ग्वालियर : 223 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की समय-सीमा तय ?

नगर निगम काम में लाएगा तेजी:223 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की समय-सीमा तय, 15 से लेकर 60 दिन में होगा पूरा का

अवैध कॉलोनियों को वैध करने के दूसरे चरण में 223 काॅलोनियों को वैध करने का वक्त मुकर्रर हो गया है। नई सरकार के गठन के साथ ही नगर निगम भी इस काम में तेजी लाएगा। अभी तय किए गए वक्त में 15-60 दिन का वक्त काॅलोनी को वैध करने में लगेगा। इसके लिए आर्किटेक्ट नियुक्त भी किए जाएंगे। उनके माध्यम से इनका लेआउट तैयार होगा।

चुनाव से पहले ​सीएम शिवराज सिंह ने दिसंबर 2022 तक की अवैध काॅलोनियों को वैध करने की घोषणा की थी। उस आधार पर निगम ने 223 अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए छांट लिया है। अभी साल 2022 तक की अवैध कॉलोनी को वैध करने की कार्रवाई शुरू भी नहीं हुई। लेकिन सीएम की घोषणा के बाद गणेश कॉलोनी केदारपुर को वैध करने का प्रस्ताव आ चुका है, क्योंकि अभी गणेश काॅलोनी फेज-2 भी तैयार होने लगा है।

80% अवैध कॉलोनी ग्रामीण क्षेत्र में बनीं

निगम ने सर्वे कराकर दिसंबर 2022 तक की अवैध कॉलोनी को वैध करने की सूची तैयार की है। उसमें 80% अवैध कॉलोनियां ग्रामीण क्षेत्र (वार्ड 60 से 66) में है। पूर्व में वैध हुई अवैध कॉलोनी में दक्षिण विधानसभा में सबसे ज्यादा 120 थीं। दूसरे चरण में 2017 से 2022 की कॉलोनियोंं को वैध किया जाना है। पूर्व में 31 दिसंबर 2016 तक की अवैध कॉलोनियोंं को निगम वैध कर चुका है। उस वक्त 311 अवैध कॉलोनी वैध हुई थीं। निगम को उम्मीद थी कि कॉलोनियां वैध होते ही यहां के संपत्ति स्वामी अपनी संपत्तियां वैध कराने के लिए आगे आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

वैध करने की समय-सीमा

  • कॉलोनियोंं का प्रांरभिक प्रकाशन 15 दिन।
  • अनधिकृत काॅलोनियों की ले-आउट तैयार करने और टेंडर आमंत्रण में 30 दिन।
  • आर्किटेक्ट व भवन निरीक्षक द्वारा लेट आउट तैयार करना में 60 दिन की समय सीमा।
  • विकास शुल्क का प्रकाशन में 15 दिन।

विकास शुल्क पर कितना खर्च

  • 1000 वर्ग फीट एरिया के भूखंड पर विकास शुल्क 200 से 300 रुपए प्रति वर्गफीट लगेगा।
  • निम्न आय वर्ग, ईडब्लूएस वर्ग के रहवासियों से कोई विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा।
  • विकास शुल्क में 50% राशि संपत्ति मालिक और शेष राशि नगरीय निकाय वहन करेगा।

सूची तैयार, जल्द करेंगे कार्रवाई

अवैध कालोनियों को वैध करने के लिए सर्वे कराकर सूची बना ली है। अब आगे उसकी कार्रवाई जल्दी चालू करेंगे।
-हर्ष सिंह, आयुक्त नगर निगम

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