2023 में देश में मरे 177 बाघ ?

2023 में देश में मरे 177 बाघ:मप्र में साल 2023 में मिले 785 बाघ, लेकिन सालभर में खो दिए 40

साल 2023 में बाघों की सबसे अधिक संख्या (785) के साथ मप्र देशभर में पहले नंबर पर रहा। वहीं सालभर में बाघों की मौत के मामले में मप्र दूसरे नंबर पर रहा। यहां सालभर में 40 बाघों की मौत हुई है। इस मामले में पहले नंबर पर महाराष्ट्र है। यहां सालभर में 45 बाघों की मौत हुई है। हालांकि बाघों की मौतों की बड़ी संख्या प्रदेश के लिए नई नहीं है।

केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस साल उत्तराखंड में 20, तमिलनाडु में 15 और केरला में 14 बाघ मारे गए हैं। देशभर में कुल 177 बाघों की मौत दर्ज हुई है। इस तरह देखें तो देशभर में हुई बाघों की कुल मौतों का 22 प्रतिशत मप्र से है।

कान्हा में सबसे अधिक 9 मौतें

बांधवगढ़ में सबसे अधिक 13 मौतें हुईं हैं। कान्हा में 8, पन्ना में 4, सतपुड़ा में 2 और संजय दुबरी-पेंच में 1-1 मौत हुईं हैं। प्राकृतिक कारणों के अलावा आपसी संघर्ष, करंट लगने समेत अन्य कारणों से बाघों की मौत हुई है।

जंगल सिकुड़े, नेचुरल कॉरिडोर क्षतिग्रस्त

वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट के मुताबिक जहां मानव आबादी के कारण बाघों के प्राकृतिक आवास यानी जंगल सिकुड़ते जा रहे हैं। वहीं इनके मूवमेंट के नेचुरल कॉरिडोर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस वजह से भी प्राकृतिक आवासों के बीच इनका मूवमेंट मुश्किल होता जा रहा है।

सातवां टाइगर रिजर्व… यहां 28 बाघों का मूवमेंट रिकॉर्ड हुआ

2023 में 20 अक्टूबर को नोटिफिकेशन के बाद प्रदेश को सातवां टाइगर रिज़र्व रानी दुर्गावती टाइगर रिज़र्व के रूप में मिला। इसमें सागर, दमोह, नरसिंहपुर जिले के करीब 1,41,400 हेक्टेयर वन क्षेत्र को शामिल किया गया है। इसके कोर एरिया में कुल 28 बाघों का मूवमेंट रिकॉर्ड हुआ है।

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