डर से दुश्मन मजबूत ही बनता है, उनका सामना करें !

डर से दुश्मन मजबूत ही बनता है, उनका सामना करें

लेकिन हॉलीवुड में अभिनेताओं का प्रतिनिधित्व कर रही दो सबसे ताकतवर यूनियनें- द राइटर्स गिल्ड अमेरिका (डब्ल्यूजीए) और स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड (एसएजी) दुश्मनों का सामना करने के बजाय हड़ताल पर चली गई हैं। ऐसा 1960 के बाद पहली बार हुआ है। यह हड़ताल अपने 102वें दिन में प्रवेश कर चुकी है। यह 2 मई को शुरू हुई थी और 14 जुलाई को इसमें डब्ल्यूजीए और एसएजी भी शामिल हो गईं।

हॉलीवुड का वह तथाकथित शत्रु दुनिया के अधिकतर संगठनों का भी दुश्मन है, या कम से कम कर्मचारियों को तो यही लगता है। आप सोच रहे होंगे कि वह शत्रु कौन है? उसका नाम है- आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस या एआई! वे चिंतित हैं कि एआई 80 साल के सितारों (‘इंडियाना जोंस’ के हैरिसन फोर्ड) को ऐसा दिखा रही है, जैसे वे 40 के हों। वह डार्थ वैडर को जेम्स अर्ल जोंस द्वारा दी गई डरावनी आवाज की नकल कर रही है।

डिज्नी ने एआई की मदद से 2019 की अपनी फिल्म ‘द राइज ऑफ स्काईवॉकर’ में दिवंगत कैरी फिशर की पुत्री की अनुमति से उनको ही दिखा दिया। ‘सीक्रेट इन्वैशन’ नामक नई मार्वल सुपरहीरो सीरिज ने एआई की मदद से गुस्से और घबराहट की भावनाओं को उभारा है।

लेखकों का कहना है कि एआई को उन्हीं के लेखन पर आधारित पटकथाएं लिखने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। जहां अभिनेता चाहते हैं कि परदे पर उनकी छवि को कैसे दिखाया जाए इस पर उन्हीं का नियंत्रण हो, वहीं स्टूडियो न तो इसके लिए अभिनेताओं की अनुमति लेना चाहता है, न ही इसके लिए उन्हें कुछ भुगतान करना चाहता है। क्या वे एआई से इतने भयभीत हो चुके हैं कि उन्हें लगता है वह उनसे उनकी आमदनी का जरिया छीन लेगी?

हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के प्रो. करीम लखानी ऐसा नहीं सोचते। शुक्रवार सुबह मैं उनका एक लेख पढ़ रहा था कि जैसे इंटरनेट ने सूचनाओं के आदान-प्रदान की लागत को अत्यंत कम कर दिया था, उसी तरह एआई समझने की प्रक्रियाओं की लागत कम कर देगी।

शिक्षकगण एआई को टूल की तरह उपयोग करते हुए स्टूडेंट्स को पढ़ा सकते हैं। यकीन मानिए, किसी भी शैक्षिक संस्थान के मालिक शिक्षकों को नहीं हटा सकते, लेकिन एआई से संघर्ष कर रहे शिक्षकों को अवश्य हटा दिया जाएगा! किनके द्वारा? उनके स्वयं के उन साथियों द्वारा, जो नॉलेज बढ़ाने के लिए एआई टूल्स का इस्तेमाल करते हैं!

एक अच्छे शिक्षक की बुनियादी योग्यता यह होती है कि वह बेहतरीन समकालीन उदाहरणों को सामने रखते हुए पढ़ाए। और एआई की मदद लेने वाला कोई शिक्षक ऐसी हजारों सूचनाओं को संकलित करके स्टूडेंट्स को उन्हें समझाने में लगने वाले समय को बचा सकता है। एआई की मदद लेने वाला शिक्षक क्लास में चलते-फिरते गूगल जैसा होगा। लेकिन खुद स्टूडेंट्स को फिलहाल एआई का उपयोग क्यों नहीं करना चाहिए, वह एक भिन्न विषय है और मैं इस पर फिर कभी चर्चा करूंगा।

……अगर आप एआई से डरते हैं तो इससे यह और मजबूत बनेगी। इसके बजाय उसे समझें और उसे अपना शोध-सहायक बनाते हुए जमकर उसका इस्तेमाल कीजिए!

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