गेमिंग ऐप के ज़रिए धर्मांतरण : माता-पिता सावधान रहें ..?

47 मिनट का पूरा टेप सबूत है इस बात का कि नाबालिग हिंदू बच्चों को बहलाकर-फुसलाकर लालच देकर, जन्नत और हूरों का ख़्वाब दिखाकर इस्लाम क़बूल करने के लिए तैयार किया गया।

आज मैं माता-पिताओं को सावधान करना चाहता हूं। अगर आपका बच्चा फोन या लैपटॉप पर लगातार गेम खेल रहा है, अनजान लोगों से लंबी बातें कर रहा है, बिना बताए घर से बाहर चला जाता है, उसकी आदतों में कुछ बदलाव दिखाई दे रहा है, तो सावधान हो जाइए। क्योंकि देश में एक गिरोह काम कर रहा है, जो लालच देकर, मददगार बनकर, बच्चों को बहला कर उनका धर्मान्तरण करवा रहा है। जो तथ्य सामने आए हैं, वो चिंता में डालने वाले हैं। गाजियाबाद में गेमिंग ऐप के जरिए 4 बच्चों के धर्मान्तरण की कोशिश की जांच के दौरान यूपी पुलिस को चौंकाने वाले सबूत मिले हैं। पता लगा कि मजहबी गिरोह का जाल उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र तक फैला हुआ है। मुंबई के पास मुंब्रा में इस गिरोह के एक सदस्य ने दावा किया है कि उसने करीब चार सौ हिन्दुओं को इस्लाम कबूल करवाया है। ये दावा पुलिस ने नहीं किया है, गिरोह का एक सदस्य एक बच्चे से बातचीत के दौरान खुद ये जानकारी दे रहा है। इस बच्चे के साथ फोन पर हुई बातचीत का पूरा ऑडियो टेप मेरे पास है। इस बातचीत को सुनकर आप हैरान जाएंगे। इस गिरोह के लोग उन परिवारों को टारगेट करते हैं, जो मुसीबत में हैं, परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं, उन बच्चों को टारगेट करते हैं, जो कंप्यूटर पर गेम खेलते हैं और ज्यादातर वक्त ऑनलाइन रहते हैं। गिरोह के सदस्य बच्चों को पैसे, अच्छी नौकरी का लालच देते हैं, विदेश घुमाने का ऑफर देते हैं, और शुरूआत होती है गेम में जीत दिलाने की गारंटी से। गाजियाबाद में एक बच्चा जिम जाने के बहाने मस्जिद में पांच बार नमाज के लिए जाता था। माता-पिता को शक हुआ, बेटे का पीछा किया, तो हकीकत सामने आ गई। माता पिता ने पुलिस से शिकायत की, तो मस्जिद से इमाम अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में मुम्ब्रा में रहने वाले शाहनवाज का नाम सामने आया, पुलिस ने शाहनवाज से संपर्क किया, उसके बाद से वो गायब हो गया। अब पुलिस उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने जा रही है, जिससे वो विदेश न भाग सके। ये केस मजबूरी का फ़ायदा उठाकर धर्म परिवर्तन का केस है। 47 मिनट का पूरा टेप सबूत है इस बात का कि नाबालिग हिंदू बच्चों को बहलाकर-फुसलाकर लालच देकर, जन्नत और हूरों का ख़्वाब दिखाकर इस्लाम क़बूल करने के लिए तैयार किया गया। पुलिस की शुरुआती जांच भी यही बताती है। एक मज़हबी गिरोह है जो कंप्यूटर गेम के ज़रिए बच्चों तक पहुंचता है या फिर लोगों की मजबूरी का फ़ायदा उठाता है, उनका धर्म परिवर्तन कर रहा है। ज़्यादातर मालों में मां-बाप को पता ही नहीं चलता कि उनका बच्चा कब धर्म बदल चुका है। पुलिस के लिए भी ऐसे मामलों को सुलझाना आसान नहीं होता। हमारे देश में हर किसी को अपनी मर्ज़ी से किसी भी धर्म को अपनाने की छूट है, पर अगर धर्म परिवर्तन डरा-धमकाकर, बहला-फुसलाकर या लालच देकर किया जाए, तो ये क़ानूनन अपराध है। अगर किसी नाबालिग को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जाए, राज़ी कराया जाए, तो ये और भी बड़ा अपराध है। लेकिन ऐसे मामलों में सबूत जुटाना, लालच देने का सबूत हासिल करना मुश्किल होता है। लेकिन ग़ाज़ियाबाद, मुंब्रा के मामले ऐसे हैं, जहां पुलिस के पास सबूत भी हैं और गवाह भी। सबसे बड़ी बात ये है कि मां-बाप को सतर्क रहना पड़ेगा, बच्चों पर नज़र रखनी पड़ेगी। ग़ाज़ियाबाद, मुंब्रा की ये रिपोर्ट मां-बाप के लिए एक चेतावनी है। एक और बात मैं कहना चाहता हूं ऐसे दो चार मामलों को लेकर पूरे इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश भी बेमानी है। पैगम्बर हज़रत मोहम्मद साहब ने भी जबरन धर्म परिवर्तन का कभी समर्थन नहीं किया। जो दो चार मुस्लिम ये काम करते हैं वो पूरी कौम को बदनाम करते हैं, लेकिन उनकी वजह से हमें पूरी कौम को ऐसा नहीं समझना चाहिए।

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