ग्रेटर नोएडा : प्रोजेक्ट पूरा करने में फिर बरती लापरवाही तो खत्म होंगी सभी रियायतें
प्रोजेक्ट पूरा करने में फिर बरती लापरवाही तो खत्म होंगी सभी रियायतें
– बिल्डर से वापस ली जाएगी प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी, आरसी की वसूली भी होगी शुरू
– पूरा नहीं हो सका था यूनिबेरा टावर्स प्रोजेक्ट, बिल्डर की मनमानी से लिया सबकग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी देने की शर्ताें में बदलाव किया है। अब कार्ययोजना के तहत निर्माण नहीं करने पर बिल्डर से प्रोजेक्ट को पूरा करने का अधिकार छीन लेगा। जिसके साथ ही देनदारी और रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) की वसूली पर दी जाने वाली सारी रियायतें भी खत्म हो जाएंगी। यूपी रेरा के इस फैसले से खरीदारों को लाभ मिलेगा।गौतमबुद्ध नगर के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जिलों में सैकड़ों ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों का निर्माण बंद है। जिनमें हजारों खरीदार फंसे हैं। खरीदार यूपी रेरा से प्रोजेक्ट पूरा कराने की गुहार लगा रहे हैं। यूपी रेरा अब तक 17 अधूरे प्रोजेक्ट में खरीदारों और बिल्डर की सहमति से निर्माण शुरू करा चुका है। ज्यादातर प्रोजेक्ट में मूल बिल्डरों को ही काम करने का मौका दिया गया है। बिल्डरों को यूपी रेरा की तरफ से स्वीकृत कार्ययोजना के हिसाब से निर्माण पूरा करना होता है। ऐसे ही एक मामले में यूनिबेरा टावर्स प्रोजेक्ट का निर्माण समय से पूरा नहीं हो सका। बिल्डर की लापरवाही के कारण 500 से ज्यादा खरीदार फंस गए हैं।
इस मामले से सबक लेकर यूपी रेरा ने धारा-8 के आदेश की शर्तों में बदलाव किया है। अधिकारियों ने बताया कि अब बिल्डर को कार्ययोजना के तहत ही काम करना होगा। निगरानी समिति हर माह निर्माण कार्य का निरीक्षण करेगी। निर्माण कार्य की प्रगति रिपोर्ट धीमी मिली तो नोटिस जारी किया गया। वहीं निर्माण में लापरवाही मिलने पर यूपी रेरा आदेश वापस लेकर प्रोजेक्ट से बिल्डर को बाहर कर देगा। हाल ही में अजनारा ली गार्डन फेज तीन प्रोजेक्ट में नई शर्त के तहत कार्य करने को कहा गया है।
यह है यूनिबेरा टावर्स प्रोजेक्ट का मामला
यूपी रेरा ने ग्रेनो वेस्ट के यूनिबेरा टावर्स प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी बिल्डर को दे दी थी। 29 अक्तूबर 2021 को इसका आदेश जारी किया गया था। बिल्डर को सितंबर 2022 तक निर्माण पूरा करना था। जिसके बाद 579 खरीदारों को कब्जा मिलता, लेकिन बिल्डर ने ऐसा नहीं किया। इस समय प्रोजेक्ट एनसीएलटी में है और वहां से आईआरपी नियुक्त हो चुका है। प्रोजेक्ट को पूरा करने में 44.60 करोड़ का खर्च आता। जबकि प्राधिकरण का बकाया 31 करोड़ है।
यूपी रेरा की निगरानी में बन रहे प्रोजेक्ट
जेपी कैलिप्सो कोर्ट (निर्माण पूरा), जेपी नाइट कोर्ट, वसुंधरा ग्रैंड, संपदा लीविया, एप्पल-7, नोवेना ग्रीन, ला कासा, अंसल एक्वापोलिस, ला पैलिसिया, ला गैलेक्सीया, कासा ग्रैंड-2, स्प्रिंग व्यू हाइट्स, यूटोपिया एस्टेट, अपेक्स स्प्लेंडर, प्लूमेरिया होम्स, अंतरिक्ष संस्कृति और अजनारा ली गार्डन-फेज तीन।
खरीदार और बिल्डर की सहमति के बाद प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी दी जाती है। बिल्डर प्रोजेक्ट को पूरा करने की कार्ययोजना देता है। अगर यूपी रेरा की तरफ से स्वीकृत कार्ययोजना के आधार पर काम नहीं किया तो नई शर्तों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। – डीके सिंह,
प्रभारी परियोजना प्रबंधन प्रभाग, यूपी रेरा