हारी सीटों के बाद टिकट काटने पर जोर, कमजोर मंत्री होंगे बाहर !

हारी सीटों के बाद टिकट काटने पर जोर, कमजोर मंत्री होंगे बाहर

भाजपा की सरप्राइज पॉलीटिक्स: चौथी और पांचवीं सूची में टिकट काटने पर रहेगा फोकस

भोपाल. चुनावी रण जीतने के लिए भाजपा हारे नेताओं से लेकर दिग्गजों तक को उतारने के बाद अब चौथी और पांचवीं सूची में टिकट काटने पर फोकस कर सकती है। इसमें कमजोर परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को भी बाहर किया जाएगा। सर्वे-फीडबैक रिपोर्ट के बाद तीन से चार मंत्रियों का टिकट कटना लगभग तय हो गया है। हारी सीटों के बाद टिकट बदलने के फार्मूले के साथ बची सीटों का ऐलान होगा। दरअसल, भाजपा हर सूची में अलग रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है। इसके तहत मंत्रियों की सीटों को लेकर भी भारी उलट-फेर के आसार हैं।

मंत्रियों का परफॉर्मेंस चेक

भा जपा ने मंत्रियों को सर्र्वे-फीडबैक के आधार पर सुधार का मौका दिया था। दरअसल, जुलाई, अगस्त और सितंबर में तीन सर्वे कराए गए हैं। इन तीनों में जिन मंत्रियों की सीटों पर खराब स्थिति आई है, उनके टिकट कट सकते हैं। इसके तहत तीन से चार मंत्रियों का टिकट कट सकता है। सूत्रों के मुताबिक रामखेलावन पटेल, बिसाहूलाल सिंह, बृजेंद्र प्रताप सिंह, मोहन यादव, इंदर सिंह परमार को लेकर सर्वे में निगेटिव फीडबैक आए थे। इनमें से कुछ मंत्रियों को लेकर छवि के तहत दिक्कतेें आई हैं। हालांकि ऐसे नेताओं को पार्टी ने एक मौका भी जरूर दिया था। पार्टी लाइन के अनुसार उक्त नेताओं की सीटों पर स्थिति सुधरने का फीडबैक सिंतबर की रिपोर्ट में में यदि आई तो उन्हें पार्टी राहत भी दे सकती है।

गुरुवार को सीएम हाउस पर भी भाजपा का मंथन चला। करीब दो घंटे तक चुनावी रणनीति को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान, मप्र चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने मंथन किया। इसमें आगे की सूची को लेकर भी मंथन होना माना जा रहा है। जिन सीटों पर अभी असंतोष के सुर उभरे हैं, उन्हें लेकर रणनीतिक कदम तय उठाने को लेकर चर्चा हुई। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आगामी दौरे को लेकर भी तैयारियां व अन्य राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होना माना जा रहा है।

विधायकों पर गुजरात फॉर्मूले का भी खतरा

मंत्रियों के अलावा विधायकों पर भी गुजरात फॉर्मूले का खतरा मंडरा रहा है। गुजरात में भाजपा ने बड़े पैमाने पर विधायकों के टिकट काटे थे। नए चेहरों को मौका दिया। अच्छे नतीजे आए। इसलिए टिकट बदलने का फॉर्मूला बड़े पैमाने पर अपनाया जा सकता है। वहीं, भाजपा हर चुनाव के पहले कुछ मंत्रियों को रेस से बाहर कर देती है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पांच मंत्रियों माया सिंह, हर्ष सिंह, सूर्यप्रकाश मीणा, लक्ष्मीकांत शर्मा व गौरीशंकर शेजवार के टिकट काटे थे।

2013 में चार और 2008 में तीन मंत्रियों के टिकट काटे गए थे

एंटी-इंम्बैंसी से निपटने का रास्ता-

सरकार व मंत्रियों के खिलाफ एंटी-इंम्बैंसी से निपटने के लिए टिकट बदलने का फार्मूला अपनाया जाता है। अभी तक तीन चुनावों में इसके अच्छे असर दिखे हैं। गुजरात में सबसे ज्यादा असर प्रचंड जीत के रूप में आया। अब सर्वे-फीडबैक में मंत्रियों के खिलाफ इनपुट मिलने के कारण इस रास्ते को अपनाया जा सकता है।

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