अदालत में भी टिकेगा नागरिकता कानून, चिदंबरम और सिब्बल पर अमित शाह का कटाक्ष

गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार (11 दिसंबर) राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस नेता चिदंबरम और कपिल सिब्बल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दोनों वकील डरा रहे थे कि बिल अदालत में टिक नहीं पाएगा। मेरा कहना है कि हमारा काम अपनी बुद्धि विवेक से कानून बनाना है। आप अदालत में जाकर बहस करेंगे तो अदालत बताएगी कि क्या ठीक है। पर मेरा मानना है कि यह कानून न्यायिक समीक्षा के दौरान सही ठहराया जाएगा।

सिब्बल को जवाब : शाह ने कपिल सिब्बल के उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि मुसलमान भाजपा से नहीं डरता। शाह ने कहा, हम कभी नहीं कहते कि मुसलमान हमसे डरे। यह तो आप कहते हैं कि अल्पसंख्यक डरे हुए हैं। गृहमंत्री के तौर पर कहता हूं कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है।

ऐसे देश कैसे चलेगा : बिल मुस्लिम विरोधी होने आरोपों पर गृहमंत्री ने पूछा, इस बिल से भारत के मुसलमान का अधिकार कैसे जाता है? यह नागरिकता देने का बिल है नागरिकता लेने का नहीं। भारत के मुसलमान भारतीय नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे। शाह ने पूछा, क्या आप चाहते हैं कि पूरी दुनिया से मुसलमान आएं और क्या हम उनको नागरिकता दे दें? तो ये देश कैसे चलेगा?

उत्पीड़न है आधार : शाह ने कहा कि पूछा जा रहा है कि आपको कैसे पता चला कि उत्पीड़न हुआ। मेरा जवाब है कि वोट बैंक की लालच में हमारे आंख-कान बंद नहीं हुए हैं। दशकों से जो करोड़ों लोग प्रताड़ना का जीवन जी रहे थे उनके जीवन में इससे आशा की किरण दिखेगी। वे मकान ले सकेंगे, रोजगार हासिल कर सकेंगे और उन पर चल रहे मुकदमे समाप्त हो जाएंगे।

मुझे आइडिया ऑफ इंडिया मत समझाइए : आइडिया ऑफ इंडिया की विपक्षी सांसदों की चर्चा पर शाह ने कहा, मेरी सात पुश्तें यहां जन्मी हैं मुझे आइडिया ऑफ इंडिया मत समझाइए।

मुस्लिम मुक्त नहीं होगा भारत : शाह ने कहा कि जावेद अली ने कहा है कि देश मुस्लिम मुक्त बन जाएगा। जावेद अली आप भी चाहोगे तो यह देश मुस्लिम मुक्त नहीं होगा। नरेंद्र मोदी सरकार का एक ही धर्म है संविधान और इस देश का संविधान मुस्लिम मुक्त होने की इजाजत नहीं देता।

पूर्वोत्तर को भरोसा : सिक्किम के सांसद के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि 371 एफ से कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे। असम के लोगों की पहचान कायम रहेगी। उनकी भाषा, उनकी पहचान, बोलियों, राजनीतिक अधिकार सबकी चिंता करेंगे।

पाकिस्तान से तुलना : शाह ने कहा, कांग्रेस नेताओं के बयान व पाकिस्तान के नेताओं के बयान घुलमिल जाते हैं। कल ही पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने जो बयान कैब पर दिया और कांग्रेस के नेताओं का बयान दोनों एक जैसा है। उन्होंने एयर स्ट्राइक, सर्जिकल स्ट्राइक और 370 पर भी बयानों का हवाला दिया। उन्होंने कांग्रेस नेताओं से कहा कि इतना बौखलाते हैं तो एनमी प्रॉपर्टी बिल का विरोध कांग्रेस ने क्यों किया था।

गृहमंत्री की दलीलें
* उत्पीड़न के शिकार मुसलमानों को नागरिकता प्रदान करने के लिए मौजूदा कानूनों में प्रावधान हैं, 566 मुसलमानों को नागरिकता दी गई है।
* बिल में मुस्लिमों को इसलिए शामिल नहीं किया गया क्योंकि प्रस्तावित कानून तीन देशों में उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों के लिए है।
* श्रीलंका से आए तमिलों की दिक्कतें दूर करने को कानून बनाए गए, अब तीन अन्य देशों से जुड़ी समस्याओं के हल के लिए कानून बना रहे हैं
* नारकीय जीवन जी रहे इन प्रवासियों को नागरिकता देने का घोषणापत्र में वादा किया था, उसे पूरा कर रहे हैं।
* पाक में सिख-हिंदू लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया गया। बांग्लादेश व अफगानिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुआ।
* मानवाधिकार के चैंपिंयन देशों में भारत के नागरिकों को नागरिकता दिलाकर देख लें, हो सकता है क्या? हर देश को कानून बनाने का हक है।
* सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों की भाषा,संस्कृति और सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
* अब हमने समिति बनाई है जो असम समझौते के क्लॉज-6 के तहत सांस्कृतिक एवं सामाजिक पहचान कर सभी चिंताओं का समाधान करेगी।

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