नया नियम:प्रोजेक्ट में जमीन गई तो मुआवजा नहीं, दोगुने एफएआर में निर्माण की छूट मिलेगी

नया नियम:प्रोजेक्ट में जमीन गई तो मुआवजा नहीं, दोगुने एफएआर में निर्माण की छूट मिलेगी

प्रदेश के 4 शहरों इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में अब सरकारी प्रोजेक्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण होने पर नकद मुआवजा नहीं मिलेगा। इसके बदले उतनी ही जमीन पर दोगुने फ्लोर एरिया रेशिओ (एफएआर) में निर्माण की छूट मिलेगी। ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (टीडीआर) के रूप में मिलने वाला यह एफएआर शेयर की तरह उसी शहर में 24 मीटर या उससे चौड़ी सड़क के किनारे दोगुनी गहराई तक मान्य होगी। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के कमिश्नर व डायरेक्टर, श्रीकांत बनोठ के अनुसार, भोपाल में आपत्तियों की सुनवाई जल्द कर प्रस्ताव विभाग को भेजेंगे। बाकी शहरों के प्रस्ताव स्वीकृत हो चुके हैं। नगरीय निकाय मांग रहे टीडीआर सर्टिफिकेट-रिसीविंग एरिया के अधिकार : भोपाल और इंदौर नगर निगम पूर्व में टीडीआर पर सुझाव रख चुके हैं। निकायों का मानना है कि क्योंकि सड़क आदि प्रोजेक्ट उन्हें बनाने हैं तो रिसीविंग एरिया घोषित करने का अधिकार उन्हें मिले। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और गुजरता जैसे राज्यों का सुझाव देते हुए निकाय टीडीआर सर्टिफिकेट जारी करने के अधिकार मांग रहे हैं। अभी अधिकार टीएनसीपी संचालक के पास हैं।

भोपाल-इंदौर में टीडीआर के साथ टीओडी को भी जोड़ा
भोपाल-इंदौर में मेट्रो के लिए टीडीआर के साथ ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) पॉलिसी को जोड़ा गया है। टीओडी पॉलिसी में मेट्रो रूट के आसपास के क्षेत्र में रिसीविंग एरिया घोषित होगा। अतिरिक्त एफएआर देकर हाईराइज स्ट्रक्चर बनाए जाएंगे। केंद्र सरकार टीओडी पॉलिसी के तहत पब्लिक बीआरटीएस और मेट्रो जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट विकसित करा रहा है। जिसके पास अधिक डेंसिटी वाले रिहायशी और कमर्शियल क्षेत्र मौजूद हों। हालांकि मप्र में सालों से टीडीआर रूल्स पर काम हो रहा है पर आज तक कोई भी टीडीआर सर्टिफिकेट जारी नहीं हो सके हैं। 2012 में बने बीआरटीएस प्रोजेक्ट के भी टीडीआर नहीं दिए जा सके हैं।

वो सब कुछ, जो आपके लिए जानना जरूरी है

उसी शहर में 24 मीटर से चौड़ी सड़क के किनारे होगा मान्य

एफएआर कैसे बढ़ेगा? क्या फायदा होगा?
– मान लें कि आपके पास 1000 वर्ग फीट जमीन है और मास्टर प्लान के अनुसार 1.25 एफएआर के हिसाब से आप इस पर 1250 वर्ग फीट में निर्माण कर सकते हैं। यदि यह जमीन सड़क या किसी अन्य प्रोजेक्ट के लिए ली जाती है तो आपको कम से कम दोगुना निर्माण का सर्टिफिकेट मिलेगा। टीडीआर के तहत 0.5 एफएआर अधिक मिलेगा। यानी 1.25 की जगह 1.75 एफएआर उपयोग होगा। यानी जिस 1000 वर्ग फीट प्लॉट पर 1250 वर्ग फीट निर्माण हो सकता है, वहां 1750 वर्ग फीट निर्माण हो सकेगा।
इस ​सर्टिफिकेट का उपयोग कैसे होगा?
– सर्टिफिकेट को 24 मीटर या उससे चौड़ी सड़क किनारे या तो स्वयं उपयोग कर सकेंगे या न्यूनतम 50 यूनिट तक बेच सकेंगे।
क्या हर प्रोजेक्ट में ऐसा ही होगा?
– टीडीआर में केवल जमीन का मुआवजा देने की प्रक्रिया बदलेगी। अधिग्रहण की प्रक्रिया नहीं बदलेगी। अधिग्रहण से पहले नोटिफिकेशन जारी हाेगा। आपत्ति व सुनवाई का मौका मिलेगा। बताया जाएगा कि मुआवजे के रूप में टीडीआर किस तरह मिलेगा। फिर अंतिम फैसला होगा।

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