ग्वालियर :  ए-प्लस प्लस होते ही जेयू में तीन माह में भ्रष्टाचार, घोटाले बढ़ गए ..?

 ए-प्लस प्लस होते ही जेयू में तीन माह में भ्रष्टाचार, घोटाले बढ़ गए, जांच भी नहीं
जीवाजी विश्वविद्यालय में ए प्लस प्लस होने के तीन महीने में ही भ्रष्टाचार और घोटाले भी प्लस प्लस हो गए हैं।

ग्वालियर । जीवाजी विश्वविद्यालय में ए प्लस प्लस होने के तीन महीने में ही भ्रष्टाचार और घोटाले भी प्लस प्लस हो गए हैं। जेयू में भ्रष्टाचार के आरोपों का अंबार लगा है। अनियमितता और अराजकता का आलम यह है कि कई काम जेयू में अब नियमों के विरुद्ध हो रहे हैं और कोई भी इस पर आपत्ति नहीं जता रहा है। चाहे बात करें कालेजों की संबद्धता में भ्रष्टाचार के आरोप का मामला हो या फिर कार्य परिषद के अनुमोदन के बिना कालेजों को संबद्धता देने का मामला या फिर 10 हजार लेकर जालसाज छात्रा को एमबीबीएस की डिग्री दे देने का मामला हो। सारे घोटाले ए प्लस प्लस होने के बाद ही उजागर हुए हैं। वहीं शनिवार को हुए छात्र सम्मान कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने भाषण में जेयू की जी भरकर तारीफ की। बता दें कि जेयू में हुए सभी घोटालों में विश्वविद्यालय कोई जांच नहीं कर रहा है और न ही यह मामले कहीं थम रहे हैं।

ट्रोल हो रहे हैं कुलपति

शनिवार को हुए छात्र सम्मान के कार्यक्रम में ग्वालियर के सभी शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिभावान 103 छात्राें को सम्मानित किया गया है। जिसमें देखने में आया कि जिस समय केंद्रीय मंत्री सिंधिया भाषण दे रहे थे उस समय जेयू के कुलपति उनके पीछे खडे होकर ताली बजा रहे हैं । इस मामले में रविवार की सुबह से जेयू के कुलपति को जमकर ट्रोल किया जा रहा है।

जेयू में तीन महीने में ही हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार और साठगांठ आई सामने

सवा करोड़ रुपयों का आडियो बहुप्रसारित जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त बीएड कालेजों की संबद्धता को रिन्यू करने के नाम पर हुए करोड़ों के घोटाले के आरोप में कार्यपरिषद सदस्य का आडियो जमकर बहुप्रसारित हुआ था । जिसमें कुलपति प्राे अविनाश तिवारी से डील होने का दावा किया जा रहा था। इतने संगीन आरोप होने के बाद जेयू मामले में जरा भी गंभीर नहीं है।

बिना कार्यपरिषद सदस्यों के संबद्धता दी गई

मई माह के दूसरे सप्ताह में कार्यपरिषद की बैठक का आयोजन हुआ था जिसमें सामान्य और ला व मेनेजमेंट कालेजों को कार्यपरिषद सदस्यों से बैठक कर संबद्धता देना थी । लेकिन एक मामले का विरोध करते हुए कार्यपरिषद सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार किया और वहां से चले गए। इसके बावजूद कुलपति प्रो तिवारी ने सभी कालेजों को संबद्घता दे दी। कमाल की बात यह है कि इस मामले में एक भी कार्यपरिषद सदस्य ने अभी तक आपत्ति दर्ज नहीं करवाई है,सभी मूक दर्शक बने हुए हैं।

दस हजार में बना दी 24 घंटे में डिग्री

हाल ही में तूल पकडे जालसाजी कर एमबीबीएस की डिग्री बनवाने के मामले में जेयू ने फर्जी छात्रा को डिग्री दे दी। उसने पूछताछ में पुलिस को बताया कि जेयू ने 24 घंटे में डिग्री बना कर दे दी थी जिसके लिए जेयू के एक कर्मचारी ने दस हजार रुपये की रिश्वत भी ली थी। इसके बाद दो तीन अन्य छात्रों ने भी डिग्री के नाम पर रिश्वत मांगने की बात कही है।

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