प्लानिंग में भूले प्वाइंट देना, सेंट्रलाइज्ड एसी पर खर्च होंगे 53 करोड़ ..?
प्लानिंग में भूले प्वाइंट देना, सेंट्रलाइज्ड एसी पर खर्च होंगे 53 करोड़
हजार बिस्तर अस्पताल निर्माण में हुई चूक का खामियाजा शासन को करोड़ों रुपये खर्च कर चुकाना पड़ रहा है।
ग्वालियर। हजार बिस्तर अस्पताल निर्माण में हुई चूक का खामियाजा शासन को करोड़ों रुपये खर्च कर चुकाना पड़ रहा है। इन चूक पर न तो पीआइयू ने ध्यान दिया और न ही अस्पताल की निगरानी समिति ने देखा। अब हजार बिस्तर के सामान्य वार्ड में डक्ट बनाई जाएगी। इसके लिए तोड़फोड़ भी होगी, तब जाकर वार्डों को एयर कंडिशन किया जा सकेगा। फंड स्वीकृति के बाद इस कार्य में करीब एक साल का वक्त लगेगा।
गजब की बात यह है 400 करोड़ के अस्पताल में मरीजों के लिए कूलर लगाने के लिए जगह तक नहीं दी और इससे भी बड़ी बात यह है कि एसी के लिए न तो डक्ट बनाई गई और न ही प्वाइंट दिए गए। इससे गर्मी के मौसम में मरीजों को उपचार करना दूभर हो गया। मांग उठी तो केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हजार बिस्तर को सेंट्रलाइज एसी की अनुमति दे दी और 53 करोड़ की राशि स्वीकृत करने की सहमति दी है। जनता का यह खजाना प्रोजक्ट तैयार करने वालों की गलतियों पर पर्दा डालने खर्च किया जा रहा। ऐसे में गल्तियां करने वाले जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई। होना चाहिए।
ओटी व आइसीयू एयर कंडिशनर
हजार बिस्तर अस्पताल का आइसीयू और आपरेशन थिएटर को एयर कंडिशन रखा गया। इसके अलावा जिन स्थानों पर डाक्टर के चैंबर में एसी लगाए गए हैं। कलेक्शन सेंटर से लेकर अल्ट्रासाउंड आदि जांच स्थालों पर एसी लगाया गया है, जबकि सामान्य वार्ड में पंखे लगाए गए थे। इस भीषण गर्मी में पखें की हवा और भी अधिक गर्म हो जाती है, जिससे मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
22 करोड़ रुपये से बनेगा अंडर पास
हजार बिस्तर व जेएएच परिसर को जोड़ने अंडर पास बनाया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ने 22 करोड़ रुपये की स्वीकृति देने की घोषणा की है। इन दोनों परिसर के बीच से निकली सड़क को परिसर में शामिल करने की बात प्रथम डीपीआर में रखी गई थी। इसे बाद में विलोपित कर दिया गया। दोनों परिसर को अंडर पास से जोड़ना उतना सुविधा जनक नहीं रहेगा जितना कि दोनों परिसर को एक करना रहता।
सामान्य वार्ड में एसी के लिए डक्ट बनाई जाएगी। जहां पर भी तोड़फोड़ की आवश्यकता होगी की जाएगी। छत में सीलन आ रही है तो उसका अब क्या किया जा सकता है। हालांकि सीलन न आए इसके लिए इंतजाम किए हैं। सीवेज की समस्या का समाधान केवल सफाई व्यवस्था ठीक रखकर ही किया जा सकता है। क्योंकि उसमें कपड़,झाड़ू तक लोग डाल देते हैं।
सीपी वर्मा, एक्जूकेटिव इंजीनियर