गुणवत्ता, समावेशी शिक्षा, कौशल, प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी व शोध पर मिलकर करेंगे काम

 गुणवत्ता, समावेशी शिक्षा, कौशल, प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी व शोध पर मिलकर करेंगे काम

-जी 20 का दिल्ली लीडर्स डिक्लियरेशन:

-वैश्विक स्तर पर कौशल की कमी को दूर करने पर नीति बनेगी
-कौशल और रोजगार के लिए जल्द तैयार किया जाएगा डाटाबेस

नई दिल्ली। जी 20 दिल्ली लीडर्स डिक्लियरेशन में समावेशी शिक्षा, गुणवत्ता, कौशल, प्रशिक्षण, रोजगार, डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रयोग, अनुसंधान और शोध पर मिलकर काम करने की सहमति बनी है। जी-20 सदस्य देश वैश्विक स्तर पर कौशल की कमी को दूर करने पर नीति बनाएंगे और कौशल रोजगार के लिए डाटा बेस तैयार करेंगे। इसका मकसद जिन देशों में कौशल पेशवरों की कमी होगी, वहां अन्य देश अपने पेशेवर भेजकर संबंधित देश की जरूरत पूरा करना और रोजगार के मौके बढ़ाने में मदद करना है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत युवाओं के कौशल को निखारने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा।

भारत की मेजबानी में आयोजित जी-20 के दिल्ली लीडर्स घोषणा पत्र में स्कूली, उच्च, वोकेशनल शिक्षा, कौशल विकास के साथ-साथ शिक्षकों की ट्रेनिंग पर काम करने पर भी सहमति बनी है। दिल्ली लीडर्स घोषणा पत्र में कहा गया है कि शिक्षा क्षेत्र में भारत समेत सदस्य देश गुणवत्ता युक्त शिक्षा, अनुसंधान और शोध पर मिलकर काम करेंगे। कमजोर परिस्थितियों वाले लोगों के साथ-साथ सभी के लिए समावेशी, न्यायसंगत, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। मानव संसाधन के विकास के समर्थन में निवेश भी जरूरी है। इसलिए शिक्षा और रोजगार के लिए प्राथमिक निर्माण खंड के रूप में मूलभूत शिक्षा (साक्षरता, संख्यात्मकता और समाजिक-भावनात्मक कौशल) पर मिलकर काम करेंगे।

शिक्षा में डिजिटल प्रौद्योगिकी पर जोर, शिक्षकों को एआई आधारित ट्रेनिंग
वैश्विक महामारी कोरोना में डिजिटल शिक्षा का महत्व समझ आया था। भारत ने अपने एजेंडे में शिक्षा में डिजिटल शिक्षा को प्रमुखता से रखा और दिल्ली लीडर्स घोषणा पत्र में उसको मंजूरी भी मिल गई है। इसके तहत स्कूली व उच्च शिक्षा में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। हालांकि उसके साथ शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समेत नई तकनीक से पढ़ाई करवाने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा। तकनीकी, व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (टीवीईटी) तक छात्रों की पहुंच बढ़ाने को मंजूरी मिली है। इसके अलावा सुरक्षित वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने, अनुसंधान व उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्र, शोधकर्ता और वैज्ञानिक मिलकर काम करेंगे।

प्रशिक्षित पेशेवरों को सदस्य देशों में काम करने का मिलेगा मौका:
दिल्ली लीडर्स घोषणा पत्र के तहत अब जी 20 सदस्य देश कौशल प्रशिक्षण के साथ कौशल प्रशिक्षित पेशेवरों की कमी को दूर करने पर मिलकर काम करेंगे। उदाहरण के तौर पर भारत कौशल प्रशिक्षण पर सबसे अधिक जोर दे रहा है। क्योंकि दुनिया भर में सबसे अधिक युवा और मैनपावर भारत के पास है। ऐसे में भारत ने इसे एजेंडे में रखा और मंजूरी मिल गई। इसके लिए कौशल आधारित नीति बनेगी। इसमें कामकाजी पेशवरों के लिए सामाजिक सुरक्षा, बेहतर काम का माहौल, वेतन, घंटे तय आदि मुहैया करवाना है। अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत कौशल कोर्स व प्रशिक्षण मिलेगा। इसमें डिजिटल अपस्किलिंग और रीस्किलिंग पर जोर रहेगा। सभी सदस्य देशों में कौशल प्रशिक्षित पेशेवरों और रोजगार का आंकड़ा जुटाया जाएगा।

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