मोदी सरकार 3.0: किस जाति और दल के कितने नेताओं को मंत्रिमंडल में मिली जगह?
मोदी सरकार 3.0: किस जाति और दल के कितने नेताओं को मंत्रिमंडल में मिली जगह?
NDA में शामिल किस दल से कितने नेता मंत्री बने हैं, उनकी जाति क्या है? किस जाति के सबसे ज्यादा नेता मंत्रिमंडल में शामिल हुए? किस राज्य से कितने नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिली है? यहां जानिए सबकुछ
नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद शपथ लेकर जवाहर लाल नेहरू के तीन बार पीएम बनने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है. 9 जून रविवार को प्रधानमंत्री मोदी के साथ 71 मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली. इनमें 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्य मंत्री शामिल हैं. मोदी कैबिनेट में जातीय समीकरण का खास ध्यान रखा है.
मोदी कैबिनेट 3.0 में 28 जनरल, 27 ओबीसी, 10 अनुसूचित जाति और 5 अनुसूचित जनजाति के मंत्री बनाए गए हैं. सबसे ज्यादा ब्राह्मण समुदाय से मंत्री बनाए गए. नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में पांच अल्पसंख्यकों को शामिल किया गया है, मगर इनमें कोई मुसलमान नहीं है. खास बात यह भी है कि बीजेपी और उसे समर्थन दे रहे दलों से कोई मुसलमान उम्मीदवार लोकसभा चुनाव ही नहीं जीता है.
कुर्मी, ठाकुर, ब्राह्मण, भूमिहार कितने
अगर जाति की बात करें तो मोदी कैबिनेट में ब्राह्मण जाति से आने वाले 8 नेता कैबिनेट में शामिल किए गए हैं. 2 नेता भूमिहार (ललन सिंह और गिरिराज सिंह) को कैबिनेट में जगह मिली है. दोनों ही भूमिहार नेता बिहार से आते हैं. 3 राजपूतों को भी शामिल किया गया है. एक डोगरा राजपूत जितेंद्र सिंह को भी जगह दी है. इस बार दो कुर्मी मंत्री शामिल किया गया है.
इसके अलावा मोदी कैबिनेट मे 2 जाट और 2 सिख मंत्री शामिल किए गए हैं. यूपी के जयंत चौधरी जाट समुदाय से आते हैं. हरदीप सिंह पुरी और रवनीत सिंह बिट्टू सिख समुदाय से आते हैं. 2 मराठा, 2 वोकालिंगा और एक लिंगायत समुदाय से आने वाले मंत्री शामिल हैं. एक महादलित, एक निषाद, एक लोधी, दो यादव और एक मतुआ समुदाय से आने वाले मंत्रियों को नाम भी इस लिस्ट में है. साथ ही मोदी कैबिनेट में एक अहीर, अंक गुर्जर, एक खटिक, दो बनिया और एक पाटीदार को मौका मिला है.
महिलाओं का मोदी सरकार में कितना दबदबा
लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 74 महिलाएं जीतकर संसद पहुंची हैं. ये सभी महिलाएं बीजेपी, कांग्रेस समेत 14 राजनीतिक पार्टियों के टिकट पर मैदान में थीं. इनमें से 43 पहली बार चुनाव जीती हैं. सबसे ज्यादा 31 महिलाओं ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की. इसके अलावा कांग्रेस से 13, टीएमसी से 11 और समाजवादी पार्टी की पांच महिला सांसद बनीं. यानी कि 18वीं लोकसभा में 13.6% महिला सांसद हैं.
मोदी कैबिनेट में कुल 7 महिलाओं को मंत्री बनाया गया है. ये महिला मंत्री हैं- निर्मला सीतारमण, अन्नपूर्णा देवी, रक्षा खड़से, सावित्री ठाकुर, अनुप्रिया पटेल, नीमूबेन बमभानिया और शोभा करंदलाजे. इनमें से अनुप्रिया पटेल के अलावा सभी महिलाएं बीजेपी की सदस्य हैं. यानी कि बीजेपी ने अपनी 31 महिला सांसदों में से 6 को मंत्रिमंडल में जगह दी है. हालांकि 2014 और 2019 में 9-9 महिला सांसदों ने मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुईं थी.
