार देने की बात कही तो कांग्रेस के एक नेता ने एफआईआर दर्ज करा दी है. कुल मिलाकर देखें तो दोनों तरफ से अंतिम दिन भी खूब घमासान रहा. अब सबकी निगाहें 10 मई गुरुवार पर टिक गई हैं चूंकि उस दिन जनता सभी पार्टियों के घोषणापत्र का आकलन करते हुए अंतिम कील ठोंकेगे और फिर 13 मई को वहीं सर्वमान्य होगा.

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