क्या कांग्रेस ने शिवराज के ‘झोली’ में डाल दी बुधनी सीट?

क्या कांग्रेस ने शिवराज के ‘झोली’ में डाल दी बुधनी सीट? समझिए टीवी एक्टर विक्रम मस्ताल के लिए यहां से जीतना कितना मुश्किल
कांग्रेस मध्य प्रदेश के कुल 230 विधानसभा सीटों में से 144 सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. जिनमें से कांग्रेस ने कई पुराने विधायकों को ही एक बार फिर मौका दिया है. 
नवरात्री के पहले दिन कांग्रेस ने 3 राज्यों छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. मध्यप्रदेश के कुल 230 विधानसभा सीटों में से 144 सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. इन 144 प्रत्याशियों  में से 60 से ज्यादा चेहरे पुराने ही हैं. यानी कांग्रेस ने पुराने विधायकों को ही एक बार फिर मौका दिया है. 

लिस्ट के अनुसार प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से मैदान में उतरेंगे. जबकि बीजेपी प्रत्याशी शिवराज के सामने बुधनी विधानसभा सीट से एक नया प्रयोग करते हुए पार्टी ने विक्रम मस्ताल को टिकट दिया गया है. विक्रम मस्ताल टीवी सीरियल एक्टर हैं और वह साल 2008 में रामायण सीरियल में भगवान हनुमान का किरदार निभा चुके हैं. 

विक्रम मस्ताल को खुद पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी की सदस्यता दिलाई थी. सदस्यता मिलने के बाद से ही वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बुधनी विधानसभा सीट में अधिक सक्रियता बनाए हुए थे. इस क्षेत्र में उनकी सक्रियता को देख पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कांग्रेस में नर्मदा सेवा सेना संगठन का गठन किया, जिसका सह प्रभारी भी विक्रम मस्ताल को ही बनाया गया था. 

एक्टिंग से राजनीति में कदम रखने वाले विक्रम मस्ताल को अब मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. लेकिन एक सवाल ये भी उठ रहा कि क्या शिवराज सिंह चौहान जैसे मजबूत चेहरे और 20 साल से भाजपा का गढ़ माने जाने वाला बुधनी सीट पर विक्रम मस्ताल को उतारना कांग्रेस को भारी पड़ सकता है..

बुधनी सीट पर कई सालों से बीजेपी को हराने की कोशिश

पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर आनंद शर्मा ने एबीपी से बात करते हुए कहा कि नर्मदा किनारे बसे बुधनी विधानसभा सीट पर पिछले कई सालों से कांग्रेस शिवराज सिंह को घेरने की कोशिश में लगी हुई थी. हालांकि इस चुनाव में उन्होंने शिवराज के खिलाफ विक्रम मस्ताल को मैदान में उतारा है. ये कांग्रेस के एक प्रयोग का हिस्सा हो सकता है लेकिन मुख्यमंत्री की सीट होने की कारण यहां शिवराज सिंह के लिए मुझे तो कोई खतरा दिखाई नहीं दे रहा है. इस सीट की जनता पिछले 20 सालों से बीजेपी को सपोर्ट कर रही है. पिछले उपचुनाव में भी बीजेपी को ही जीत मिली थी. 

पांच बार रह चुके हैं विधायक

सिहोर जिले में आने वाली बुधनी विधानसभा सीट राज्य के सबसे प्रमुख और चर्चित सीटों में से एक है. इस सीट पर पिछले 20 साल से बीजेपी का कब्जा है. इस सीट से प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार 5 बार विधायक रह चुके हैं. शिवराज ने साल 1990, 2006, 2008, 2013, 2018 में इसी सीट पर जीत हासिल की थी. यह इलाका उनका गृह क्षेत्र भी रहा है. बुधनी विधानसभा सीट पर बीजेपी का प्रभाव इस बात से भी समझा जा सकता है कि साल 2006 के उपचुनाव में भी यहां की जनता ने बीजेपी को ही जिताया था. 

पिछले चुनाव में 58,999 मतों के अंतर से हराया था

साल 2018 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी से शिवराज सिंह चौहान ने अपने निकटम प्रतिद्वंद्वी अरुण यादव को 58,999 वोटों के अंतर से हराया था. इस चुनाव में शिवराज ने कुल 1,23,492 वोट मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के प्रत्याशी अरुण यादव को मात्र 64,493 वोट मिले हैं. कांग्रेस के बाद तीसरे स्थान पर रहे थे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी रेवाराम सल्लम. 

बीजेपी के इन दिग्गजों के सामने कांग्रेस किसे उतारा 

छिंदवाड़ा से लड़ेंगे कमलनाथ: कांग्रेस के सीएम पद के उम्मीदवार कमलनाथ छिंदवाड़ा से चुनावी मैदान में उतरेंगे. इस सीट पर बीजेपी की तरफ से विवेक बंटी साहू को मैदान में उतारा गया है. कमलनाथ ने 2019 के मई महीने में हुए उपचुनाव में छिंदवाड़ा से अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता था. मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए उन्होंने अपनी पार्टी के सहयोगी दीपक सक्सेना की खाली की गई छिंदवाड़ा सीट पर 25,800 से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल किया था. इससे पहले इस सीट पर यानी साल 2013 में छिंदवाड़ा विधानसभा सीट बीजेपी की जीत हुई थी, जबकि साल 2008 में यह सीट कांग्रेस के लिए सक्सेना ने जीती थी. इसके अलावा छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र लोकसभा सीट का हिस्सा है, जिसे कमलनाथ ने अपने दशकों लंबे राजनीतिक करियर में रेकॉर्ड नौ बार जीता है.