मोदी कैबिनेट में गठबंधन के कितने मंत्री
2014 और 2019 में भी एनडीए सरकार बनी थी, मगर तब दोनों चुनाव में बीजेपी ने अकेले दम पर बहुमत हासिल किया था. इस बार बीजेपी 240 (बहुमत से 32 सीट कम) सीट ही जीत सकी. 2014 और 2019 में सहयोगी दलों के क्रमश: 5 और 4 नेता मंत्री बनाए गए थे. 2024 में 13 सहयोगी पार्टियों के 11 नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.
बीजेपी ने अपने 60 मंत्रियों को मंडिमंडल में जगह दी है. 30 कैबिनेट मंत्री में 25 बीजेपी से हैं और 5 सहयोगी दल के नेता. 5 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) में से तीन बीजेपी से हैं और दो सहयोगी दल से हैं. 36 राज्यमंत्री में से 32 बीजेपी और 4 सहयोगी दल से हैं.
सहयोगी दल में टीडीपी, जेडीयू, एलजेपी (रामविलास), अपना दल (एस), एचएएम, जेडीएस, शिवसेना, आरएलडी, आरपीआईए के सांसदों को मौका मिला है. जेडीयू और टीडीपी को 2-2 मंत्री पद मिले. इनमें एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री शामिल है.
किस राज्य से कितने मंत्री?
मोदी सरकार में सबसे ज्यादा 11 मंत्री उत्तर प्रदेश से शामिल किए गए हैं. इसके बाद बिहार से आठ मंत्री और गुजरात से छह मंत्री हैं. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक से 5-5 मंत्री हैं. राजस्थान से 4 मंत्री मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं. हरियाणा, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा के 3-3 नेताओं को जगह मिली है. असम, तेलंगाना, झारखंड, पश्चिम बंगाल से 2-2 मंत्री चुने गए हैं. वहीं पंजाब, दिल्ली, गोवा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड से 1-1 नेता को ही मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.
2019 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद मोदी सरकार में यूपी और महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा 9-9 मंत्री शामिल हुए थे. बिहार, कर्नाटक, मध्य प्रदेश से 5-5 मंत्रियों को जगह दी थी. गुजरात, हरियाणा, राजस्थान के 3-3 नेता मंत्रिमंडल में चुने गए थे. पंजाब, झारखंड, पश्चिम बंगाल से 2-2 नेता आए. वहीं दिल्ली, उत्तराखंड, गोवा, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, असम, ओडिशा से एक-एक मंत्री को जगह मिली थी.
कम सांसद चुने गए, फिर भी मंत्रियों की संख्या ज्यादा क्यों?
हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड ऐसे राज्य हैं जहां चुनाव में कम एनडीए सांसद चुने जाने के बावजूद ज्यादा मंत्री पद दिए गए हैं. हरियाणा में सिर्फ 5 सांसदों ने जीत हासिल की, लेकिन आधे से ज्यादा 3 नेताओं को मंत्री पद दिया गया है. ऐसे ही महाराष्ट्र में 17 में 6 और झारखंड में 9 में 2 नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. इसका कारण है चुनाव. इन तीनों ही राज्यों में इसी साल के आखिरी तक विधानसभा चुनाव होना है.
अगले साल 2025 में दो राज्यों में चुनाव होना है- दिल्ली और बिहार. यहां भी कम सांसदों पर ज्यादा मंत्री बनाए गए हैं. दिल्ली की सभी 7 सीट बीजेपी ने जीती है. यहां को एक नेता को मंत्री बनाया गया है. बिहार में एनडीए गठबंधन ने 40 में से 30 सीटें जीती और यहां से आठ नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.
21वीं सदी के सबसे बड़े मंत्रिपरिषद की शपथ
21वीं सदी में 5 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. 2024 में 18वीं लोकसभा के लिए प्रधानमंत्री समेत सबसे ज्यादा 72 नेताओं ने एक दिन में शपथ ली. ये 21वीं सदी का सबसे बड़ा मंत्रिपरिषद है. इससे पहले 2004 में 68, 2009 में 60, 2014 में 46 और 2019 में 58 नेताओं का एक दिन में शपथग्रहण हुआ था.
मोदी कैबिनेट 3.0 में 71 मंत्रियों को शामिल किया गया है. सभी मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर दिया गया है.