ग्वालियर : नालों की सफाई पर सालाना पाैने छह करोड़ रुपए खर्च, फिर भी गंदगी से पटे ..?
कहां खर्च हो रहा है निगम का पैसा …
- खतरा- मानसून के दस्तक देने से पहले गाद नहीं निकाली तो भरेगा पानी
बारिश और स्वच्छता के सर्वे से पहले नगर निगम को 457 छोटे-बड़े नाले-नालियों की सफाई कराना है, लेकिन अभी यह काम शुरू ही नहीं किया गया है। अभी गंदगी और गाद से पटे नाले चोक हैं। निगम के बेड़े में सफाई के संसाधन और स्टाफ होने के बाद भी इनसे काम नहीं लिया जा रहा है। इस व्यवस्था पर सालाना 5.75 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
इस साल स्वच्छ सर्वेक्षण में जिन 176 नाले-नालियों को शामिल किया गया है, उनके हालात ठीक नहीं हैं। जीवाजी गंज पुराना पुल की हालात खराब है। इसकी ऊपर की दीवार टूट चुकी है। नीचे का हिस्सा भी जर्जर है। स्वर्ण रेखा के दोनों तरफ बनी दीवार भी कई जगह गिर गई है। दैनिक भास्कर टीम ने शहर में विभिन्न स्थानों पर नालों की स्थिति को देखा। उनमें उनमें गंदगी और गाद भरी पड़ी है। इसे लेकर निगम के अिधकारी चिंतित भी नजर नहीं आते। निगमायुक्त हर्ष सिंह के अनुसार नालों की सफाई चल रही है। संज्ञान में आया है कि सिर्फ पुल के आस-पास नाले साफ हो रहे हैं। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों से कहा है कि नाले पीछे से साफ करें। जहां भी गंदगी भरी है, उसे हटाया जाए। बारिश के पहले सभी नाले साफ करा लेंगे।
निगम की टीम ने नाला सफाई कहीं-कहीं शुरू किया है। पुलियों के आस-पास तो सफाई दिख जाएगी। लेकिन यदि नाले की अप स्ट्रीम को तरफ कदम बढ़ाएंगे, तो कचरा नाले में मिलेगा। लोगों का कहना है कि नाले के आस-पास सफाई दिख रही है। स्वर्ण रेखा व मुरार नदी में कई स्थानों में घरों से निकला कचरा दिखाई दिया।