चीन तो कभी अमेरिका …जानें किससे कितना होता है आयात-निर्यात
चीन तो कभी अमेरिका, भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार रहे हैं ये दो देश, जानें किससे कितना होता है आयात-निर्यात
भारत का अमेरिका से व्यापार बढ़ रहा है और पीएम मोदी की 21-24 जून की राजकीय यात्रा के बाद दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते और मजबूत होंगे. इससे चीन को ईर्ष्या हो रही है.
बता दें कि अमेरिका और चीन ही वो देश हैं, जिनके साथ भारत का हर साल 100 अरब डॉलर से ज्यादा का व्यापार होता है. इस तरह ये देश भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं. आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने चीन के बजाए अमेरिका को तवज्जो दी है और 2022 में अमेरिका चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है. और, अब पीएम मोदी के हालिया दौरे में भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों में नई जान फूंकी जा सकती है.
ड्रैगन ने कहा- ‘हमसे खरीद ज्यादा करते रहोगे‘
भारत अमेरिका से ज्यादा व्यापार करेगा, इसी बात से चीनी सरकार को मिर्ची लग गई है, ऐसे में वहां की सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी का मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने वांग के हवाले से लिखा है, कि- ‘भारत यदि ये देख रहा है कि वो अमेरिका से व्यापार करके फायदे में रहेगा, तो पहले यह समझ लेना होगा कि भारत जितना ज्यादा अमेरिका को एक्सपोर्ट (निर्यात) करेगा उतना ज्यादा उसे चीन से इम्पोर्ट (आयात) करने की जरूरत पड़ेगी.’ आंकड़ों पर नजर डालें तो ऐसा हुआ भी है.
चीन से भारत का इम्पोर्ट 4.16% बढ़ गया
भारत का अमेरिका को एक्सपोर्ट (ब्रिकी) स्पष्ट रूप से बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर चीन से भारत का इम्पोर्ट (खरीद) भी काफी बढ़ गया है. आंकड़ों के मुताबिक, 2022-23 में भारत का अमेरिका को एक्सपोर्ट 2.81% बढ़कर 78.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया. वहीं, इस दौरान चीन से भारत का इम्पोर्ट 4.16% बढ़कर 98.51 अरब डॉलर पर पहुंच गया. चीन भारत के लिए अब भी सबसे बड़ा इम्पोर्ट का जरिया बना हुआ है. ये भारत मे नजरिए से ठीक नहीं है, क्योंकि हमारा व्यापार घाटा -77.12 अरब डॉलर का है.
पिछले साल भारत का कुल कितना व्यापार हुआ?
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के डेटा के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022–23 में भारत का कुल व्यापार 1164.19 बिलियन डॉलर का हुआ था. जिसमें $450.06 बिलियन का निर्यात और $714.13 बिलियन का आयात हुआ. जिसमें व्यापार घाटा $267.07 बिलियन का रहा. जिसमें सबसे ज्यादा घाटा हमें चीन से हुआ, जहां से भारत इम्पोर्ट अधिक करता है.