साक्षी, विनेश और बजरंग समेत 12 लोगों पर नामजद एफआईआर..?

दिल्ली पुलिस ने कहा कि पहलवानों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। दूसरी तरफ बताया जा रहा है ज्यादातर पहलवान सोमवार को दिल्ली से अपने घरों की ओर रवाना हो गए।
नई दिल्ली जिले के बाराखंभा थाने में तैनात हवलदार माधव की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है। माधव के अलावा महिला पुलिसकर्मी प्रियंका समेत घायल 15 पुलिसकर्मियों ने शिकायत दी है। माधव ने शिकायत में कहा है कि जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने सुबह 10.30 बजे प्रेसवार्ता कर घोषणा की कि वे नए संसद भवन के सामने महिला सम्मान महापंचायत करने जा रहे हैं। मौके पर मौजूद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पहलवानों को समझाया कि प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे है। यह देश के सम्मान व गौरव की बात है। इसके बावजूद पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगट व साक्षी मलिक के नेतृत्व में आगे बढ़ने लगे। पहलवान पहली बैरिकेडिंग को कूद गए और फिर दूसरी बैरिकेडिंग को तोड़ दिया। इसके बाद धक्का-मुक्की करते हुए नए संसद भवन की ओर भागने लगे।
हवलदार माधव का कहना है कि हिरासत में लिए जाने के दौरान पहलवानों ने मारपीट की। माधव को लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। घायल 12 पुलिसकर्मियों को आरएमएल और तीन को लेडी हार्डिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। पहलवानों द्वारा की जा रही मारपीट को लेकर हवलदार प्रियंका ने 112 नंबर पर कॉल की थी। संसद मार्ग थाना पुलिस ने जंतर-मंतर पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज कब्जे में ली है। इसके अलावा पुलिस से भी रिकॉर्डिंग ले ली है। इस मामले में सोमवार शाम तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया था।
एफआईआर में नामजद लोग
सुदेश, सुमन हुड्डा, सचिन, लवदीप, सोमबीर, संगीता फोगट, विनेश फोगट, गगनदीप, सत्यव्रत कादियान, साक्षी मालिक, बजरंग पूनिया, हरेंद्र पूनिया और मंदीप क्रांतिकारी।
दूसरी जगह पर धरना देने की अनुमति दी जाएगी
दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता उपायुक्त सुमन नलवा ने कहा कि अगर पहलवानों ने अगली बार धरने की इजाजत मांगी तो उन्हें जंतर-मंतर नहीं, दूसरी जगह पर प्रर्दशन की अनुमति दी जाएगी। दरअसल, रविवार को झड़प के बाद पहलवान साक्षी ने कहा था कि अब जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करेंगे।
इन धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है
दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर हंगामा करने वाले पहलवानों समेत 109 लोगों को हिरासत में लिया था। इनके खिलाफ दंगा फैलाने, सरकारी काम में बाधा डालने और बैरिकेडिंग तोड़ने आदि की धाराएं लगाई गई हैं। इन धाराओं में सात साल तक कारावास का प्रावधान है।
अनुमति लिए बिना ही जंतर-मंतर पर बैठे थे पहलवान
नई दिल्ली जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहलवानों ने जंतर-मंतर पर बैठने की अनुमति नहीं ली थी। पुलिस ने पहले दिन के धरने की अनुमति दी थी। इसके बाद के धरने की पहलवानों ने अनुमति नहीं ली थी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सभी प्रदर्शनकारी देश के सम्मानीय लोग हैं। ऐसे में पुलिस को लगा कि ये शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे, लेकिन पहलवानों ने रविवार को देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।

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