ग्वालियर : लग्जरी यात्री बसों में सवारी से अधिक ढोए जा रहे सामान ..!
लग्जरी यात्री बसों में सवारी से अधिक ढोए जा रहे सामान, नहीं होती चैकिंग
लग्जरी बसों में सवारी से ज्यादा सामान ढोया जा रहा है। बस के ऊपर क्षमता से अधिक सामान तिरपाल बांधकर आसानी से एक राज्य से दूसरे राज्य जा रहा है। परिवहन विभाग और पुलिस विभाग…
लग्जरी यात्री बसों में सवारी से अधिक ढोए जा रहे सामान, नहीं होती चैकिंग
ग्वालियर. लग्जरी बसों में सवारी से ज्यादा सामान ढोया जा रहा है। बस के ऊपर क्षमता से अधिक सामान तिरपाल बांधकर आसानी से एक राज्य से दूसरे राज्य जा रहा है। परिवहन विभाग और पुलिस विभाग के आंखों के सामने यह माल बसों में रखकर जा रहा है, लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ने पिछले कई महीनों से ऐसी बसों के खिलाफ चैङ्क्षकग अभियान भी शुरू नहीं किया है।
ग्वालियर से इंदौर, भोपाल, कानपुर, लखनऊ, जयपुर और अहमदाबाद जा रही लग्जरी बसों में पैसेंजर से अधिक लगेज की ढुलाई ज्यादा हो रही है। जिससे टैक्स चोरी करने वालों को फायदा मिल रहा है। बताया जाता है कि बसों की छत से लेकर अंदर और डिग्गी में सिर्फ लगेज ही भरा रहता है। बस से लगेज मंगाने वाले व्यवसायियों को जीएसटी और ईवे बिल जैसे टैक्स से बचने का मौका मिल रहा है। वहीं राज्य और केन्द्र सरकार को भी कर का नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
शहर के अंदर आकर उतार रहे सामान
खुलेआम यात्री बसें शहर के अंदर आती है और बस ऑफिस में सामान को उतार रही है। लक्ष्मीबाई कॉलोनी में सुबह बस कॉलोनी के अंदर खड़ी होती है और सामान उतरती हैं। दिनभर सामान सड़क पर पड़ा रहता है और आने-जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। दिनभर यहां से सामान लोङ्क्षडग ऑटो में आता और जाता रहता है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन के पास स्थित बस स्टैंड पर यही हालात हैं।
खुलेआम यात्री बसें शहर के अंदर आती है और बस ऑफिस में सामान को उतार रही है। लक्ष्मीबाई कॉलोनी में सुबह बस कॉलोनी के अंदर खड़ी होती है और सामान उतरती हैं। दिनभर सामान सड़क पर पड़ा रहता है और आने-जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। दिनभर यहां से सामान लोङ्क्षडग ऑटो में आता और जाता रहता है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन के पास स्थित बस स्टैंड पर यही हालात हैं।
खुलेआम होता है बसों पर सामान लोड
बस संचालकों को यात्रियों के किराए से ज्यादा सामान ले जाने में फायदा होता है, इसलिए वे खुलेआम सामान को बसों पर लाद कर लाते-ले जाते हैं। सामान लोङ्क्षडग का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोङ्क्षडग ऑटो से बकायादा माल लाया और ले जाया जाता है। बस स्टैंड पर इसको लोड किया जाता है, ये बसें इन लोङ्क्षडग सामान के साथ कई थाने और टोल नाकों से होकर गुजरती है, लेकिन कार्यवाही नहीं होती है।
बस संचालकों को यात्रियों के किराए से ज्यादा सामान ले जाने में फायदा होता है, इसलिए वे खुलेआम सामान को बसों पर लाद कर लाते-ले जाते हैं। सामान लोङ्क्षडग का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोङ्क्षडग ऑटो से बकायादा माल लाया और ले जाया जाता है। बस स्टैंड पर इसको लोड किया जाता है, ये बसें इन लोङ्क्षडग सामान के साथ कई थाने और टोल नाकों से होकर गुजरती है, लेकिन कार्यवाही नहीं होती है।
प्रमोटेड कंटेंट
ज्यादातर बसों में यात्री से ज्यादा सामान
परिवहन मंत्री गोङ्क्षवद राजपूत ने ग्वालियर दौरे के दौरान कहा था कि किसी भी लग्जरी बसों में सामान नहीं ढोया जा रहा है, जबकि हकीकत कुछ और ही है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने भी कई महीनों से ऐसी बसों के खिलाफ अभियान की शुरुआत नहीं की है। सुबह शहर में जितनी बसें आ रही उसमें 75 फीसदी बसों के ऊपर और डिग्गी में सामान भरा नजर आ जाएगा।
परिवहन मंत्री गोङ्क्षवद राजपूत ने ग्वालियर दौरे के दौरान कहा था कि किसी भी लग्जरी बसों में सामान नहीं ढोया जा रहा है, जबकि हकीकत कुछ और ही है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने भी कई महीनों से ऐसी बसों के खिलाफ अभियान की शुरुआत नहीं की है। सुबह शहर में जितनी बसें आ रही उसमें 75 फीसदी बसों के ऊपर और डिग्गी में सामान भरा नजर आ जाएगा।