मध्य प्रदेश में 15 प्रतिशत मंहगी हुई शराब ?
मध्य प्रदेश में 15 प्रतिशत मंहगी हुई शराब, पिछले साल की तुलना में 1561 करोड़ रुपये अधिक मिलेगा आबकारी राजस्व
मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा जिला 20.81 प्रतिशत की वृद्धि(Liquor Cost In Madhya Pradesh) के साथ पहले स्थान पर रहा, उज्जैन जिला दूसरे और बड़वानी जिला 19.66 प्रतिशत की वृद्धि के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
- मध्य प्रदेश की 3600 कंपोजिट शराब दुकानों के 931 समूहों की नीलामी प्रक्रिया पूरी हो गई है।
- नीलामी की प्रक्रिया से इस बार 13,914 करोड़ रुपये का राजस्व सुनिश्चित हुआ है।
- शराब दुकानों के प्राप्त राजस्व 12,353 करोड़ रुपये से 12.63 प्रतिशत अधिक है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में शराब 15 प्रतिशत मंहगी कर दी गई है। इससे राज्य सरकार को पिछले वर्ष की तुलना में 1561 करोड़ रुपये अधिक आबकारी राजस्व मिलेगा। मध्य प्रदेश की 3600 कंपोजिट शराब दुकानों के 931 समूहों की नीलामी प्रक्रिया पूरी हो गई है। आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल ने बताया कि नीलामी की प्रक्रिया से इस बार 13,914 करोड़ रुपये का राजस्व सुनिश्चित हुआ है।
विगत वित्तीय वर्ष 2023-24 में शराब दुकानों के प्राप्त राजस्व 12,353 करोड़ रुपये से 12.63 प्रतिशत अधिक है। पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2024-25 में 1561 करोड़ रुपये का अधिक राजस्व प्राप्त होगा। शराब ठेकों के समूहों की नीलामी नवीनीकरण/ लाटरी के अतिरिक्त भी ई-टेंडर के नौ चरण से की गई। मदिरा दुकानों के निष्पादन से वर्ष 2023-24 में केवल 3.7 प्रतिशत की वृद्धि प्राप्त हुई थी, यह वृद्धि वर्ष 2022-23 में 11.5 प्रतिशत एवं वर्ष 2021-22 में 9.06 प्रतिशत रही।
वर्ष 2024-25 की प्राप्त 12.6 प्रतिशत की वृद्धि पिछले चार वर्षों में सर्वाधिक है। अग्रवाल ने बताया कि जिलावार स्थिति में प्रदेश में छिंदवाड़ा जिला 20.81 प्रतिशत की वृद्धि के साथ पहले स्थान पर रहा वहीं उज्जैन जिला 20.73 प्रतिशत वृद्धि के साथ दूसरे स्थान पर और बड़वानी जिला 19.66 प्रतिशत की वृद्धि के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
MP Liquor Rate: समूह नीलाम करने यह भी किए प्रयोग
नवीनीकरण/लाटरी के अभाव वाले जिलों में अधिकाधिक राजस्व प्राप्ति को ध्यान में रखते हुए जिला निष्पादन समिति से प्रस्ताव प्राप्त कर, विभिन्न प्रकार से समूहों का पुनर्गठन किया गया। इस क्रम में जिला समिति से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर आठ जिलों में निविदा के प्रथम चरण में एकल समूह बनाए गए एवं अन्य जिलों में भी समूहों का पुनर्गठन किया गया।
प्रथम चरण की निविदा में आठ जिलों में से चार जिलों में आरक्षित मूल्य से अधिक की निविदा प्राप्त हुई, इन चार जिलों के निष्पादन में विगत वर्ष के वार्षिक मूल्य से कुल 18.57 प्रतिशत की वृद्धि प्राप्त हुई है। इन चार जिलों में से उज्जैन जिले में विगत वर्ष के वार्षिक मूल्य से 20.73 प्रतिशत की सर्वाधिक वृद्धि हुई तथा अन्य तीन जिलों में विगत वर्ष से क्रमशः झाबुआ में 18.4 प्रतिशत, धार में 17.2 प्रतिशत तथा विदिशा में 16.1 प्रतिशत वृद्धि प्राप्त हुई है।