राशन वितरण प्रणाली में तकनीक से योगी सरकार ने ढाई वर्षों में बचाए 1192 करोड़

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ढाई सालों में राशन वितरण प्रणाली को पटरी पर लेकर आई है. तकनीक का सहारा लेकर राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाकर सरकार ने 1192 करोड़ रुपए के गरीबों का खाद्यान्न बचाया है. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने फर्जी वितरण करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की है. गरीबों में बंटने वाले 4.64 मीट्रिक टन खाद्यान्न को फर्जी तरीके से वितरण होने से भी रोका है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. जिससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए विभागीय अधिकारियों की टीम ने 95982 जगहों पर छापेमारी कर 1629 दुकानों के लाइसेंस निलंबित कर दिये, जबकि 1681 दुकानों के लाइसेंस को निरस्त कर दिया. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने जुलाई 2017 से लेकर सितंबर 2019 तक कार्यवाही करते हुए फर्जी वितरण पर लगाम लगाने का पूरा प्रयास किया. परिणाम यह हुआ कि 4.64 मीट्रिक टन खाद्यान्न को फर्जी तरीके से वितरण होने से रोका गया और 1192 करोड़ रुपए की बचत हुई.

विभाग ने कोटेदारों पर कार्यवाही के साथ साथ विभागीय अधिकारियों पर भी कार्यवाही की है. इसमें दो अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की गई और दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है. 12 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया, जबकि 63 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की गई है. इसके साथ ही 82 कोटेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जन योजनाओं में पारदर्शिता लाने के लिए लगातार तकनीक का प्रयोग कर रही है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं. इसमें आधार सीडिंग, ई-पास के जरिए खाद्यान्न का वितरण शामिल है. विभाग के मुताबिक अब तक 88.63 फीसदी लोगों को आधार सीडिंग हो चुका है. 89.56 फीसदी लोगों को ई-पास के माध्यम से खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है और 93.84 फीसदी लोगों को ई-पास से हुए वितरण में आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से किया जा रहा है.

विभाग के मुताबिक इस दौरान प्रवर्तन की कार्यवाही जारी है. 82 कोटेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है. विभाग ने इन कोटेदारों की 189.841 लाख रुपए की धरोहर राशि जब्त कर लिया. इसके अलावा आवश्यक वस्तुओं को भी जब्त किया गया, जिसकी अनुमानित मूल्य करीब 376.878 लाख रुपए है.

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