नोएडा अवैध रूप से चल रहे 32 कोचिंग सेंटर बंद ?
नोएडा अवैध रूप से चल रहे 32 कोचिंग सेंटर बंद:जमा नहीं किए रजिस्ट्रेशन दस्तावेज, 12 टीमें जनपद में कर रही सर्च
नोएडा में अवैध रूप से कोचिंग सेंटर चल रहे है। ये कभी भी बड़े हादसे का शिकार हो सकते है। इनका रजिस्ट्रेशन नहीं है। राजस्व का नुकसान कर रहे है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम तक नहीं है। ऐसे करीब 32 कोचिंग सेंटर को जिला विद्यालय निरीक्षक ने बंद कराया है।
जिला विद्यायल निरीक्षक डॉक्टर धर्मवीर सिंह ने बताया कि लगातार इस तरह की शिकायत मिल रही थी कि अवैध कोचिंग चलाकर यहां का संचालन कर्ता बच्चों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के नाम पर मोटी फीस वसूल रहे है। इन सभी कोचिंग संचालन कर्ता ने उप्र कोचिंग विनियमन नियमावली 2022 का उल्लंघन किया है। ये कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी।
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. धर्मवीर सिंह ने बताया कि नियम विरुद्ध चल रहे कोचिंग सेंटर पर शिकंजा कसने के लिए 12 टीमें बनाई गई है। इन टीमों ने जिले भर में अभियान चलाकर 32 कोचिंग सेंटरों की सूची बनाई गई थी।
इन कोचिंग सेंटर को नोटिस जारी कर पंजीकरण संबंधी दस्तावेज मुहैया कराने के आदेश दिए थे, लेकिन किसी ने भी दस्तावेज जमा नहीं कराए। विभाग ने सभी 32 कोचिंग सेंटरों पर ताला जड़ दिया है, इसके बाद भी कोचिंग सेंटर अगर चलते पाए गए तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इन कोचिंग सेंटरों को किया गया बंद
- एचडी क्लासेज भंगेल
- नक्श कोचिंग
- ज्ञान एकेडमी
- धीगंल कोचिंग सेंटर
- केशव फिजिकल डिफेंस एकेडमी
- लाल बहादुर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट
- एपेक्स
- सत्यम कोचिंग सेंटर
- रोजगार विद अत्री
- आरके एकेडमी
- एक्सीलेंट एजुकेशन हब
- एंट्रोफी क्लासेज
- मार्गदर्शन क्लासेज
- जेमब्री कोचिंग सेंटर
- एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ कंपटीशन
- विद्या मंदिर क्लासेज
- यूथ कोचिंग सेंटर
- सरस्वती कोचिंग सेंटर
- एक्सीलेंट एजुकेशन हब
- परिवर्तन एकेडमी
- राजेश स्टडी प्वाइंट
- जयबालाजी कोचिंग सेंटर
- सुमिता क्लासेज
- प्राइम एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड
- एपेक्स कंपिटीशन एकेडमी
- मेंटर दा लेंग्वेज इंस्टीट्यूट
- वेक्टर क्लासेज
- टेक्सास रिव्यू कोचिंग सेटर
- मास्टर क्लासेज
- एमएस कोचिंग क्लासेज
- प्रयास कोचिंग सेंटर, मैथ एकेडमी, संचित इंस्टीट्यूट।
गांव के बाजारों में चल रही थी कोचिंग
इनमें से अधिकांश कोचिंग गांव के बाजारों में कमरा किराए पर लेकर चल रही थी। जहां तक पहुंचना भी आसान नहीं है। इनमें से अधिकांश एक कमरों में थी। जहां सुरक्षा मानकों का कोई इंतजाम नहीं था। यानी यहां यदि आग या कोई और हादसा हो जाए तो बड़ी घटना हो सकती है।
शिफ्ट में चलती थी क्लासेस
इस कोचिंग सेंटर में शिफ्ट में बच्चों की क्लासेस चलती थी। एक बैच में करीब 30 बच्चे होते है। ये सुबह के समय दो से तीन फिर शाम को दो से तीन शिफ्टों में यहां बच्चों पढ़ाया जाता था।