ग्वालियर : पौधारोपण घोटाले में पीएचई के 24 अफसरों पर लोकायुक्त पुलिस ने की एफआइआर
पौधारोपण घोटाले में पीएचई के 24 अफसरों पर लोकायुक्त पुलिस ने की एफआइआर …
पीएचई विभाग के जिन अफसरों पर एफआइआर दर्ज की गई है, उनमें कार्यपालन यंत्री से लेकर सहायक यंत्री, उपयंत्री शामिल हैं
ग्वालियर, श्योपुर जिले में पौधारोपण के नाम पर 3.40 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। चंबल नहर के किनारे पौधे लगाए जाने थे, लेकिन यह लाखों पौधे कागजों में लगा दिए गए। लोकायुक्त पुलिस में घोटाले की शिकायत की गई थी।
दरअसल 2014 में श्योपुर में चंबल नहर के किनारे महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से पौधरोपण हुआ था। पौधरोपण सिर्फ कागजों में ही कर दिया गया। तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य तुलसी नारायण मीणा ने पौधारोपण घोटाले की शिकायत की तो जांच शुरू हुई। मनरेगा आयुक्त ने इसकी जांच करवाई थी।
जांच में खुलासा हुआ, जो पौधे यहां रोपे गए, उनकी उत्तरजीविता एक प्रतिशत से भी कम है। विभाग की जांच में पौधरोपण के नाम पर हुए घोटाले की पुष्टि होने के बाद कार्रवाई नहीं हुई तो लोकायुक्त पुलिस से शिकायत की गई। लोकायुक्त पुलिस की ग्वालियर इकाई ने जांच रिपोर्ट भोपाल भेजी, जिसमें शुक्रवार को एफआइआर दर्ज कर ली गई।
पीएचई विभाग के जिन अफसरों पर एफआइआर हुई है, उनमें कार्यपालन यंत्री से लेकर सहायक यंत्री, उपयंत्री शामिल हैं। एक साथ 24 अफसरों पर एफआइआर होने से विभाग में हड़कंप मच गया है। यह लोग इस प्रोजेक्ट की तकनीकि स्वीकृति, पौधारोपण, मास्टर रोल, फर्जी मूल्यांकन में शामिल रहे।
इनका कहना है
श्योपुर स्थित चंबल नहर किनारे पौधारोपण के नाम पर जो गबन हुआ, उस मामले में जांच के बाद एफआइआर के लिए रिपोर्ट भोपाल भेज दी गई थी। एफआइआर दर्ज कर ली गई है। इसमें शासन की करीब 3.40 करोड़ रुपये की राशि का अपव्यय हुआ था।
रामेश्वर यादव, एसपी, लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर