काम के प्रेशर में हेल्थ न करें खराब !

काम के प्रेशर में हेल्थ न करें खराब:कैसे हो 8 घंटे की नींद 4 घंटे में पूरी

शास्त्रों में लिखा है कि दिन जागने के लिए और रात सोने के लिए होती है। शिकारी जानवरों के अलावा प्रकृति में मौजूद सभी जीव-जंतु रात में आराम करते हैं, लेकिन हमारी इस दौड़भाग भरी जिंदगी में दिन और रात का पता ही नहीं चलता। इसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है।

आमतौर पर लोग सोने और जागने का एक रूटीन फॉलो करते हैं, लेकिन इमरर्जेंसी, काम की डेडलाइन, सिर पर बैठी परीक्षा या ऐसी किसी भी आपात स्थिति में अचानक आपका फिक्स रूटीन गड़बड़ा सकता है।

फर्ज करिए आप दिन भर का काम निपटाकर सोने जा रहे हैं, तभी ऑफिस से अचानक कोई काम आ गया और आपकी नींद का शेड्यूल खराब हो गया।

होना तो यही चाहिए कि नींद का रूटीन बिगड़े नहीं और हम पूरे अनुशासन से इसका पालन करें, लेकिन अगर कभी यह रूटीन गड़बड़ाए और देर रात जागकर काम करने की नौबत आए तो हमें क्या करना चाहिए। क्या आप ढेर सारी चाय, कॉफी, सिगरेट की मदद लेंगे या फिर ऐसे में कुछ और सावधानियां भी बरती जा सकती हैं।

अब काम भी जरूरी है और स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी जरूरी है। शरीर है तो सब कुछ है। तो ऐसा क्या करें, जिससे शरीर को भी नुकसान न हो और काम के लिए एनर्जी भी मिल जाए। सभी कुछ जानेंगे आज जरूरत की खबर में…

एक्सपर्ट:

  • डॉ. शुचिन  उजाला सिग्नस अस्पताल, दिल्ली
  • डॉ. अंजू , न्यूट्रीशियनिस्ट, भोपाल

सवाल: ऑफिस के काम के लिए या परीक्षा के दिनों में देर रात जागने पर नींद भगाने के लिए आप चाय-कॉफी-स्मोक का सहारा लेते हैं, ये हेल्थ के लिए कितना हानिकारक है?
जवाब: 
नींद भगाने के लिए चाय-कॉफी, सिगरेट पीना गलत है। ये हार्मफुल आदतें हैं और रेगुलर बेसिस पर इनका सेवन करने से बेचैनी, हाइपर टेंशन, फैटी लिवर, हाई बीपी और माइग्रेन समेत कई बीमारियां हो सकती हैं।

लेकिन अब मान लीजिए कि नाइट ड्यूटी आ गई या एग्जाम आ गए हैं तो उस कंडीशन में अपनी बॉडी को कैसे मैनेज करें, जिससे हेल्थ पर भी इसका बुरा असर न पड़े। इससे बचने के लिए आप खाने-पीने के और भी दूसरे ऑप्शन अपना सकते हैं। इसे नीचे लगे क्रिएटिव से समझते हैं-

सवाल: काम का बहुत प्रेशर है, नींद नहीं पूरी हो पा रही, इसे कैसे मैनेज करें?

 
जवाब: 
रात में नींद नहीं पूरी होती तो पूरा दिन आलस और थकावट सी लगती है। ऐसे में अगर 10 से 30 मिनट तक योग निद्रा की सही तरीके से प्रैक्टिस की जाए तो हम 7 से 8 घंटे की गहरी नींद 4 घंटे में पूरी कर सकते हैं।

योग निद्रा के बारे में गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने एक बार इंटरव्यू में कहा कि वे अपने काम के स्ट्रेस को कम करने के लिए NSDR यानी non-sleep deep rest का सहारा लेते हैं।

सवाल: ये NSDR क्या है, जिससे आप बिना सोए खुद को दोबारा नई एनर्जी के साथ काम के लिए तैयार कर सकते हैं?
जवाब: 
दुनिया को NSDR यानी Non-sleep deep rest से स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉक्टर एंड्रयू ह्यूबरमैन ने परिचित करवाया।

NSDR में हमें अपनी आंखें बंद करके 20-30 मिनट लेटना होता है और वापस उठने के बाद हम इतना रिलैक्स महसूस करते हैं जैसे कि 7-8 घंटे की गहरी नींद से उठे हों।

स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन में दिमाग की मेथेडोलॉजी पर काम करने वाले डॉक्टर एंड्रयू ह्यूबरमैन बताते हैं कि वे खुद 10 सालों से NSDR प्रैक्टिस कर रहे हैं और वे इसे अपनी नींद पूरी करने और फोकस रहने का बेस्ट टूल मानते हैं।

NSDR दुनिया के लिए भले ही नया हो, पर यह प्रक्रिया हमारे देश के लिए हजारों साल पुरानी है। इसकी बात हमारे धर्मग्रंथों में भी की गई है। पतंजलि के योग सूत्र में भी इसका जिक्र है। योग निद्रा भारत की देन है। ऋग्वेद में इसकी उत्पत्ति का जिक्र है।

योग निद्रा के पीछे का साइंस

दिमाग में मौजूद न्यूरॉन कई तरंगें उत्पन्न करते हैं। इनमें से अल्फा तरंगें हमें खुश रखने का काम करती हैं। जिस दिन हम तनाव में होते हैं उस दिन दिमाग में अल्फा तरंगों की एक्टिविटी कम हो जाती है। योग निद्रा और मेडिटेशन से दिमाग में अल्फा वेव की एक्टिविटी बढ़ जाती है। हम खुशी महसूस करते हैं।

NSDR के पीछे भी यही योग निद्रा का विज्ञान है। जैसे-जैसे दिमाग आराम की अवस्था में जाने लगता है वैसे-वैसे आपकी हार्ट बीट धीमी होती चली जाती है।

दिमाग बीटा तरंगों से अल्फा तरंगों की ओर स्विच कर जाता है। बीटा तरंगें एक्टिव दिमाग से जुड़ी होती हैं जबकि शांत अवस्था में अल्फा तरंगें अधिक एक्टिव रहती हैं। इसके बाद आप रिलैक्स हो जाते हैं।

योग निद्रा बेहतर रूप से सोने में भी सहायक है। कई स्टडी बताती हैं कि जो लोग रेगुलर योग और ध्यान करते हैं उनकी नींद अन्य लोगों से कहीं बेहतर और गहरी होती है।

योगनिद्रा करने का सही तरीका

स्टेप-1: शांत और कम रौशनी वाली जगह पर पीठ के बल लेट जाएं। शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें। हथेलियां खोलकर आसमान की तरफ रखें।

स्टेप-2: गहरी सांस लें। फिर सामान्य सांस लेते हुए दाहिने पैर के पंजे पर ध्यान लगाएं। इस दौरान मन में कोई भी ख्याल न लाएं।

स्टेप-3: अपना ध्यान पंजे से घुटने, फिर जांघ पर लाएं। इस प्रक्रिया को बाएं पैर के साथ दोहराएं। ऐसे करते-करते गले, छाती आदि पर ध्यान लगाएं।

स्टेप-4: गहरी सांस लें और कुछ देर इसी स्थिति में लेटे रहें। अब ध्यान आसपास के माहौल पर ले जाएं। दाहिनी करवट लेकर बाईं नाक से सांस छोड़ें।

स्टेप-5: ऐसा करने से शरीर का तापमान गिरेगा। थोड़ी देर बाद धीरे से उठकर बैठ जाएं। धीरे-धीरे ही अपनी आंखें खोलें।

योगनिद्रा से हेल्थ को कई फायदे

  • टेंशन, स्ट्रेस और डिप्रेशन कम होता है। शरीर रिलैक्स फील करता है।
  • जिन्हें नींद कम आने या न आने की परेशानी है, उनकी नींद में मददगार होता है।
  • मन को शांत करता है। दिल की धड़कनें नॉर्मल रहती हैं। दिमागी थकान दूर होती है।
  • शरीर दर्द से छुटकारा दिलाता है। थकान और निगेटिव सोच को दूर करता है।

