नोएडा … ईडी ने प्राधिकरण से मांगी बिल्डरों की जानकारी ?

मनी लांड्रिंग : ईडी ने प्राधिकरण से मांगी बिल्डरों की जानकारी
-सीईओ को पत्र लिखकर मांगा ब्यौरा, नामचीन बिल्डर की 25 कंपनियां भी सूची में शामिल

नोएडा। प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग मामले में नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को पत्र लिखकर कुछ बिल्डरों की जानकारी मांगी है। पत्र में एक नामचीन बिल्डर के बारे में भी पूछा गया है। इसमें 63 कंपनियों के नाम शामिल हैं, जिनमें आवासीय समेत दूसरे प्रकार के काम करने वाली कंपनियां हैं। संभावना है कि इनमें से कई कंपनियां नोएडा-ग्रेनो से बाहर काम करती हैं।

पत्र में बताया गया कि इन कंपनियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत जांच चल रही है। लिहाजा जांच के तहत इन कंपनियों के जमीन के आवंटन की जानकारी मांगी गई है। इनका आवंटन एकल माध्यम से हुआ हो या फिर कई कंपनियों के साथ ग्रुप के साथ हुआ हो, सबका ब्यौरा देना है। पत्र में यह भी कहा गया है कि इनके आवंटन के बाद इन पर कितनी धनराशि का बकाया है, जानकारी देनी है। इन पैसों को देने में इन्होंने कितनी देरी की है, यह सब भी बताना है।
इसके अलावा ईडी यह भी जानना चाहती है कि जमीन आवंटन के बाद ऐसे बिल्डरों ने नियम के तहत काम किया या आवंटन के नियमों का उल्लंघन किया है। अगर कंपनी के खिलाफ प्राधिकरण ने एफआईआर दर्ज कराई है तो इसकी भी जानकारी देनी होगी। अगर प्राधिकरण ने ऐसी कंपनियों के जमीन आवंटन निरस्त किए हैं या फिर उक्त कंपनी या इसके कंसोर्टियम के खिलाफ किसी तरह का एक्शन लिया है तो इसका ब्यौरा भी ईडी को 28 जून तक उपलब्ध कराना होगा। प्रवर्तन निदेशालय के उप निदेशक ज्वलिन तेजपाल की ओर से यह जानकारी मांगी गई है।

दरअसल, बिल्डर कंपनियों पर निवेशकों का पैसा डायवर्ट करने का आरोप काफी पहले से लगता आ रहा है। संभव है कि इसी कड़ी में ईडी की ओर से इन कंपनियों की जांच चल रही है। सूची में 63 कंपनियों के नाम शामिल हैं। लेकिन नोएडा के एक नामचीन बिल्डर की 25 कंपनियों के नाम इस सूची में शामिल है। इस कंपनी को टारगेट करते हुए सीईओ से ब्यौरा मांगा गया है।

फ्लैट खरीदारों का पैसा लेकर कब्जा नहीं देने का भी आरोप
नोएडा-ग्रेनो में कई ऐसे बिल्डर हैं जिन्होंने फ्लैट खरीदारों की बुकिंग करा ली और 95 प्रतिशत तक धनराशि ले ली। लेकिन घर नहीं बनाए। कइयों ने अधूरे निर्माण किए और गायब हो गए। जिन्होंने घर बनाए उन्होंने आज तक रजिस्ट्री नहीं कराई। ऐसे में यहां के फ्लैट खरीदार अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। इसमें नोएडा के 57 बिल्डरों के खिलाफ प्राधिकरण खुद ही कार्रवाई कर रहा है। वहीं, कई ऐसे भी बिल्डर हैं जिनका मामला कोर्ट में चल रहा है और कोर्ट से आदेश के बाद ही प्राधिकरण इनके खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही कर सकता है। ऐसे बिल्डरों पर प्राधिकरण का करीब 28 हजार करोड़ रुपए बकाया है। वहीं, नोएडा में करीब 35 हजार और जिले में करीब दो लाख फ्लैट खरीदार फंसे हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *