शहर में आधा सैकड़ा से अधिक होर्डिंग अवैध ?

शहर में आधा सैकड़ा से अधिक होर्डिंग अवैध, इन्हें हटाने की जगह नपा नोटिस देने की कर रही तैयारी

शहर के मुख्य चौक-चौराहे, सडक़े और गलियां अवैध होर्डिंग और बैनर से पटे पड़े हैं। राजनीतिक हस्ताक्षेप रखने वाले प्रभावशाली लोगों ने नगरपालिका से अनुबंध किए बिना ही जगह-जगह पर होर्डिंग और बैनर लगा दिए हैं।

बैतूल। शहर के मुख्य चौक-चौराहे, सडक़े और गलियां अवैध होर्डिंग और बैनर से पटे पड़े हैं। राजनीतिक हस्ताक्षेप रखने वाले प्रभावशाली लोगों ने नगरपालिका से अनुबंध किए बिना ही जगह-जगह पर होर्डिंग और बैनर लगा दिए हैं। इससे जहां शहर की सुंदरता को प्रभावित हो रही हैं। वहीं नगरपालिका को सालाना राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। अवैध रूप से लगाए गए इन होर्डिंगों की संख्या आधा सैकड़ा से अधिक होना बताई जाती है। नगरपालिका ने अवैध होर्डिंग की सूची भी तैयार की हैं। जिन्हें हटाए जाने के लिए नगरपालिका होर्डिंग संचालकों को जल्द नोटिस जारी करने की बात कह रही है।
यह है विज्ञापन नीति
1. सडक़ की सतह से न्यूनतम ऊंचाई 15 फीट होगी। जहां वृक्षों की हरियाली, पुरातात्विक महत्व के भवनों को नुकसान पहुंचे या प्रभावित हो वहां होर्डिंग नहीं लगेंगे।
2. होर्डिंग से किसी प्रकार का यातायात प्रभावित नहीं होना चाहिए।
3. होर्डिंग के लिए स्ट्रक्चर इंजीनियर का प्रमाण-पत्र आवश्यक होगा। किसी भी भवन की छत पर होर्डिंग लगाने के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा।
4. भवन की छत पर कुल क्षेत्रफल से दस प्रतिशत से अधिक जगह पर नहीं लगेगा।इसके लिए नगरपालिका से अनुमति लेना जरूरी होगा।
5. चौराहों पर लगे होर्डिंग्स सडक़ वाहन चालकों को अन्य दिशाओं से आने वाले ट्रैफिक को दूर से देखने में बाधा उत्पन्न करते हैं।
6. ऐसे बैनर पोस्टर्स एवं होर्डिंग्स वाहन चालकों का ध्यान विचलित करते हैं।
7. कई स्थानों पर ट्रैफिक सिग्रल पर ऐसे होर्डिंग्स लगा दिए जाते हैं जो यातायात को प्रभावित करते हैं।
शहर में सिर्फ 51 होर्डिंग ही वैध
नगरपालिका के रिकॉर्ड के मुताबिक शहरी क्षेत्र में सिर्फ 51 होर्डिंग ही वैध है। जिनकी सालाना राशि नगरपालिका में जमा की जाती है। जबकि शेष होर्डिंग अवैध बताए जाते हैं। जिनमें विज्ञापन नीति का कोई पालन नहीं किया गया है। नगरपालिका द्वारा अवैध होर्डिंग के मामले में कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण अवैध होर्डिंग की शहर में बाढ़ आ गई है। शहर के चौक-चौराहें होर्डिंग से पटे पड़े हैं। नगरपालिका ने अवैध होर्डिंग को लेकर एक सूची भी तैयार कर ली है। जिसे हटाने की कार्रवाई जल्द की जाएगी।
दस साल से नहीं हुए टेंडर
नगरपालिका ने विगत दस सालों होर्डिंग को लेकर कोई टेंडर नहीं किए हैं। होर्डिंग का नवीनीकरण ही किया जा रहा है। परिषद की पिछली बैठक में भी एक साल के लिए होर्डिंगों के अनुबंध का पुन: नवीनीकरण कर दिया गया। जबकि नियमानुसार आउट डोर विज्ञापन नीति के तहत नए टेंडर किए जाने चाहिए थे, लेकिन टेंडर करने की जगह नगरपालिका अनुबंध का नवीनीकरण करने में लगी है। जिसकी वजह से अवैध होर्डिंग का कारोबार भी तेजी से फल फूल रहा है। बताया गया कि शहर में करीब एक सैकड़ा से अधिक अवैध होर्डिंग होंगे, लेकिन नगपालिका अपने रिकॉर्ड में 50 से अधिक होर्डिंग अवैध बता रही है।
आयुक्त ने 15 दिन में हटाने के दिए थे निर्देश
नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त ने शहर में चौक-चौराहों और राज्यमार्गों पर लगे दुर्घटना संभावित होर्डिंग्स को हटाए जाने के निर्देश 17 मई को निकायों को जारी किए थे, जिसमें 15 दिवस में कार्रवाई कर अवगत कराया जाना था, लेकिन नगरपालिका ने दो महीने बाद अवैध होर्डिंग को चिन्हित करने का काम शुरू किया।जिसकी वजह से अवैध होर्डिंग को हटाए जाने के लिए जो डेटलाइन तय की गई थी उसमें कोई काम ही नहीं हो सका।
सडक़ सुरक्षा आडिट में सामने आई खामियां
सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने स्वतंत्र संस्था से राज्य में सडक़ सुरक्षा ऑडिट कराया हैं। इस रिपोर्ट में राज्य की सडक़ों को बेहतर बनाने एवं दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ऐसे होर्डिंग एवं बैनर हटाने के लिए अनुशंसा की गई है, जिसके कारण दुर्घटनाएं होने का अंदेशा बना रहता है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त भरत यादव ने समस्त निकायों को ऐसे सभी बैनर-पोस्टर जो शहर के मुख्य चौक-चौराहों एवं राजमार्गों के जंक्शन पर लगाए गए हैं जिनके कारण दुर्घटना की संभावना बढ़ रही हैं उन्हें हटाए जाने के निर्देश दिए हैं।

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