बार में 48 हजार खर्च, जेल में पिज्जा..जमानत के लिए निबंध ?

Pune: बार में 48 हजार खर्च, जेल में पिज्जा.. 
जमानत के लिए निबंध, पढ़ें पोर्श कांड में छह चौंकाने वाले खुलासे

महाराष्ट्र के पुणे में एक रईस नाबालिग अपने दोस्तों संग पार्टी करता है। शराब के नशे में पिता की करोड़ों की पोर्श कार से निकलता है और एक बाइक को टक्कर मार देता है। इस हादसे में बाइक पर सवार दो युवा इंजीनियर की मौत हो जाती है। हालांकि, आरोपी नाबालिग है, इसलिए उसे 15 घंटे के भीतर ही जमानत भी मिल जाती है। जमानत की शर्त भी ऐसी कि नया मोटर व्हीकल एक्ट सवालों के घेरे में आ गया है। इतना ही नहीं, इस मामले में लगातार नए-नए खुलासे होते जा रहे हैं, जो बेहद चौंकाने वाले हैं। 

आरोप लग रहे हैं कि पुलिस द्वारा आरोपी को हिरासत में लिए जाने के बाद उसके पिता के रसूख को ध्यान में रखते हुए वीआईपी ट्रीटमेंट भी दिया गया। उसे खाने के लिए पिज्जा-बर्गर मुहैया कराया गया। नाबालिग की जमानत और उसके लिए रखी गई शर्त पर भी सवाल उठाने लगे हैं।

आइए जानते हैं अब तक के खुलासों के बारे में-

  • हादसे के समय नाबालिग शराब के नशे में धुत था और 200 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से अपने पिता की पोर्श कार चला रहा था। इस हादसे में मध्य प्रदेश के रहने वाले दो युवा इंजीनियर अनीश और अश्विनी की मौत हो गई। ये कार पुणे के एक अमीर बिल्डर का 17 साल आठ महीने का नाबालिग बेटा चला रहा था। हादसे के बाद उसने भागने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। 
  • नाबालिग ने अपने पिता की जिस पोर्श कार से बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी, वह बिना रजिस्ट्रेशन के सड़क पर दौड़ रही थी। यह चौंकाने वाली जानकारी आरटीओ से सामने आई। कार को अस्थायी रूप से बंगलूरू में पंजीकृत किया गया था और पुणे लाया गया था। दरअसल, महाराष्ट्र परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पुणे शहर में हुई दुर्घटना में शामिल लक्जरी पोर्श कार का स्थायी पंजीकरण मार्च से लंबित था क्योंकि मालिक ने 1,758 रुपये के शुल्क का भुगतान नहीं किया था। बता दें, महाराष्ट्र में पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रोड टैक्स में छूट दी गई है। इसलिए इस पोर्श टायकन मॉडल के पंजीकरण के लिए लागू पंजीकरण शुल्क केवल 1,758 रुपये था।
     
  • दिलचस्प बात यह है कि पोर्श इंडिया की वेबसाइट के अनुसार उसकी विभिन्न कारों की एक्स-शोरूम कीमत 96 लाख रुपये से लेकर 1.86 करोड़ से अधिक रुपये तक है। हालांकि वेबसाइट पर पोर्श टायकन मॉडल की कीमत नहीं दी गई है।
     
  • नाबालिग आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा-304 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जिस तरीके से गाड़ी दुर्घटना का शिकार हुई है, पुलिस को संदेह है कि आरोपी शराब पीकर गाड़ी चला रहा था। इसलिए पुलिस ने आरोपी के खून की जांच भी कराई।
     
  • पीड़ित पक्ष ने पुलिस के तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पिता की रईसी को ध्यान में रखते हुए वीआईपी ट्रीटमेंट भी दिया गया। हादसे के बाद आरोपी को पुलिस थाने में पिज्जा खिलाया, जबकि पीड़ित पक्ष को बेतुके सवाल पूछकर परेशान किया गया। हादसे में जान हंवाने वाले अनीश के भाई देवेश ने बताया कि जब वे यरवदा पुलिस स्टेशन पहुंचे तो उन्हें काफी देर तक बैठाए रखा और अश्विनी के उसके भाई अनीश के संबंध के बारे में अनाप-शनाप सवाल पूछने लगे। 
     
  • हालांकि कोर्ट ने जांच के नतीजे आए बगैर आरोपी को जमानत दे दी। कोर्ट ने जिन शर्तों पर आरोपी नाबालिग को जमानत दी, उसकी चर्चा जोरों-शोरों से हो रही। कोर्ट ने कहा कि नाबालिग को 15 दिनों तक यरवदा मंडल की पुलिस के साथ मिलकर ट्रैफिक कंट्रोल में मदद करनी होगी। शराब छोड़ने के लिए मनोचिकित्सक के पास इलाज कराना होगा। अगर भविष्य में वह कोई दुर्घटना देखे तो उसे दुर्घटना पीड़ितों की मदद करनी होगी। अदालत के फैसले के अनुसार, आरोपी को सड़क दुर्घटनाओं के परिणामों और उनके उपायों पर कम से कम 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा। 
     
