180 दिन, 146 बच्चे, क्यों मासूमों का काल बन रहा बरेली का ये सरकारी अस्पताल?
UP: 180 दिन, 146 बच्चे, क्यों मासूमों का काल बन रहा बरेली का ये सरकारी अस्पताल?
सरकारें जनकल्याण के लिए योजनाएं तो बनाती हैं लेकिन वे समय के भीतर जमीन पर नजर नहीं आतीं. यूपी के बरेली के महिला जिला अस्पताल में बच्चों की मृत्यु दर कम करने के लिए शुरू की गई मुस्कान योजना विफल होती दिख रही है.
चौंकाने वाली बात ये है कि महिला जिला अस्पताल में 6 महीने में 146 बच्चों ने दम तोड़ दिया है जबकि जिला अस्पताल में 6 माह में 26 बच्चों की मौत हो गई है. यह आंकड़ा गंभीर चिंता का विषय बन गया है. जबकि जिला अस्पताल की सीएमएस एलपी शमी का कहना है कि बाहर से जो बच्चे गंभीर हालत में रेफर होकर यहां आ रहे हैं, उनकी मौत ज्यादा हो रही है.
अस्पताल में सुविधाओं का है अभाव
बरेली के महिला जिला अस्पताल की व्यवस्था वैसे भी लचर है. सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजना का यहां दर्शन नहीं हो पा रहा है. मरीजों को आखिर उसका लाभ कैसे मिलेगा. यही वजह है कि सरकार ने मुस्कान योजना तो शुरू कर दी लेकिन जमीन पर वह कहीं दिख नहीं रही है.
अस्पताल प्रशासन खुद भी मानता है यहां सुविधाओं की भारी कमी है. यहां तक कि अस्पताल में बेड्स भी बहुत कम हैं. कभी-कभी एक बेड पर तीन बच्चों को एडमिट करना पड़ता है.
6 महीने में अब तक 172 बच्चों की मौत
महिला जिला अस्पताल और जिला अस्पताल में पिछले 6 महीने में 172 बच्चों की मौत से कई तरह के सवाल खड़े हो गये हैं. बच्चों की मौत का ये आंकड़ा चर्चा का विषय बन गया है. लेकिन हालात बताते हैं महिला जिला अस्पताल प्रशासन को इस बात की कोई भी परवाह नहीं.
वहीं सीएमएस एलपी शमी ने खुद ही ये बताया है कि अस्पताल की बदहाली से प्रशासन को अवगत करा दिया गया है. इंतजार इस बात का है कि अस्पताल में सुविधाओं की बहाली कब होती है. जैसे ही सुविधा बढ़ेगी – योजनाएं जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगेगी.