घर की दीवार पर स्लोगन लिखा तो देना पड़ेगा जुर्माना !
घर की दीवार पर स्लोगन लिखा तो देना पड़ेगा जुर्माना
ना परमिशन झंडा भी नहीं लगा सकते; जानिए चुनाव में आम नागरिकों के अधिकार
राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता अपने प्रत्याशी के समर्थन में अक्सर किसी के भी घर की दीवार पर स्लोगन लिख देते हैं। पोस्टर चिपका देते हैं। चुनावी माहौल में ये आम बात होती है। जबकि, ऐसा करने के लिए उन्हें घर के मालिक से परमिशन लेना जरूरी है। यदि वे बगैर परमिशन ऐसा करते हैं तो घर के मालिक की शिकायत पर उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
दरअसल, चुनाव आचार संहिता के दौरान आम लोगों के लिए भी कुछ नियम हैं और उनके कुछ अधिकार भी हैं। जिनके बारे में आम लोग या तो जानते नहीं हैं या वे इनका इस्तेमाल नहीं करते हैं। …… ने मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग के सीईओ अनुपम राजन से बात कर समझा कि आचार संहिता के दौरान आम लोगों के लिए क्या नियम है और उनके क्या अधिकार हैं। यहां हम आपको आम आदमी से जुड़े दो नियम और दो अधिकार के बारे में बताते हैं।
पहले जानिए आचार संहिता के दौरान आम लोगों के लिए क्या है नियम
नियम 1: 50 हजार रुपए से ज्यादा का कैश ले जा सकते हैं, बशर्ते प्रूफ हो
मप्र निर्वाचन आयोग के सीईओ अनुपम राजन कहते हैं कि चुनाव के दौरान अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए आयोग इस नियम को लागू करता है। दरअसल, चुनाव के दौरान प्रत्याशी धन बल का इस्तेमाल करते हैं। गहने, साड़ियां और कई तरह की वस्तुएं बांटते हैं।
मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाना प्रतिबंधित है। इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए हर जिले में चेकिंग अभियान चलाया जाता है। वे कहते हैं कि आम लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है। आम लोग 50 हजार रुपए ज्यादा कैश और गहनों के साथ यात्रा कर सकते हैं, बशर्ते वे इसका सोर्स बता सकें।
नियम 2- किसी नेता के प्रचार से बचें, सोशल मीडिया पर संभलकर पोस्ट करें
ये नियम आम लोगों के लिए है। सीईओ अनुपम राजन के मुताबिक यदि कोई आम व्यक्ति किसी नेता के प्रचार अभियान से जुड़ा है तो उस पर वो सभी नियम लागू होते हैं जो राजनीतिक दल और प्रत्याशियों के लिए हैं। खास तौर पर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते समय आम लोगों को सावधानी बरतना चाहिए।
कई बार अनजाने में आम लोग भी ऐसे मैसेज या पोस्ट फॉरवर्ड करते हैं जो आचार संहिता उल्लंघन की कैटेगरी में आ जाता है। कई बार आपत्तिजनक पोस्ट, अश्लील सामग्री, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली किसी भी पोस्ट को शेयर या लाइक किया जाता है तो उस यूजर के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
अब आम आदमी से जुड़े दो अधिकार भी जानिए…
पहला- बगैर इजाजत घर की दीवार पर स्लोगन या पोस्टर नहीं चिपका सकते राजनीतिक दल
सीईओ अनुपम राजन के मुताबिक यदि कोई उम्मीदवार या राजनीतिक दल किसी आम आदमी के घर की दीवार पर बगैर अनुमति स्लोगन लिखता है या पोस्टर चिपकाता है तो उनके खिलाफ संपत्ति विरूपण अधिनियम 1994 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
आयोग ने हर लोकसभा क्षेत्र में बनाया लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता
निर्वाचन आयोग के आदेश पर लोकसभा क्षेत्र के हर थाने में लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता बनाया गया है। ये दस्ता क्षेत्र के एसडीएम की निगरानी में काम करता है। दस्ता इस बात का ख्याल रखता है कि किसी भी सरकारी या गैर सरकारी जगहों पर राजनीतिक पार्टियों या उम्मीदवारों से जुड़े नारे दीवारों पर तो नहीं लिखे हैं।
बिजली के खंभे, पुल-पुलिया, फ्लाई ओवर, अंडर ब्रिज, ओवर ब्रिज पर निगरानी रखता है। आचार संहिता के दौरान चुनाव आयोग भी इसी अधिनियम के तहत कार्रवाई करता है।
आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत के लिए बनाया सी-विजिल एप
सी-विजिल एप के जरिए कोई भी नागरिक आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत दर्ज कर सकता है। इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। एप पर आचार संहिता उल्लंघन के मामले का वीडियो बना कर या फोटो लेकर 5 मिनट में अपलोड करना होगा।
इस एप का यूज करने के लिए शिकायतकर्ता को मोबाइल पर जीपीएस और इंटरनेट चालू रखना अनिवार्य है। 16 मार्च को आचार संहिता लागू होने के बाद इस एप पर मध्य प्रदेश में 173 शिकायत दर्ज कराई जा चुकी हैं।
सी विजिल एप पर ज्यादातर 4 तरह की शिकायतें आती हैं…
1. प्रचार के दौरान उम्मीदवारों और पार्टी कार्यकर्ताओं के द्वारा पैसे, साड़ी, कपड़े, शराब या गिफ्ट बांटने संबंधित शिकायत।
2. किसी भी व्यक्ति की निजी प्रॉपर्टी या सरकारी प्रॉपर्टी पर बैनर, पोस्टर लगाने और दीवारों पर चुनाव प्रचार संबंधित नारों को लिखने की शिकायत।
3. मतदाता को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए प्रलोभन देने या धमकी देने की शिकायत।
4. नेताओं या कार्यकर्ताओं के प्रचार के दौरान आपत्तिजनक भाषण देने वाले वीडियो की शिकायत।