बागियों ने कांग्रेस को 19 सीटें हरवाईं, भाजपा को सिर्फ आठ का नुकसान !
बागियों ने क्या असर डाला..?
बागियों ने कांग्रेस को 19 सीटें हरवाईं, भाजपा को सिर्फ आठ का नुकसान
चुनाव परिणामों में भले ही भाजपा की एकतरफा जीत हुई, लेकिन 230 में से 40 से ज्यादा सीटों पर बागी लड़े। इनमें से 27 सीटों पर इन्होंने अपनी ही पार्टी को न केवल हराया, कुछ सीटों पर तो तीसरे स्थान पर धकेल दिया। मुरैना, आलोट, महू, ऐसी ही सीटें है, जहां पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे।
इस चुनाव में भाजपा से नाराज होकर 22 बागी लड़े, इनमें से 14 पर तो भाजपा प्रत्याशी जीत गए लेकिन 8 पर कांग्रेस प्रत्याशी जीते। दूसरी ओर बागियों ने कांग्रेस को ज्यादा नुकसान पहुंचाया। कांग्रेस में भी 22 सीटों पर नेता बागी होकर लड़े। इन 22 में से 19 पर कांग्रेस को नुकसान हुआ और भाजपा प्रत्याशी जीत गए। सिर्फ 3 सीट ऐसी है (भोपाल उत्तर, जोबट, श्योपुर) में ये पार्टी प्रत्याशी को नुकसान नहीं पहुंचा पाए। खास बात यह भी रही कि इस बार एक भी निर्दलीय नहीं जीता, जबकि सैलाना सीट भारत आदिवासी पार्टी के खाते में गई।
इन सीटों पर बिगड़े समीकरण
- मुरैना में भाजपा के रघुराज कंसााना हारे। यहां भाजपा से बागी पूर्व मंत्री रूस्तम सिंह के बेटे राकेश सिंह 37165 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे। खास बात यह कि कांग्रेस के दिनेश गुर्जर यहां से मात्र 19871 वोट से जीते। यदि राकेश सिंह नहीं लड़ते तो सीट का परिणाम बदल जाता।
- सुमावली में भी कांग्रेस को टिकट बदलना भारी पड़ा। यहां बागी होकर बसपा से लड़े कुलदीप सिंह िसकरवार 56 हजार वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे। जबकि अजबसिंह कुशवाहा तीसरे स्थान पर रहे, उन्हें मात्र 17 हजार वोट की दरकार थी।
- आलोट में कांग्रेस के बागी पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू दूसरे नंबर पर रहे, उन्हें 37 हजार से ज्यादा वोट मिले, वहीं विधायक रहे मनोज चावला को 33 हजार वोट ही मिले।
- धरमपुरी सीट पर कांग्रेस के एमएलए पांचीलाल मेढ़ा मात्र 356 वोट से हारे, जबकि यहां कांग्रेस की बागी राजू बाई 4 हजार वोट ले गई।
- जोबट में पूर्व विधायक विशाल रावत भाजपा के टिकट पर हारे। यहां बागी माधौसिंह डाबर 21 हजार से ज्यादा वोट ले गए। हालांकि सेना पटेल की जीत 38 हजार की रही।
- महू में कांग्रेस के बागी पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार 68 हजार वोट ले गए, भाजपा से आए रामकिशोर शुक्ला यहां तीसरे स्थान पर रहे।
- होशंगाबाद सीट पर भाजपा के सीतासरन शर्मा 15 हजार से ज्यादा वोट से जीते। उनके भाई गिरीजाशंकर शर्मा कांग्रेस से लड़े लेकिन तीसरे स्थान पर रहे। भाजपा के बागी भगवतिप्रसाद चौरे दूसरे स्थान पर रहे।