2024 में दूसरों से आगे रहने की आदत बना लें ?

2024 में दूसरों से आगे रहने की आदत बना लें

हैप्पी न्यू ईयर। हालांकि कई लोगों के लिए नया साल हमारे सेलिब्रेशन से 8.5 घंटे पहले ही शुरू हो गया था। उन्होंने नए साल का स्वागत 31 दिसंबर को ही भारतीय मानक समय (आईएसटी) के हिसाब से दोपहर के 3.30 बजे कर लिया था। चौंक गए ना? हां, 2024 का स्वागत करने वाला पहला देश था प्रशांत क्षेत्र का आयलैंड ऑफ टोंगा, समोआ और किरीबाती।

2024 का सबसे अंत में स्वागत करने वाला देश अमेरिका के पास हावलैंड और बेकर द्वीप समूह होंगे। उनके लिए साल 2023, 1 जनवरी को शाम 5.29 पर खत्म होगा और नया साल शाम 5.30 (आईएसटी) पर शुरू होगा। प्रशांत क्षेत्र से लेकर कोई भी देश हो, जब बात कसरत या अनुशासन की हो तो हमने लोगों को ये कहते हुए हमेशा सुना होगा कि ‘सोमवार से शुरू करेंगे’। जबकि कुछ कहेंगे कि एक तारीख से शुरू करूंगा।

हर साल उन्हें तथाकथित रूप से 12 पहली तारीखें मिलती हैं लेकिन वे सभी की सभी 12 मिस कर देते हैं और फिर पहली तारीख का लक्ष्य बनाने के लिए नए साल का इंतजार करते हैं। और बड़ी संख्या में लोग आसानी से कहते हैं, यहां तक कि वादा भी करते हैं कि ‘पक्का, मैं अगले साल से शुरू करूंगा’। पर आपको पता है कि उनके नए साल के वादों का क्या होता है?

जानना दिलचस्प होगा कि एक अन्य तरह के सुपर स्मार्ट लोग भी होते हैं, जो कसरत नहीं कर पाने की अपनी ग्लानि को अपने स्मार्ट शब्दों से छुपाते हैं और कहेंगे कि ‘2024 में मेरा गोल 2023 के लक्ष्य को पूरा करना है, हालांकि मुझे इसे 2022 में ही पूरा करना था, क्योंकि मैंने इसे 2021 में पूरा करने का वादा किया था और 2020 में इसकी योजना बनाई थी, जब महामारी ने हमारी आंखें खोली थीं और सेहत को देखते हुए मैंने अपनी हेल्थ का ख्याल रखने का लक्ष्य बनाया था।’

टालमटोली की मानसिकता वाले उन सबसे मैं कहना चाहता हूं कि 2024 में, महीने का पहला दिन, सोमवार, और न्यू ईयर का पहला दिन भी एक ही दिन है। मेरा मतलब है आज। ऐसे में कोई बहाना नहीं बना सकता खासकर जब कोविड हमें बाहर जाने से रोक रहा है, मंदी दरवाजे पर खड़ी है और रोजगार के अवसर भी कम दिख रहे हैं, यहां तक कि प्रतिभाशाली छात्रों के लिए भी। मैं मजाक नहीं कर रहा हूं। देश के प्रतिष्ठित कॉलेज से ग्रैजुएट होने वाले छात्रों का प्लेसमेंट पांच सालों से भी ज्यादा के निचले स्तर पर आ गया है।

यह बेहद योग्य उम्मीदवारों के लिए भी भर्ती की मांग में कमी का संकेत है। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल ने बताया कि 2021 में 96%, 2022 में 95% की तुलना में इस साल 86% छात्रों को ही नौकरी के ऑफर मिले हैं। आर्थिक अनिश्चितताओं का हवाला देते हुए कई रिक्रूटर्स ने इस साल नौकरी के ऑफर टाले हैं। यही हाल स्टैनफोर्ड का है। अमेरिका-यूरोप में मेधावी छात्रों की मांग थमी है। अगर आपके पास नौकरी है तो खुद को लकी मानें और जब तक नौकरियों के बाजार पर छाई धुंध साफ नहीं हो जाती, कड़ा परिश्रम करते हुए नौकरी में बने रहें।

2024 में जिन चीजों पर आपको विचार करना चाहिए उनमें से एक है हर पहलू में दूसरों से आगे रहना। सोशल मीडिया पर वक्त बर्बाद ना करें। सोशल मीडिया के सारे प्लेटफॉर्म एआई का प्रयोग कर रहे हैं और आपको जो पसंद है, वही बार-बार दे रहे हैं। वे आपको कभी नई चीज नहीं दिखाएंगे जो इस उम्र में आपको जानना जरूरी है। मेरा यकीन करें, विविधता भरी सामग्री देने वाले माध्यमों में न्यूज़पेपर्स एक हैं।नए कौशल के लिए छोटे-छोटे कदम लें। मैंने कदम बढ़ाए हैं।

आज से मैं दैनिक भास्कर के मोबाइल एप पर जॉब्स व एजुकेशन सेक्शन में हर रोज तीन मिनट के वीडियो में दिखूंगा, जिसमें उन सबसे महत्वपूर्ण चीजों पर रोशनी डालूंगा जो युवाओं को करनी या जाननी चाहिए। दूसरों से आगे रहने के लिए शॉर्ट टर्म कोर्स व सर्टिफिकेट करें।

स्वास्थ्य-अनुशासन से जुड़े नए साल के संकल्पों के अलावा भी एक प्रण लें कि बाकी लोगों से आगे रहेंगे, जिससे दिमाग तेज रहेगा और आपका करिअर चमक जाएगा।

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