लापरवाही:फूड एंड फूड प्रोडक्ट के लाइसेंस पर चल रहीं जूस की दुकानें !
लापरवाही:फूड एंड फूड प्रोडक्ट के लाइसेंस पर चल रहीं जूस की दुकानें, निगरानी का सिस्टम नहीं
शहर में जगह-जगह गन्ने के रस से लेकर नीबू पानी, आम रास और फलों के जूस के स्टॉल लगे हुए हैं। सिर्फ 100 रुपए के रजिस्ट्रेशन फीस भरकर कहीं भी स्टॉल लगाए जा रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी इन निगरानी नहीं हो पा रही है। इसका कारण यह है कि ये सभी फूड एंड फूड श्रेणी में रजिस्ट्रेशन कराते हैं।
यह कैसे और क्या बेच रहे हैं उस पर नियंत्रण किसी का नहीं है। नगर निगम के सूत्रों के अनुसार गर्मी के दौरा हर साल शहर में करीब 2 हजार गन्ने की चरखी लगती हैं। शहर में 18 हजार से ज्यादा लोग फूड लाइसेंस लेकर कारोबार कर रहे हैं। इनका सलाना कारोबार 12 लाख रुपए या इससे कम है। इसके अलावा 12 लाख रुपए से ज्यादा का सलाना कारोबार करने वाले 2 हजार से ज्यादा फूड लाइसेंसी हैं।
क्वालिटी से समझौता कर रहे खाद्य अमले ने दो दिन पहले शहर के कई इलाकों से फलों के जूस सेंटर से नमूने लिए। भोपाल टॉकीज, बुधवारा, एम्स और इंद्रपुरी से 10 रुपए में बिक रहे मैंगो शेक के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे। पूछताछ में सामने आया कि यह सबसे खराब क्वालिटी के आम खरीदते हैं।
गन्ने की चरखी लगाने वाले सिर्फ 10% ही लाइसेंस ले रहे
नगर निगम से शहर में 200 लोगों यानी 10% ने गन्ने की चरखी लगाने के लिए लाइसेंस लिया है। एक चरखी लगाने के लिए निगम द्वारा एक महीने का 8 हजार रु. लेता है।
हर साल फूड लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होता है
खाद्य अधिकारी देवेंद्र दुबे ने बताया कि सालाना कारोबार 12 लाख रुपए से कम हो तो रजिस्ट्रेशन फीस सिर्फ 100 रुपए होती है। लाइसेंस हर साल रिन्यू करना होता है।
यह है स्थिति
गन्ने का रस 10 रुपए में 3 गिलास तक बिक रहा शहर में कई जगह जूस और रस बेचने वाले बहुत कम कीमत में बेच रहे हैं। अयोध्या नगर में कुछ जगह गन्ने का रस 10 रुपए में 3 गिलास बेचा रहा है, तो आम रस 10 रुपए गिलास तक दिया जा रहा है। ऐसे में इसकी क्वालिटी को लेकर सवाल उठते हैं।
क्वालिटी की जांच होगी
खाद्य विभाग अमले को निर्देशित किया गया है कि सभी जगह बिकने वाले रस और जूस की क्वालिटी की जांच करें। खराब क्वालिटी या मिलावटी जूस या रस मिलने पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर, भोपाल