ग्वालियर.  शहर के चार विधानसभा क्षेत्रों में इस समय समस्याओं के अंबार लगे हुए हैं। नाले-नालियों की सफाई नहीं हो रही है। ग्वालियर व पूर्व विधानसभा क्षेत्र के अधिकतर वार्डों में नाले-नालियां और सीवर डेयरी संचालक द्वारा गोबर फैलाने से जाम हो रहे हैं। दक्षिण, ग्रामीण व ग्वालियर में नाला सफाई की समस्या के साथ ही सीवर लाइन के मिलान न होने से कई स्थानों पर जलभराव की समस्या आने की संभावना बनी हुई हैं। अधिकतर जगहों पर सीवर चौक, जर्जर व बदहाल सड़कों के साथ ही वार्डों में अंधेरा पसरा हुआ है।

दरअसल, ये सारी समस्याएं शनिवार को आयोजित महापौर और पार्षदों की बैठक में सामने आई हैं। महापौर को उन्हीं की पार्टी के पार्षदों ने भी अपनी समस्याएं बताईं कि सीवर सफाई नहीं हो रही है। इसके अलावा जिम्मेदार अधिकारी फोन भी नहीं उठाते हैं। समस्याओं के चलते क्षेत्रीय जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उपनगर ग्वालियर में सबसे ज्यादा समस्या नाले-नालियों को लेकर है, क्योंकि स्वर्ण रेखा नाले का बहुत बड़ा हिस्सा इसी विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। बरसात का मौसम नजदीक आने के कारण सीवरों की सफाई होना भी जरूरी है, क्योंकि वर्षा होने पर ये सीवर उफनने लगेंगे और सड़कों पर गंदगी इकट्ठी हो जाएगी। इसके अलावा वर्षा से पहले सड़कों की मरम्मत होना भी जरूरी है, लेकिन यह काम भी धीमी गति से चल रहा है। कई बार बोलने के बावजूद जनकार्य विभाग के अधिकारी सड़कों की रिपेयरिंग नहीं कर रहे हैं। मानसून आने पर इंडियन रोड कांग्रेस से नियम के अनुसार सड़क निर्माण बंद कर दिया जाएगा, क्योंकि पानी के चलते डामर सड़कों पर पकड़ नहीं बना पाएगा। इसके चलते चार माह तक नगर निगम के प्लांट भी बंद रहेंगे और जनता को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। हालांकि महापौर ने 15 दिन के अंदर समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया है, लेकिन फिर भी वर्षा के मौसम में जलभराव से लेकर सड़कों के गड्ढों से लोगों को दो-चार होना ही पड़ेगा।