  • जमानत लड़के के दादा के आश्वासन और 7500 रुपये के मुचलके पर मिली है। बता दें, दादा ने नाबालिग को बुरी कंपनी से दूर रखने का आश्वासन दिया है। 
     
  • जमानत की ऐसी शर्त से नया मोटर व्हीकल एक्ट सवालों के घेरे में आ गया है। बता दें कि 2019 में मोदी सरकार ने मोटर वाहन संशोधन विधेयक को मंजूरी दी थी। इसमें ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया था। साथ ही नाबालिग के वाहन चलाने पर भी सख्ती की गई थी। इस नए मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक नाबालिग से वाहन चलवाने पर पेरेंट्स की गाड़ी का न केवल रजिस्ट्रेशन रद्द होगा, बल्कि दोषी साबित होने पर 25 हजार रुपये जुर्माना और तीन साल की कैद की सजा भी पेरेंट्स के लिए लागू की गई थी।
     
  • एक रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट से जमानत मिलने से पूर्व पुलिस ने आरोपी से हादसे को लेकर पूछताछ की थी, जिसमें आरोपी ने कई चौंकने वाली बात बताई थी। नाबालिग आरोपी ने बताया था कि 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद पिता ने ही उसे दोस्तों संग पब में पार्टी करने की इजाजत दी थी। उसने कार चलाने की ट्रेनिंग भी ठीक से नहीं ली थी। फिर भी पिता ने उसे पार्टी में जाने के लिए अपनी पोर्श कार दी। उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं है। पिता को इस बात की भी जानकारी थी कि वह शराब पीता है। 
     
  • शनिवार को दुर्घटना होने से कुछ समय पहले नाबालिग और उसके दोस्त पुणे के एक प्रसिद्ध पब में गए थे, जिसका सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। करीब 30 सेकंड के वीडियो में देखा जा सकता है कि एक टेबल पर चार से पांच लोग बैठे नजर आ रहे हैं। सामने टेबल पर कई गिलास, शराब की बोतलें और ड्रिंक्स नजर आ रही हैं। थोड़ी देर बाद वो लोग उठकर बाहर जाते नजर आते हैं।
     
  • पुलिस ने बड़ा खुलासा किया हैं। पुलिस की मानें तो आरोपी नाबालिग ने अपनी तेज रफ्तार पोर्शे कार से दो लोगों को टक्कर मारने से पहले कई पबों में पार्टी की थी। हादसे से पहले उसने दो पब में जाकर मात्र 90 मिनट में 48,000 रुपए खर्च कर दिए थे। पुलिस का दावा है कि किशोर ने हादसे के समय शराब पी रखी थी।
     
  • पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि नाबालिग ने 48,000 रुपये का बिल कोजी में चुकाया गया। जो शनिवार रात 10 बजकर 40 मिनट पर किशोर और उसके साथियों द्वारा दौरा किया गया पहला पब था। कोजी रेस्त्रां द्वारा उन्हें सेवा देना बंद करने के बाद वे 12 बजकर 10 मिनट पर दूसरे पब ब्लैक मैरियट में चले गए। कुमार ने कहा, हमें पब का 48,000 रुपये का बिल मिला है, जिसका भुगतान नाबालिग के ड्राइवर ने किया था। बिल में पब में किशोर और उसके दोस्तों को परोसी गई शराब भी शामिल है। एसीपी मनोज पाटिल ने कह कि किशोर ने पब में जाकर शराब पी थी और फिर कार चलाने लगा। लड़के और उसके साथियों की शराब पीने के पर्याप्त सीसीटीवी फुटेज हैं। ब्लड सैंपल रिपोर्ट का अभी भी इंतजार है।
     
  • आरोपी बेटे के कबूलनामे के बाद से पिता विशाल अग्रवाल फरार थे, जिन्हें मंगलवार को पुलिस ने संभाजीनगर से गिरफ्तार कर लिया। वहीं नाबालिग को बार और पब में एंट्री देने को लेकर प्रल्हाद भुटाडा, मैनेजर सचिन काटकर, होटल ब्लैक के मालिक संदीप सांगले, बार मैनेजर जयेश बोनकर के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
     
  • पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि पुलिस गैर इरादतन हत्या का मामला साबित करने की कोशिश कर रही है। रविवार को किशोर न्याय बोर्ड द्वारा पारित जमानत आदेश का हवाला देते हुए कुमार ने कहा कि आरोपी ने अपनी याचिका में उल्लेख किया है कि वह शराब का आदी है, ताकि यह साबित किया जा सके कि दुर्घटना के समय वह अपने होश में नहीं था। उन्होंने कहा, ‘हम यह साबित करने का प्रयास कर रहे हैं कि वह पूरी तरह से अपने होश में था और जानता था कि उसके इस कदम से उसकी मौत हो सकती है।’

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