सवाल: अगर रात में सोने की आदत नहीं है या काम रहता है तो क्या दिन में सोकर इसकी भरपाई की जा सकती है?
जवाब: 
अगर आप देर रात तक जागते हैं और दिन में सोते हैं तो इससे रात की नींद की भरपाई नहीं हो सकती। इसे नीचे दिए गए पॉइंट्स में ऐसे समझते हैं-

  • सोते समय हमारे शरीर में ग्रोथ हॉर्मोन रिलीज होते हैं। रात में न सोने से हमारे बॉडी ऑर्गन्स का विकास रुक होता है।
  • दिन में सोने से सिर्फ थकान कम होती है। इससे शरीर को जितना आराम चाहिए, वह नहीं मिल पाता है।
  • देर रात तक जागने से वर्किंग कैपेसिटी पर बुरा असर पड़ता है। इससे काम करने की क्षमता में कमी आ सकती है।
  • रात में देर तक जागने से स्ट्रेस, टेंशन की प्रॉब्लम बढ़ती है और व्यक्ति बात-बात पर चिड़चिड़ा हो जाता है।
  • कई दिनों तक देर रात तक जागने वालों को वेट बढ़ने की प्रॉब्लम होने लगती है।
  • देर रात तक जागने से भूख कंट्रोल करने वाले हॉर्मोन का लेवल भी प्रभावित होता है। इससे भूख कम हो जाती है।
  • देर रात तक जागने से हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी भी हो सकती है।

सवाल: टाइम से सोने और उठने का एक रूटीन होना क्यों जरूरी है?
जवाब:
 हेल्दी रहने के लिए सिर्फ पर्याप्त नींद ही नहीं, बल्कि टाइम से नींद लेना और सही समय पर उठना बहुत जरूरी है। ऐसा न करना कई रोगों को बुलावा देता है। इससे कई फायदे होते हैं-

सवाल: काम का प्रेशर बढ़ने पर लोग पावर नैप लेने की सलाह देते हैं, ये क्या है और क्यों जरूरी है?
जवाब: 
हां बिल्कुल। ये हेल्थ के लिए अच्छा होता है। झपकी को पावर नैप माना जाता है। इसमें 15-20 मिनट तक सो सकते हैं।

जैपनीज कल्चर में पावर नैप काफी पॉपुलर है। पावर नैप थकान दूर करने और शरीर की खोई हुई ऊर्जा लौटाने में मददगार होता है। सिर्फ 15 से 20 मिनट की नींद यानी पावर नैप लेकर आप रिफ्रेश होकर काम पर लौट सकते हैं।

अगर इसी नैप की टाइमिंग को 20 मिनट से बढ़ाकर 1 घंटा कर देते हैं तो इसके अपोजिट इफेक्ट्स पड़ने लगते हैं। दिमाग रेस्टिंग पोजिशन में चला जाता है, जिससे ब्रेन का कॉन्सन्ट्रेशन और फोकस कम हो जाता है।

सवाल: नींद के लिए बेहतर समय क्या है?
जवाब:
 इनोसेंस योगा की योग एक्सपर्ट भोली परिहार का कहना है कि रात 11 बजे से 2:30 बजे का समय नींद के लिए सबसे बेस्ट टाइम माना जाता है।

इस समय सबसे अच्छी नींद आती है और यही वह समय होता है, जब स्लीप हॉर्मोन सिक्रीशन होता है।

सवाल: पूरी स्टोरी नींद पर है। आखिर शरीर के लिए नींद इतनी जरूरी क्यों है?
जवाब: 
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के अनुसार सही नींद लेने से न केवल दिल बल्कि पूरे शरीर का स्वास्थ्य ठीक रहता है। डेटा यह भी बताता है कि हार्ट अटैक से हुई लगभग 8 फीसदी मौतों के मूल में नींद का अनियमित पैटर्न होता है।

