ऐतिहासिक मिशन पर चंद्रयान-3 …! इसरो चीफ ने बताया कब होगी चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग?
ऐतिहासिक मिशन पर चंद्रयान-3, इसरो चीफ ने बताया कब होगी चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग?
चंद्रयान-3 मिशन के सफलतापूर्वक लॉन्च होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बधाई दी. वहीं इसरो के चीफ ने बताया कि इसकी सॉफ्ट लैंडिंग कब होगी?
चंद्रयान-3
1. इसरो के चीफ एस सोमनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए कहा, ”चंद्रयान 3 ने अपनी यात्रा शुरू कर दी है. इसे एलवीएम3-एम4 रॉकेट सटीक कक्षा में स्थापित कर दिया है. हमारा इसे एक अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करने का प्लान है.” उन्होंने कहा कि हमने पहले साल में देखा कि पहले क्या गलती की थी और उसके बाद दूसरे साल में क्या सुधार किया जाए कि ये बेहतर हो. फिर हमने देखा कि और क्या गलती हुई थी क्योंकि कुछ समस्याएं छिपी होती है जो हमने समीक्षा और टेस्ट करके पता लगाई. तीसरे साल हमने सभी टेस्टिंग की और अंतिम साल में हमने अंतिम संयोजन और तैयारी की. मैं इसके लिए पूरी टीम को बधाई देता हूं.
2. चंद्रयान-2 मिशन के दौरान अंतिम क्षणों में लैंडर विक्रम पथ विचलन के चलते सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल नहीं हुआ था. चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास सफल होने पर भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा.
3. आज रवाना हुआ ‘चंद्र मिशन’ 2019 के ‘चंद्रयान-2’ का अनुवर्ती मिशन है. भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग का है. ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ इस अभियान का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा होगी.
4. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने इसरो के अधिकारियों के हवाले से बताया कि उड़ान भरने के लगभग 16 मिनट बाद प्रणोदन मॉड्यूल रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया. यह चंद्र कक्षा की ओर बढ़ते हुए पृथ्वी से 170 किमी निकटतम और 36,500 किमी सुदूरतम बिंदु पर एक अण्डाकार चक्र में लगभग पांच-छह बार पृथ्वी की परिक्रमा करेगा. लैंडर के साथ प्रणोदन मॉड्यूल, गति प्राप्त करने के बाद चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने के लिए एक महीने से अधिक लंबी यात्रा पर तब तक आगे बढ़ेगा जब तक कि यह चंद्र सतह से 100 किमी ऊपर नहीं पहुंच जाता. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसरो के वैज्ञानिकों ने कहा कि ऊंचाई पर पहुंचने के बाद लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए उतरना शुरू कर देगा.
5. चंद्रयान-3 में भी पिछल बार की तरह इस बार भी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र को रिसर्च के लिए चुना गया है क्योंकि चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव उत्तरी ध्रुव की तुलना में बहुत बड़ा है. इसके आस-पास स्थायी रूप से छाया वाले क्षेत्रों में पानी की मौजूदगी की संभावना हो सकती है.
6. प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत के मंत्र पर खरा उतर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा था कि सफलता की कोई सीमा नहीं है और मुझे लगता है कि चंद्रयान ब्रह्मांड के अज्ञात क्षितिजों का पता लगाने के लिए आकाश की सीमा से आगे निकल गया है. सिंह ने इसरो के संस्थापक और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक कहे जाने वाले दिवंगत विक्रम साराभाई की सराहना करते हुए कहा कि यह दिन उस सपने का संकेत है जो विक्रम साराभाई ने छह दशक पहले देखा था. उनके पास संसाधनों की भले ही कमी रही हो, लेकिन आत्मविश्वास की कभी कमी नहीं थी.
7. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि चंद्रयान-3 परियोजना की लागत लगभग 600 करोड़ रुपये है. उन्होंने आगे पीएम मोदी का धन्यवाद व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने श्रीहरिकोटा के द्वार खोलकर भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को सक्षम करके इसे संभव बनाया है.
8. इसरो की उपलब्धि पर अमेरिका और यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसियों ने बधाई दी दी है. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने ट्वीट कर कहा, ”वह अपने गहन अंतरिक्ष स्टेशनों के यूरोपीय अंतरिक्ष ट्रैकिंग (एस्ट्रैक) नेटवर्क के माध्यम से चंद्रयान-3 को सहायता प्रदान कर रहा है.” ये पृथ्वी पर जमीनी स्टेशन हैं जो संचालकों को अंतरिक्ष के बाहर मिशन के समय अंतरिक्ष यान से जुड़े रहने में मदद करते हैं. अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के प्रशासक सीनेटर बिल नेल्सन ने ट्वीट किया, “चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई. चंद्रमा पर इसकी सुरक्षित यात्रा की कामना करता हूं. मैं इस मिशन से मिलने वाले वैज्ञानिक परिणामों को लेकर उत्सुक हूं.”
9. पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा है. यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरता है. यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं उनकी भावना और सरलता को सलाम करता हूं! उन्होंने इससे पहले कहा था कि 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा स्वर्णिम अक्षरों में अंकित रहेगा और यह राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा.
10. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ”वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और चंद्रयान मिशन के सफल प्रक्षेपण में शामिल सभी लोगों की जबरदस्त प्रतिभा, समर्पण, कौशल और कड़ी मेहनत को धन्यवाद. हमें आप पर गर्व है. कांग्रेस पार्टी की ओर से हम इसरो की टीम के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं.”