इंदौर : कैसे बचेगी हमारी कान्ह, सरस्वती ?
कैसे बचेगी हमारी कान्ह, सरस्वती
दोनों नदियों के किनारों पर ही 2595 अतिक्रमण इनमें 1000 से ज्यादा पक्के, 176 व्यावसायिक
कान्ह और सरस्वती नदी लाख प्रयास के बाद भी कलकल नहीं बह पा रही है तो इसके पीछे प्रमुख वजह किनारों पर हुआ अतिक्रमण भी है। जिला प्रशासन के पास निगम के सभी जोन से पहुंची रिपोर्ट के मुताबिक दोनों नदियों पर कुल 2595 अवैध निर्माण सामने आए हैं। इनमें 1 हजार से ज्यादा पक्के मकान हैं।
वहीं 176 कमर्शियल बिल्डिंगों में कई तरह की व्यावसायिक या औद्योगिक गतिविधियां चल रही हैं। ऐसे में भवन अधिकारी, भवन निरीक्षक, बिल्डिंग दरोगा और रिमूवल अमला क्या करता रहा। सबसे ज्यादा अतिक्रमण लोखंडे ब्रिज से भागीरथपुरा, शिवशक्ति नगर होते हुए लक्ष्मण माली के खेत के पीछे तक 400 अतिक्रमण हैं। जूनी इंदौर से चंपाबाग, हाथीपाला तक 381 अतिक्रमण हैं। चोइथराम पुल से लाल बाग पुल तक 184 अतिक्रमण हैं।
प्रशासन और निगम संयुक्त कार्रवाई करेंगे
जल गंगा संवर्धन अभियान और कान्ह-सरस्वती शुद्धिकरण अभियान के लिए यह रिपोर्ट तैयार की गई है। कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक जल्द ही इन्हें हटाने की कार्रवाई करेंगे। पहले चरण में वे निर्माण लिए जाएंगे, जिनसे नदी के छोर प्रभावित हो रहे हैं। इसके लिए संयुक्त टीमों का गठन किया जाएगा।
कृष्णपुरा पुल से अहिल्याश्रम तक 121 व्यावसायिक कब्जे
रिपोर्ट के मुताबिक इन अतक्रिमण में से कुछ जगह तो नगर निगम के मार्केट भी हैं। जोन 3 (जो खुद नगर निगम मुख्यालय से लगा है) में सबसे ज्यादा व्यावसायिक निर्माण हैं। यहां 124 पक्के अतिक्रमण में से 121 व्यावसायिक उपयोग के है। इसके बाद जोन 18 में चितावद में 22 और जोन 19 में बनवारी एसटीपी से भावना नगर की दोनों पट्टी में 11 कमर्शियल अतिक्रमण हैं।