ग्वालियर की आधी से अधिक बसें यात्री बैठाना तो दूर रोड पर चलने लायक नहीं

हद है! हर बार हादसे के बाद चैकिंग…हकीकत पुलिस को 100 बसों की जांच में 53 में मिली खामियां

ग्वालियर की आधी से अधिक बसें यात्री बैठाना तो दूर रोड पर चलने लायक नहीं

ग्वालियर. गुना में बस हादसे के बाद ग्वालियर में सवारी वाहनों (खासकर बस) में सफर करने वालों की सुरक्षा याद आई है। इसलिए गुरुवार को ट्रैफिक पुलिस ने सवारी वाहनों को चैक किया। उसका फोकस ओवर लोडिंग और वाहनों में अग्निशमन यंत्र पर था, लेकिन किसी भी बस में नहीं मिला। इससे जाहिर था बस ऑपरेटर्स तो लोगों की जान को खतरे में डालकर धंधा कर रहे हैं। पुलिस और परिवहन विभाग को भी फिक्र नहीं है। गुना में 13 लोगों की दर्दनाक मौत ने पूरे प्रदेश को दहला दिया इसलिए अमला हरकत में आया। मुसाफिरों की जान से खिलवाड़ में 54 बस पकड़ी गईं। गुरुवार को यातायात पुलिस ने चिरवाई, गोला का मंदिर के अलावा सिटी सेंटर पर सवारी और स्कूल बसों को रोका। चालक से पहला सवाल किया अग्निशमन यंत्र दिखाओ। ज्यादातर बस ड्राइवर ने यंत्र नहीं होना बताया। कुछ गाड़ियों में यंत्र मिला, लेकिन किसी मतलब का नहीं था। उसकी मियाद महीनों पहले खत्म हो चुकी थी। उसे रिफिल नहीं कराया था। इससे जाहिर था बस ऑपरेटर्स को मुसाफिरों की सुरक्षा की चिंता नहीं है।

स्कूल बस के हाल, न अग्निश्मन न फिटनेस

गोला का मंदिर से स्कूल की बस बच्चों को लेकर निकली। उसे चैकिंग में रोक लिया। उसमें न तो अग्निश्मन यंत्र था। न बस की फिटनेस थी और न पॉल्यूशन सार्टिफिकेट था। बस चालक कृष्णकांत शर्मा से पूछा कि बच्चों की जान खतरे में क्यों डाल रहे हो तो शर्मा ने सीट के बाजू में हाथ डालकर अग्निशमन यंत्र लगाने का स्टैंड दिखाकर कहा यंत्र खाली हो गया है। सुपरवाइजर ने उसे भरवाने भेजा है। अग्निशमन क्यों और कब खाली हुआ तो उनका जवाब था यह तो सुपरवाइजर जाने मुझे तो दो दिन पहले गाड़ी मिली है इसे चला लो।

ट्रैफिक थाना प्रभारी हिमांशु तिवारी ने बताया बस में बच्चे सवार थे। उन्हें घर छुडवा कर बस को थाने में खड़ा किया है। इसके अलावा सिटी सेंटर पर सवारी वाहन को भी जब्त किया है।

बसों की जांच करती पुलिस

ये खामियां मिलीं

सवारी वाहन में अग्निशमन यंत्र नहीं मिले

फर्स्ट एड बॉक्स, पॉल्यूशन और फिटनेस नहीं मिली

कार्रवाई की खबर फैली, ओवरलोडिंग बंद

गुरुवार को पुलिस ने सवारी वाहनों को रोकना शुरू किया तो बस ऑपरेटर्स को तुरंत चैकिंग की भनक लग गई। इसलिए झांसी रोड और सरकारी बस अड्डे पर बस चालक और कंडक्टर अलर्ट हो गए। बस में क्षमता के हिसाब से ही मुसाफिर बैठाए।

 

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