नोएडा : सात जिलों के नगर निकायों पर आपराधिक कार्रवाई का आदेश !

 सात जिलों के नगर निकायों पर आपराधिक कार्रवाई का आदेश

सात जिलों के नगर निकायों पर आपराधिक कार्रवाई का आदेश

हिंडन नदी में सीवर गिराने पर एनजीटी सख्त, उद्योगों पर भी जुर्माना लगेगा
दो महीने में यूपीपीसीबी रिपोर्ट देगा, अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी

इन नगर निकायों पर होगी कार्रवाई
सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर

नोएडा। यमुना की 400 किमी लंबी सहायक नदी हिंडन में औद्योगिक कचरा और घरेलू सीवर गिरना बंद नहीं हो रहा है। उद्योग और नगर निकाय भी इसे रोकने के लिए गंभीर नहीं हैं। ऐसे में अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सात जिलों के नगर निकायों के खिलाफ आपराधिक कृत्य के लिए कार्रवाई करने का आदेश यूपीपीसीबी को दिया है। उद्योगों पर भी पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए जुर्माना लगेगा।
अभिष्ट कुमार गुप्ता बनाम अन्य वाद की सुनवाई में एनजीटी के सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल, जस्टिस अरुण कुमार त्यागी, डॉ. ए सेंथिल वेल ने सदस्य सचिव यूपीपीसीबी को आदेश दिया है कि सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर जिलों के नगर निकायों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करे। यूपीपीसीबी यह कार्रवाई वाटर पॉल्यूशन एक्ट 1974 के तहत करेगा। इसमें छह साल तक की सजा हो सकती है और जुर्माना जिम्मेदार अधिकारियों पर लग सकता है। इसके अलावा प्रदूषण के लिए जिम्मेदार उद्याेगों पर भी पर्यावरणीय जुर्माना लगेगा। दो महीने में कार्रवाई कर यूपीपीसीबी अपनी रिपोर्ट देगा। इस मामले में अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी।

इससे पहले पर्यावरणविद अभिष्ट गुप्ता ने हिंडन नदी में बिना शोधन औद्योगिक कचरा और नगरीय सीवर गिराने का मामला एनजीटी में रखा था। 17 मार्च 2023 को विस्तृत आदेश में हिंडन के महत्व को बताने के साथ एनजीटी ने अधिकारियों की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई थी।

बंद कराएं उद्योग
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि यूपीपीसीबी ऐसे उद्योगों को तत्काल बंद कराए, जोकि नदी में औद्योगिक कचरा गिरा रहे हैं। उद्योगों के अलावा हिंडन में प्रदूषण फैला रहीं दूसरी संस्थाओं की बंदी के लिए भी यह आदेश लागू होगा। करीब 310 उद्योग नदी को प्रदूषित करने के लिए चिह्नित किए गए हैं।

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