ग्वालियर : 550 हॉकर्स का जमीन पर कब्ज….. पुलिस व प्रशासन नहीं करता ठोस कार्रवाई
पुलिस व प्रशासन नहीं करता ठोस कार्रवाई….
महाराज बाड़ा पर हॉकर्स निषेध, फिर भी 550 हॉकर्स का जमीन पर कब्ज ..वाहन तो दूर पैदल चलना भी दूभर
निगम के राजस्व विभाग के अधिकारी कहते हैं कि महाराज बाड़ा पर बैठने वाले हॉकर्स से कोई पैसा नहीं लिया जाता है। क्योंकि उक्त क्षेत्र निषेध है। यहां के दुकानदारों का कहना है कि निगम के अफसर हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करा पा रहे हैं। रोज महाराज बाड़ा से ढाई से तीन लाख रुपए की राशि वसूली की जाती है। अभी दीपावली पर्व की बात कर हॉकर्स को निगम के अफसरों ढील दे रखी थी।
लेकिन मदाखलत की जिम्मेदारी निभाने वाले अफसर अब कार्रवाई से बच रहे हैं। इसका फायदा है हॉकर्स उठा रहे हैं। नतीजा महाराज बाड़ा पर जाम जैसे हालात नजर आते हैं। राजस्व अधिकारी लोकेंद्र चौहान का कहना है कि महाराज बाड़ा के हॉकर्स की कोई रसीद नहीं काटी जाती है। वैसे हाल में नई व्यवस्था के तहत शहर में ठेले-गुमठी वालों से 300 रुपए साल, 6 महीने के 150 रुपए लिए जाएंगे।
अब तो पार्किंग भी मुसीबत बनी
निगम ने टाउन हाल के पास पार्किंग दे रखी है। उसको चलाने वाला स्टाफ टाउन हाल के सामने सर्किल के बगल में दो पहिया वाहन की पार्किंग लगवा रहा है। उन्हें ट्रैफिक पुलिस की गाड़ी तक नहीं उठाती है। इसकी वजह से ट्रैफिक जाम के हालात बने हुए है।
ऐसे बिकती है बाड़ा की जमीन
महाराज बाड़ा की जमीन रोज हॉकर्स को 250 से 800 रुपए में बिकती है। यहां पर दो फीट से लेकर 16 फीट तक की जमीन रोज दी जाती है। फ्रंट की जगह के कई बार 1000 रुपए तक हॉकर्स को देना पड़ते हैं। दुकान का साइज 1 बाई 2, 2 बाई 4, 4 बाई 4 और इससे ज्यादा तक हो जाता है। वे जितनी जगह लेते हैं, उस हिस्से पर लोहे की रोड़ निकालकर सामान टांग लेते हैं। इससे निकलने में दिक्कत होती।
एक्शन नहीं, तो सड़क पर आएंगे
महाराज बाड़ा की वैध दुकानों तक पैदल लोग नहीं पहुंच पा रहे हैं। हॉकर्स ने पूरे बाड़े पर कब्जा कर लिया है। वर्तमान में 500 से ज्यादा हॉकर्स बैठ रहे हैं। हमें उनसे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन रास्ता तो छोड़ना चाहिए। यदि एक्शन नहीं हुआ, तो दुकानदार सड़कों पर आएंगे।
अध्यक्ष नजरबाग मार्केट
हॉकर्स के लिए प्लान तैयार किया गया है
महाराज बाड़ा पर बैठने वाले हाकर्स के लिए प्लान तैयार किया है। उन्हें उस हिसाब से सेटल किया जाएगा। सोमवार से प्लान को लागू करेंगे।
आयुक्त नगर निगम, ग्वालियर