मध्यप्रदेश में सड़क हादसों में डेढ़ साल में 18 हजार लोगों की मौत
भोपाल। Road Accidents in Madhya Pradesh मध्यप्रदेश में सड़क हादसों के दौरान वर्ष 2018 के दौरान कुल 11 हजार 450 राहगीरों की मौत हुईं, जबकि इस साल जून तक साढ़े छह हजार लोगों की मौतें दर्ज हुई हैं। इस प्रकार डेढ़ साल में कुल 18 हजार मौतें सड़क हादसे में हुईं। मरने वालों में सर्वाधिक दुपहिया चालक एवं पदयात्री थे। इनमें ड्राइविंग के साथ शराब का सेवन और मोबाइल पर बात करना भी दुर्घटना का बड़ा कारण सामने आया। 29 फीसदी मौतें हेलमेट नहीं पहनने के चलते हुईं।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी वर्ष 2018 की रिपोर्ट में मप्र की मौतों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। देश में हुए कुल हादसों में सबसे ज्यादा मौतें क्रमश: उप्र, महाराष्ट्र, तमिलनाडु में दर्ज हुईं, इसमें मप्र का क्रम चौथा रहा। इस दौरान यहां सड़कों पर कुल 11 हजार 450 लोगों ने दम तोड़ दिया।
दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार 12 प्रमुख कारणों में खराब सड़क, अधिक रफ्तार के अलावा शराब पीकर और मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइविंग करना भी सामने आया। रिपोर्ट कहती है कि देश में कुल 4 लाख 67 हजार 44 सड़क हादसों में कुल 1 लाख 51 हजार 417 लोगों की मौतें हुई हैं।
इस साल स्थिति भयावह
मप्र की सड़कों पर तेज रफ्तार वाहनों के कारण हुए हादसों में बदहाल सड़कें भी एक कारण रहीं, लेकिन इस वर्ष के पहले छह महीने अर्थात जनवरी से जून 2019 तक हादसों के चलते सड़कों में मरने वालों की संख्या 6 हजार 500 दर्ज की गई है। वर्ष 2017 की तुलना में पिछले साल एक हजार से अधिक लोग हादसों के शिकार हुए, लेकिन मौजूदा आंकड़े स्थिति सुधरने के बजाय और भी भयावह होना बता रहे हैं। मरने वालों की संख्या और तेजी से बढ़ती हुई नजर आ रही है। प्रदेश में तेज रफ्तार एवं गलत दिशा में गाड़ी चलाने के कारण भी जानलेवा हादसे हुए। मरने वालों में ज्यादातर लोगों की उम्र 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग पाई गई है।