पांच साल में आरक्षित एवं पिछड़े वर्ग के 1100 से अधिक उम्मीदवार बने IAS, IPS और IFS !
पिछले पांच साल में आरक्षित कैटेगिरी से कुल 1195 अभ्यर्थी आईएएस आईपीएस और आईएफएस चुने गए हैं केंद्र सरकार ने संसद में ये जानकारी दी। आंकड़े पेश करते हुए केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि अब तक लैटरल एंट्री के जरिए विभिन्न क्षेत्रों के 63 विशेषज्ञों की नियुक्तियां की गई हैं। जिनमें से 35 नियुक्तियां निजी क्षेत्र से की गईं।
- कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में दी जानकारी।
- कहा- 2018 से निजी क्षेत्र के 35 विशेषज्ञों को किया गया नियुक्त।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि आरक्षित एवं पिछड़े वर्गों से 1,195 अभ्यर्थियों को पिछले पांच वर्षों में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों के रूप में नियुक्त किया गया है। केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने लिखित जवाब में बताया कि इनमें से 233 अधिकारी 2018 में, 231 अधिकारी 2019 में, 223 अधिकारी 2020 में, 250 अधिकारी 2021 में और 258 अधिकारी 2022 में नियुक्त किए गए।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि 2018 से अभी तक लैटरल एंट्री के जरिये विभिन्न क्षेत्रों के 63 विशेषज्ञों की नियुक्तियां की गई हैं। जिनमें से 35 नियुक्तियां निजी क्षेत्र से की गईं। वर्तमान में ऐसे 57 अधिकारी विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों में कार्यरत हैं। जनशिकायतों से जुड़े सवाल के जवाब में जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के जनशिकायत पोर्टल के जरिये दाखिल केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों से संबंधित 1,200 शिकायतें लंबित हैं।
उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के जरिये दाखिल शिकायत की स्थिति को शिकायत दाखिल करते समय बनी यूनीक रजिस्ट्रेशन आइडी से ट्रैक किया जा सकता है। आरक्षित श्रेणी की लंबित रिक्तियों के संबंध में उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों से ऐसी रिक्तयों को चिह्नित करने के लिए इन-हाउस कमेटी बनाने और उन्हें विशेष भर्ती अभियान चलाकर भरने के लिए कहा गया है। साथ ही कहा कि आरक्षित श्रेणी की लंबित रिक्तियों समेत पदों का रिक्त होना और उन्हें भरना एक निरंतर प्रक्रिया है।