स्कूलों की मनमानी मामले में शिक्षा विभाग की जांच थमी
स्कूलों की मनमानी को लेकर कलेक्टर ने जांच बैठा दी थी। जिस पर प्रशासनिक अफसर और जिला शिक्षा विभाग के अफसरों ने स्कूलों में जाकर निरीक्षण किया तथा फीस बढ़ाने की जानकारी ली थी। इसमें तीन स्कूल ऐसे पाए गए थे जिन्होंने जिला शिक्षा समिति से बिना अनुमति लिए 10 फीसद से अधिक फीस बढ़ा दी थी।
- शिक्षा विभाग ने जांच के लिए दस्तावेज मंगाए, लेकिन जांचा तक नहीं
- 500 स्कूलों ने शिक्षा विभाग को दिए थे दस्तावेज, जिनकी होनी थी जांच
- शिक्षा विभाग की उदासीनता पर अभिभावक महसूस कर रहे हैं अपने आप को ठगा
ग्वालियर। स्कूलों की मनमानी जारी है फिर भी शिक्षा विभाग ने इस मामले में जांच बंद कर दी गई। हालात यह है कि मनमाने तरीके से स्कूल फीस वसूल रहे हैं। जिसको लेकर कलेक्टर द्वारा कराई जांच में खुलासा भी हो चुका है और तीन स्कूलों पर 2-2 लाख का जुर्माना भी लगा। पर शिक्षा विभाग ने इस जांच को आगे बढ़ाना मुनासिब नहीं समझा।
जबकि अभिभावकों ने आगे आकर स्कूलों की मनमानी को लेकर शिकायत की। लेकिन शिक्षा विभाग की इस उदासीनता को लेकर अब अभिभावक खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। गजब की बात तो तब है जब जिला शिक्षा विभाग द्वारा जांच के नाम पर स्कूलों से दस्तावेज भी मंगवा लिए लेकिन इन्हें खोलकर नहीं देखा।
गौरतलब है कि स्कूलों की मनमानी को लेकर कलेक्टर ने जांच बैठा दी थी। जिस पर प्रशासनिक अफसर और जिला शिक्षा विभाग के अफसरों ने स्कूलों में जाकर निरीक्षण किया तथा फीस बढ़ाने की जानकारी ली थी। इसमें तीन स्कूल ऐसे पाए गए थे जिन्होंने जिला शिक्षा समिति से बिना अनुमति लिए 10 फीसद से अधिक फीस बढ़ा दी थी।
जब यह मामला पकड़ में आया तो उन स्कूलों से अभिभावकों से अधिक वसूली गई फीस वापस कराई तथा उन तीनों स्कूलों पर दो दो लाख का जुर्माना भी लगाया था। इस जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार का कहन है कि जांच कराई जाएगी। पर कब इस पर कोई जवाब नहीं मिल सका।
500 स्कूलाें उपलब्ध कराए थे दस्तावेज
जांच के दौरान तकरीबन 500 स्कूलों ने शिक्षा विभाग को अपने दस्तावेज उपलब्ध कराए थे। जिनकी जांच करना थी लेकिन इन दस्तावेजों को खोलकर तक विभाग के अफसरों ने नहीं देखा। ऐसे में जिन अभिभावकों ने शिकायत की थी उन्हें न्याय नहीं मिल सका। क्योंकि शहर में और भी ऐसे निजी स्कूल है जिनमें मनमाने ढंग से फीस वसूली जा रही है। इसके बाद भी शिक्षा विभाग जांच को आगे करने के पक्ष में दिखाई नहीं देता।