गृहमंत्री नरोत्तम के सामने अवधेश नायक: दतिया में बीजेपी के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के सामने कांग्रेस ने अवधेश नायक को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है. अवधेश बीजेपी सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रहे हैं. वह सिंधिया के साथ ही बीजेपी में शामिल हुए थे फिर वापस कांग्रेस में ही आ गए. इस सीट डॉ. नरोत्तम मिश्रा साल 2008 से ही दतिया का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने सिर्फ 2,600 वोटों के मामूली अंतर से जीत दर्ज किया था, इस चुनाव में पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेंद्र भारती ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी.

इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय: कांग्रेस ने इंदौर विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय को टक्कर देने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय शुक्ला को टिकट दिया है. वर्तमान में इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कांग्रेस के संजय शुक्ला कर रहे हैं, जिन्होंने 2018 का चुनाव 8,000 से अधिक मतों के अंतर से जीता था.

सारंग से लड़ेंगे मनोज शुक्ला: बीजेपी ने मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग को नरेला सीट से मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने भी इस सीट पर मनोज शुक्ला को उतारकर चुनावी तापमान बढ़ा दी है. वर्तमान में यह सीट मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के पास है. उन्होंने साल 2008, साल 2013 और 2018 में भोपाल जिले के नरेला से जीत हासिल की. बीजेपी नेता ने नरेला से 2018 का चुनाव 23,100 से अधिक मतों के अंतर से जीता था.

कम वोटों से हारे हुए नेताओं को भी दिया गया मौका 

कांग्रेस ने अटेर में पूर्व विधायक हेमंत कटारे को, विजयपुर में पूर्व विधायक रामनिवास रावत को, जौरा उपचुनाव में हारे पंकज उपाध्याय को भी टिकट दिया है. इसके अलावा पार्टी ने गुना जिले की बमोरी सीट पर पूर्व मंत्री कन्हैया लाल अग्रवाल के बेटे ऋषि अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया गया है. वहीं मेहगांव में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह के भांजे राहुल भदौरिया को प्रत्याशी बनाया गया है. मुंगावली सीट पर बीजेपी के पूर्व विधायक रहे स्व. राव देशराज सिंह यादव के बेटे राव यादवेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है.

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का टिकट कटा

गुनौर विधायक शिवदयाल बागरी और कटंगी विधायक टामलाल सहारे के टिकट काटे गए हैं. इन दोनों विधायकों की  जगह गोटेगांव से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति और कटंगी विधानसभा सीट से पूर्व सांसद बोध सिंह भगत को उम्मीदवार बनाया गया है.

इन सीनियर नेताओं को दिया गया टिकट 

कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट में कई सीनियर नेताओं को मैदान में उतारा है. इन नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को छिंदवाड़ा से उम्मीदवार बनाया गया है. साल 2018 में चुरहट विधानसभा सीट से चुनाव हारने वाले अजय सिंह को एक बार फिर उसी से सीट से टिकट दिया गया है. वहीं,  राघौगढ़ से जयवर्धन सिंह को मैदान में उतारा गया है और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को राऊ विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है.

लिस्ट में 19 महिलाओं को किया गया शामिल 

लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करना सभी पार्टियों के लिए बेहद जरूरी है. क्योंकि इसे लोकसभा का सेमीफाइनल भी कहा जा रहा है. यही कारण है कि कांग्रेस मध्य प्रदेश के अपने पहले लिस्ट में सर्वे के आधार पर ही ज्यादातर उम्मीदवारों को मैदान उतारा है. कांग्रेस ने युवा प्रत्याशियों पर भी फोकस किया है.144 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में कांग्रेस ने 50 साल से कम आयु के 65 प्रत्याशियों को टिकट दिया है. वहीं, 19 महिलाओं को भी लिस्ट में शामिल किया गया है. 

39 ओबीसी, 22 एससी उम्मीदवार शामिल 

इसके अलावा पहली लिस्ट में 47 उम्मीदवार जनरल कैटेगरी से हैं, 6 अल्पसंख्यक वर्ग, 39 ओबीसी वर्ग, 22 एससी और 30 एसटी वर्ग के नेताओं को टिकट दिया गया है. 

17 नवंबर को होंगे चुनाव 

बता दें कि कुछ दिन पहले ही चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया था. इस ऐलान के अनुसार मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान करवाया जाएगा. कांग्रेस से पहले पहले भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने कैंडिडेट्स की चार लिस्ट जारी कर दी है. बीजेपी की अब तक 136 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जा चुका है. लिस्ट में बीजेपी ने कई दिग्गजों को भी मैदान में उतारा है. इसमें 3 केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसद भाजपा से मैदान में हैं.

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