दरअसल, नींद की कमी का असर सबसे पहले दिल पर पड़ता है। जब किसी की नींद पूरी नहीं होती तो उसे थकान महसूस होती है। इस वजह से ब्लड सर्कुलेशन सही तरह से नहीं हो पाता।

इसके बाद दिल को पम्पिंग के लिए बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यह स्थिति दिल के काम करने की कैपेबिलिटी को कम करती जाती है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क बढ़ जाता है।

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के क्लिनिकल फेलो इन मेडिसिन डॉ. फ्रैंक कियान कहते हैं, ‘नींद का असर शरीर के सभी हिस्से पर पड़ता है। हार्मोन, मेटाबॉलिज्म से लेकर मेंटल हेल्थ और याद्दाश्त सब पर यह प्रभाव डालती है। इसलिए हर डॉक्टर आपको अच्छी नींद लेने की सलाह देते हैं। नीचे लिखे पाइंट्स से इसे समझते हैं…

एनर्जी रिस्टोर: शरीर और ब्रेन को रिचार्ज करने के लिए नींद जरूरी है। सोने की वजह से हमारी एनर्जी रिस्टोर हो जाती है और हम दोबारा नई ऊर्जा के साथ काम कर सकते हैं।

मेमोरी कंसल्टेशन: याददाश्त बनाए रखने के लिए नींद बहुत जरूरी है। इसलिए पढ़ाई करने वाले बच्चों को दोपहर में थोड़ी देर और रात को टाइम से सोने की सलाह दी जाती है। ताकि जितना भी वो दिन भर सीखते हैं, उसे लंबे समय तक याद रख सकें।

ग्रोथ हार्मोन: शरीर की ग्रोथ रात में होती है। रिसर्च के मुताबिक जो बच्चे कम सोते हैं उनकी हाइट कम होती है। हर बॉडी पार्ट को आराम की जरूरत होती है। इसलिए रात में सोने का समय तय होना चाहिए।

सवाल: कितने घंटे की नींद एक हेल्दी व्यक्ति को लेनी चाहिए?
जवाब: 
रात में 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है। अमेरिका के वर्जीनिया स्थित नेशनल स्लीप फाउंडेशन का कहना है कि लाइफस्टाइल और उम्र से समझ सकते हैं कि किसी व्यक्ति को नींद की कितनी जरूरत है।

सवाल: अगर किसी को रात में 7-8 घंटे से कम नींद आ रही है, तब क्या कोई गड़बड़ है?
जवाब: 
बिल्कुल गड़बड़ है। अगर कोई रोजाना 6 घंटे से कम नींद ले रहा है तो इससे शरीर धीरे-धीरे बीमार हो सकता है। उसे कई बीमरियों का रिस्क हो सकता है। जैसे-

  • डायबिटीज
  • हाई बीपी
  • हार्ट अटैक
  • स्ट्रोक
  • डिमेंशिया

चलते-चलते

सवाल: किस करवट लेकर सोना चाहिए?
जवाब: 
पतंजलि योग पीठ के आचार्य बालकृष्ण कहते हैं कि

  • कभी भी सीधा नहीं सोना चाहिए। कुछ लोग पेट के बल सोते हैं। यह तरीका भी सही नहीं है।
  • अगर हर दिन पेट के बल सोते हैं तो कमर और रीढ़ की हड्डी में दर्द होगा।
  • पाचन क्रिया डिस्टर्ब होगी, अपच, गैस, कब्ज से परेशान रहेंगे।
  • मांसपेशियों में दर्द और शरीर में अकड़न की समस्या लगातार बनी रहेगी।
  • साथ ही पेट के बल सोने से हमारा चेहरा नीचे की ओर दब जाता है, जिससे चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं।
  • याद रखें कि सोने का विधान करवट से है। वो भी बाएं करवट से क्योंकि हमारा हार्ट इसी तरफ होता है और ऐसे सोने से उस पर जोर कम पड़ता है। ऐसे सोने से खाया हुआ खाना भी आसानी से पच जाता है।

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