गुरुग्राम। प्रदेश के सबसे धनी नगर निगम गुरुग्राम के सामने आने वाले दिनों में बजट का संकट हो सकता है। स्थिति यह है कि नगर निगम का सालाना खर्च लगभग एक हजार करोड़ रुपये है और आमदनी 600 कराेड़ रुपये भी नहीं है।

निगम के खजाने पर लगातार बोझ बढ़ने और आय घटने के कारण जमा पूंजी खत्म हो रही है। इसके साथ ही सड़क, फ्लाईओवर, अंडरपास, मेडिकल कॉलेज, बिल्डिंग और पार्किंग निर्माण जैसे प्रोजेक्ट में भी करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन प्रापर्टी टैक्स और विज्ञापनों से आय घट रही है। अगर यही स्थिति रही तो कर्मचारियों के लिए वेतन का संकट भी हो सकता है।

एनएचएआइ ने नगर निगम से मांगे 67 करोड़ रुपये

शहर में बनाए गए अंडरपास निर्माण के बजट में नगर निगम का भी हिस्सा था। 121 करोड़ रुपये का भुगतान करने के बाद अब 67 करोड़ रुपये एनएचएआइ ने नगर निगम से मांगे हैं। इसी तरह जीएमडीए का भी पानी और सीवर का 117 करोड़ रुपये का बिल बकाया है।

सालाना लगभग एक हजार करोड़ खर्च करता है निगम
  • कार्य – खर्च (करोड़ रुपये में)
  • सेनिटेशन – 350
  • विकास – 300
  • मरम्मत – 100
  • वेतन – 250
इन स्त्रोतों से निगम को होती है आय
  • आय स्त्रोत – आय (करोड़ रुपये)
  • प्रॉपर्टी टैक्स – 200 से 250
  • स्टांप ड्यूटी – 180 से 250
  • विज्ञापन -40 से 50
विज्ञापनों से आय की स्थिति

       वर्ष – आय (करोड़ रुपये में)

  • 2017-18 – 14.14
  • 2018-19 – 13.90
  • 2019-20 – 15.45
  • 2022-23 – 20
  • 2023-24 – 50
प्रॉपर्टी टैक्स से आय की स्थिति

          वर्ष – आय (करोड़ रुपये)

  • 2017-18 – 332
  • 2018-19 – 207
  • 2019-20 – 168
  • 2020-21 – 225
  • 2023-24 – 250
तीन सौ करोड़ तीन प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे

व्यापार सदन में निगम का कार्यालय बन रहा है। इसकी अनुमानित लागत 130 करोड़ रुपये है जोकि बढ़ भी सकती है। इसी तरह सदर बाजार के समीप मल्टीलेवल पार्किंग बन रही है।

वजीराबाद स्पोर्ट्स कांप्लेक्स निर्माण के लिए हाल ही में निगम ने निजी एजेंसी को काम सौंपा है। इसके निर्माण पर लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। ऐसे में इन तीनों प्रोजेक्ट पर लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। बजट खत्म होने से इनके भुगतान की चुनौती भी निगम के सामने होगी।

नगर निगम का काम लोगों को सुविधाएं देना है ताकि कोई परेशानी न हो। लगभग 450 करोड़ रुपये स्टांप ड्यूटी के नगर निगम को मिलने हैं। अगर फिर भी जरूरत पड़ी तो सरकार से अनुदान लिया जाएगा।

 आयुक्त नगर निगम गुरुग्राम।